गोरखपुर: शहर को जलभराव से मुक्ति देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद कमर कसे हुए हैं. वह शहर के बीचोबीच से बहने वाले अति पुराने और अतिक्रमण से कराह रहे गोडधोइया नाले की साफ-सफाई के साथ उसके चौड़ीकरण के प्रोजेक्ट को अमलीजामा पहनाने की कवायद में जुटे हैं. करीब साढ़े 9 किलोमीटर लंबे इस नाले पर ₹950 करोड़ खर्च कर किए जाएंगे.
इसमें शहर के बीचोबीच एक खूबसूरत पर्यटन केंद्र के रूप में भी विकसित करने का प्रोजेक्ट निर्माण कार्य शामिल किया गया है. सीएम योगी ने शनिवार को दो दिवसीय दौरे पर गोरखपुर पहुंचने के साथ सबसे पहले निर्माणाधीन सैनिक स्कूल के कार्य का निरीक्षण किया. उसके बाद गोडधोइया नाले की सफाई कार्य और प्रोजेक्ट के अनुसार बनाए गए ड्राइंग डिजाइन को देखा और नगर निगम, जीडीए के अधिकारियों को कार्य मे तेजी लाने का निर्देश दिया.
इस प्रोजेक्ट की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बरसात से पहले इस नाले को बड़े पैमाने पर साफ करने का अभियान चलाया जा रहा है. गोरखपुर समेत कुशीनगर और पड़ोस के जिलों से बड़ी पोकलेन मशीन मंगाकर सफाई कार्य को अंजाम दिया जा रहा है. इससे बारिश के दिनों में यह नाला जल निकासी का बड़ा माध्यम बन जाएगा. तैयार प्रोजेक्ट के अनुसार इसकी दोनों दीवारों को आरसीसी युक्त बनाया जाएगा और नाले के एक तरफ आने-जाने के लिए सड़क भी बनाई जाएगी.
करीब एक माह से इस नाले की सफाई का अभियान नगर निगम युद्ध स्तर पर चला रहा है. नगर आयुक्त अविनाश सिंह खुद इसकी मॉनिटरिंग में जुटे हुए हैं तो जिलाधिकारी ने पूरे प्रोजेक्ट पर गंभीरता से पहल की है. यह मुख्यमंत्री के विशेष प्राथमिकता का विषय है. इसमें नाले पर अतिक्रमण किए हुए मकानों को भी ध्वस्त किया जाना शामिल है. सीएम योगी के निरीक्षण के बाद नगर आयुक्त ने नाले से संबंधित प्रोजेक्ट वर्क, इससे होने वाले फायदे के बारे में मीडिया से जानकारी साझा की.
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इस नाले के चौड़ीकरण में माना जा रहा है कि अतिक्रमण की जद में आने वाले करीब 500 मकानों को ध्वस्त किया जाएगा. जो मुआवजे के दायरे में आएंगे, उन्हें मुआवजा भी दिया जाएगा. प्रोजेक्ट में शामिल बजट में इसकी भी व्यवस्था की गई है. यह प्रोजेक्ट जलभराव से मुक्ति का मार्ग बनेगा और शहर के बीच खूबसूरती का एक नया पॉइंट भी बनकर तैयार होगा.
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