गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गो-संरक्षण और गो-संवर्धन के लिए संत समाज से भी आगे आने की अपील की है. उन्होंने कहा कि संत इसे अपने प्रवचन का हिस्सा बनाएं और अनिवार्य रूप से अपने आश्रम में गोशाला बनाएं, जिससे गो संवर्धन और संरक्षण सुनिश्चित हो सकेगा.
सीएम ने इसके लिए गोरखनाथ पीठ की नजीर दी और कहा कि मौजूदा समय में गोरखनाथ मंदिर में करीब 350 गायों का पालन और संरक्षण किया जा रहा है जिसमें सभी स्वस्थ हैं. इनकी देखभाल भी वे खुद किया करते थे, लेकिन सीएम बनने के बाद थोड़ा समय कम मिलता है, फिर भी इसे अभियान के रूप में ले रखा हूं. सीएम योगी ने कहा कि सरकार से लेकर समाज का इसमें योगदान बढ़ाने की कोशिश जारी है.
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सीएम योगी ने कहा कि धर्म के साथ मिलकर ही राजनीति लोक कल्याण के लिए समर्पित होती है. भारत की ऋषि और कृषि परंपरा के परंपरागत स्वरूप को कायम करने के लिए गो-पालन का होना बेहद जरूरी है. वह भी भारतीय नस्ल की गायों का, जिससे भारतीय समाज और संस्कृत की भी रक्षा होती है.
'कल्याणकारी कार्यों के लिए संत समाज को आगे आना चाहिए'
योगी ने कहा कि लोक कल्याणकारी कार्यों के लिए संत समाज को आगे आना चाहिए, क्योंकि समाज उनकी तरफ विशेष भावना के साथ आकर्षित होता है. उन्होंने कहा गो-पालन और संवर्द्धन न सिर्फ ऐसे पशुओं की सुरक्षा के लिए जरूरी है, बल्कि खेती और उत्तम स्वास्थ्य भी इसके द्वारा पाया जाता है.
'भारत की प्रतिष्ठा को फिर से कायम करने का युग शुरू हो चुका है'
सीएम योगी ने कहा कि सांस्कृतिक भारत की प्रतिष्ठा को फिर से कायम करने का युग शुरू हो चुका है, लेकिन इसके लिए देश की जनता को आगे आना होगा और हर जन उपयोगी अभियान को आंदोलन बनाना होगा. सीएम ने कहा कि देश में साधु संतों की संख्या भी कम नहीं है. अगर सभी मिलकर राष्ट्र निर्माण के लिए प्रण से जुट जाएं और लोक कल्याणकारी सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार वह अपने प्रवचन मंच से भी करना शुरू कर दें तो वह दिन दूर नहीं जब ऋषि मुनियों की परंपरा देश में चल पड़ेगी. इससे संत समाज के प्रति लोगों का सम्मान और प्रेम भाव और बढ़ेगा तो गो-संवर्धन और देश का विकास होकर रहेगा.