गोरखपुरः पूरे प्रदेश में सड़कों का काम जोरों-शोरों से चल रहा है. ऐसे में सीएम योगी के गढ़ गोरखपुर की सड़कें भला क्यों नहीं चमकती दिखेंगी. सीएम ने गुरूवार को यूपीडा और निर्माण कंपनियों के वरिष्ठ अफसरों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के निर्माण को लेकर जानकारी ली. इसके बाद वे सिकरीगंज के गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे और कम्हरिया घाट पर निर्माणाधीन घाघरा पुल का निरीक्षण किया. उन्होंने निर्माण काम में गुणवक्ता बरतने की हिदायत दी. एक्सप्रेस निर्माण कंपनियों ने सीएम को भरोसा दिलाया है कि मार्च 2022 तक लिंक एक्सप्रेस-वे बनकर तैयार हो जायेगा. मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन के अफसरों को निर्देशित किया है कि गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के निर्माण कंपनियों को मिट्टी उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाये. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने वहां पौधारोपण भी किया.
सीएम ने विकास के कामों की समीक्षा की
मुख्यमंत्री ने पीजीसीआईएल, पावर ट्रांसमिशन और पावर कॉरपोरेशन के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे बिजली लाइनों के विस्थापन के काम को शीर्ष प्राथमिकता पर करें. उन्होंने मिट्टी के तटबंधों के निर्माण को आने वाले बरसात से पहले ही पूरा कराने के निर्देश दिये. वहीं, यूपीडा के अफसरों ने सीएम को घाघरा नदी पर बनने वाले पुल के बारे में जानकारी दी. यूपीडा के चेयरमैन अवनीश अवस्थी ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि घाघरा नदी पुल पर 50 वेल में से 18 पर काम शुरू हो गया है, बाकि के वेल बनाने का काम बरसात आने से पहले शुरू हो जाएगा. मौके पर निर्माण कंपनी एपको और डिलीट बिल्ड कार्न के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को भरोसा दिलाया कि मार्च 2022 तक गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे का काम पूरा हो जाएगा. गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे बनने के बाद लखनऊ से गोरखपुर आवागमन का एक और वैकल्पिक मार्ग तैयार हो जाएगा.
पूर्वांचल में विकास को रफ्तार
दरअसल, पूर्वांचल में विकास को रफ्तार देने के लिए प्रदेश सरकार लखनऊ से आजमगढ़ होते हुए गाजीपुर तक सिक्स लेन का पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे बनाया जा रहा है. एक्सप्रेस वे को गोरखपुर से जोड़ने के लिए गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे का निर्माण हो रहा है. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के साथ ही अब गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे को भी समय से पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री विशेष रूप से प्रयास कर रहे हैं. पूर्वांचल एक्स्प्रेस-वे से गोरखपुर को जोड़ने वाला लिंक गोरखपुर से निकल कर सदर, सहजनवा और खजनी तहसील होते हुए घनघटा तहसील के चार गांव से होकर जाएगा. अम्बेडकरनगर होते हुए आजमगढ़ जिले में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे में जाकर मिल जाएगा। लिंक एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 91.352 किमी है. जिसमें भविष्य को ध्यान मे रखते हुए छह लेन का स्ट्रक्चर बनेगा पर शुरुवात में चार लेन की ही सड़क बनेगी.
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे
6 लेन की पूर्वांचल एक्सप्रेस गाजीपुर जिले को राज्य की राजधानी लखनऊ समेत आज़मगढ़ और अयोध्या से जोड़ेगी. 340.824 किलोमीटर एक्सप्रेस-वे का निर्माण 22,494 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है. ये लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अम्बेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर सहित नौ जिलों से होकर गुजरेगा। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) के मुताबिक, एक्सप्रेस-वे को मार्च 2021 तक जनता के लिए खोले जाने की उम्मीद है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 जुलाई, 2018 को आज़मगढ़ में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की आधारशिला रखी थी. इस योजना पर अब तक करीब 68 प्रतिशत काम पूरा किया जा चुका है. 302 किमी लंबे लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे और आगरा से दिल्ली तक 165 किमी लंबे यमुना एक्सप्रेस-वे से जुड़ा होगा.