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सीएम योगी बोले- हेल्थ ATM से देश-दुनिया के प्रख्यात डॉक्टर से ले सकते हैं परामर्श, कई प्रकार की जांच भी संभव

सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने आज 19 हेल्थ एटीएम का लोकार्पण (Health ATM Inauguration) किया. वहीं, सीएम ने रेडक्रॉस सोसाइटी की तरफ से गोद लिए गए टीबी रोगियों को पोषण पोटली और बालिकाओं को हाइजीन किट दी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 31, 2023, 10:18 PM IST

गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन हुआ है. इसे और बेहतरीन बनाने में टेक्नोलॉजी बेहतरीन माध्यम बन रही है. टेक्नोलॉजी से जुड़कर यूपी का स्वास्थ्य एवं चिकित्सा क्षेत्र और सुदृढ़ हो रहा है. योगी रविवार शाम गोरखपुर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सांसद रविकिशन शुक्ल के सौजन्य से उपलब्ध कराए गए 19 हेल्थ एटीएम का लोकार्पण करने के बाद योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में आयोजित समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने रेडक्रॉस सोसाइटी की तरफ से गोद लिए गए 500 टीबी रोगियों को पोषण पोटली और 500 बालिकाओं को हाइजीन किट वितरण का भी शुभारंभ किया. सीएम ने इस दौरान पांच टीबी रोगियों को पोषण पोटली, पांच बालिकाओं को हाइजीन किट और दो लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड का प्रमाण पत्र वितरित किया.

सीएम योगी ने कहा कि हेल्थ एटीएम और टेली कंसल्टेशन जैसी टेक्नोलॉजी से सुदूर क्षेत्र में बैठा व्यक्ति भी देश-दुनिया के प्रख्यात अस्पतालों और डॉक्टरों से जुड़कर अपनी जांच रिपोर्ट भेजकर परामर्श ले सकता है. हेल्थ एटीएम से 62 प्रकार की जांच हो सकती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्राथमिक, समुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और जिला अस्पतालों के लिए हेल्थ एटीएम उपलब्ध कराए जा रहे हैं. इससे जांच कराकर लोग टेली कंसल्टेशन से दिल्ली-मुंबई के चिकित्सकों की सेवा ले सकते हैं. सीएम ने कहा कि टेक्नोलॉजी काम को कैसे आसान कर सकती है इसे कोरोना काल में सबने देखा है. कोरोना काल के शुरुआती दौर में प्रदेश के 36 जिलों में आईसीयू बेड और आवश्यक मानव संसाधन नहीं थे. तब टेक्नोलॉजी का सहारा लेकर टेली कंसल्टेशन और वर्चुअल आईसीयू की सेवा शुरू की गई. सरकार के प्रयास से सभी 75 जिलों में आसीईयू सेवा शुरू हो गई है.

मुख्यमंत्री ने रेडक्रॉस सोसाइटी की पहल की सराहना करते हुए कहा कि टीबी का उपचार संभव है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2030 तक टीबी के उन्मूलन की समयसीमा तय की है. जबकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2025 तक ही देश से टीबी के उन्मूलन का लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सबसे बड़ी भूमिका सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने में समाज को भी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना होगा. उन्होंने कहा कि जब समाज स्वस्थ होगा तो वह सशक्त बनेगा. सशक्त होने पर ही समर्थ होगा और समाज के समर्थ होने पर ही समाज व राष्ट्र में खुशहाली आएगी. सामुदायिक कार्य के लिए सामाजिक जिम्मेदारी को समझना आवश्यक है. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे टीबी रोगियों का हाल-चाल लें. उन्हें पोषण किट, सरकार से प्रतिमाह प्राप्त होने वाले 500 रुपये और अन्य सुविधाओं के प्रति जागरूक करें.

गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन हुआ है. इसे और बेहतरीन बनाने में टेक्नोलॉजी बेहतरीन माध्यम बन रही है. टेक्नोलॉजी से जुड़कर यूपी का स्वास्थ्य एवं चिकित्सा क्षेत्र और सुदृढ़ हो रहा है. योगी रविवार शाम गोरखपुर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सांसद रविकिशन शुक्ल के सौजन्य से उपलब्ध कराए गए 19 हेल्थ एटीएम का लोकार्पण करने के बाद योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में आयोजित समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने रेडक्रॉस सोसाइटी की तरफ से गोद लिए गए 500 टीबी रोगियों को पोषण पोटली और 500 बालिकाओं को हाइजीन किट वितरण का भी शुभारंभ किया. सीएम ने इस दौरान पांच टीबी रोगियों को पोषण पोटली, पांच बालिकाओं को हाइजीन किट और दो लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड का प्रमाण पत्र वितरित किया.

सीएम योगी ने कहा कि हेल्थ एटीएम और टेली कंसल्टेशन जैसी टेक्नोलॉजी से सुदूर क्षेत्र में बैठा व्यक्ति भी देश-दुनिया के प्रख्यात अस्पतालों और डॉक्टरों से जुड़कर अपनी जांच रिपोर्ट भेजकर परामर्श ले सकता है. हेल्थ एटीएम से 62 प्रकार की जांच हो सकती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्राथमिक, समुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और जिला अस्पतालों के लिए हेल्थ एटीएम उपलब्ध कराए जा रहे हैं. इससे जांच कराकर लोग टेली कंसल्टेशन से दिल्ली-मुंबई के चिकित्सकों की सेवा ले सकते हैं. सीएम ने कहा कि टेक्नोलॉजी काम को कैसे आसान कर सकती है इसे कोरोना काल में सबने देखा है. कोरोना काल के शुरुआती दौर में प्रदेश के 36 जिलों में आईसीयू बेड और आवश्यक मानव संसाधन नहीं थे. तब टेक्नोलॉजी का सहारा लेकर टेली कंसल्टेशन और वर्चुअल आईसीयू की सेवा शुरू की गई. सरकार के प्रयास से सभी 75 जिलों में आसीईयू सेवा शुरू हो गई है.

मुख्यमंत्री ने रेडक्रॉस सोसाइटी की पहल की सराहना करते हुए कहा कि टीबी का उपचार संभव है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2030 तक टीबी के उन्मूलन की समयसीमा तय की है. जबकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2025 तक ही देश से टीबी के उन्मूलन का लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सबसे बड़ी भूमिका सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने में समाज को भी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना होगा. उन्होंने कहा कि जब समाज स्वस्थ होगा तो वह सशक्त बनेगा. सशक्त होने पर ही समर्थ होगा और समाज के समर्थ होने पर ही समाज व राष्ट्र में खुशहाली आएगी. सामुदायिक कार्य के लिए सामाजिक जिम्मेदारी को समझना आवश्यक है. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे टीबी रोगियों का हाल-चाल लें. उन्हें पोषण किट, सरकार से प्रतिमाह प्राप्त होने वाले 500 रुपये और अन्य सुविधाओं के प्रति जागरूक करें.

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