गोरखपुरः चारों तरफ सुंदर-सुंदर घाट, बीच में ठंडे पानी से लबालब तालाब और उस पर बैठकर नौका विहार का आनंद. सोचकर ही मजा आ गया ना. ये मजा पाने के लिए आपको किसी पर्यटन स्थल जाने की जरूरत नहीं क्योंकि जल्द ही ये मजा आपको गोरखपुर में मिलेगा. चौंकिए नहीं, अब गोरखपुर का 'चिलुआताल' न केवल पर्यटन की दृष्टि से विकसित हो रहा है बल्कि इससे पानी की जरूरत भी पूरी होगी. यानी एक तीर से दो निशाने. प्रशासन इसके लिए काम कर रहा है.
ताल के दम पर 'लबालब' विकास
जिले के ताल यहां की विकास योजनाओं के लिए कमाल कर रहे हैं. पहले से चर्चित रामगढ़ ताल जहां पर्यटन का बड़ा केंद्र बन चुका है, वहीं अब चिलुआताल भी अपनी नई पहचान के साथ गोरखपुर के कुछ क्षेत्रों के लोगों की प्यास बुझाने का काम करेगा. निर्माणाधीन खाद कारखाने को 14500 क्यूबिक मीटर पानी इस ताल के जरिए खाद निर्माण के लिए सप्लाई किया जाएगा. खाद कारखाना के आवासीय परिसर के अलावा शहरी क्षेत्र में भी पीने योग्य पानी की पूर्ति यहां से की जाएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर जिला प्रशासन ने जो प्रस्ताव तैयार किया था, उसके आधार पर कार्य चल रहा है. जिलाधिकारी की मानें तो अगले 6 महीने में ताल पर्यटन के साथ पानी की आवश्यकता को पूर्ति करने में बड़ा मददगार होगा.
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400 एकड़ क्षेत्रफल में फैला है चिलुआताल, डिसिल्टिंग का कार्य जारी
रामगढ़ ताल गोरखपुर में जुहू चौपाटी की तर्ज पर विकसित हो चुका है. यहां पर पर्यटकों की भारी भीड़ लग रही है. ताल में लोग बोटिंग का आनंद ले रहे हैं. इसी प्रकार 400 एकड़ क्षेत्रफल में फैले चिलुआताल में जल संरक्षण की दृष्टि से डिसिल्टिंग का कार्य किया जा रहा है. इस ताल से खाद कारखाने को जल की आपूर्ति होनी है. इस दृष्टि से झील का संरक्षण पर्याप्त जलापूर्ति के साथ ही राष्ट्रीय झील संरक्षण योजना के लिए काफी मददगार साबित हो रहा है. पर्यटन और जल की दृष्टि से इसे बेहतर बनाने के कार्य पर करीब 50 करोड़ खर्च का अनुमान है. केंद्र सरकार भी इसके लिए अपने हिस्से का बजट देगा तो राज्य सरकार इस को बेहतर बनाने के लिए बजट का कमी नहीं आने देगी. जो निर्माण कार्य शुरू होगा उसमें फुटपाथ, बोटिंग प्लेटफार्म, लाइटिंग आदि की सुविधा प्रदान की जाएगी.
नौका विहार, घाट और पाथवे भी
रामगढ़ ताल पर बनाए गए 'नया सवेरा' की तर्ज पर चिलुआताल को भी विकसित किया जाएगा. इस पर करीब 50 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. ताल में दोनों तरफ नौका विहार बनाया जाएगा. इसके अलावा ताल के चारों तरफ घाट और पाथ वे बनेंगे. इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. यह शहर का नया पिकनिक स्पॉट होगा जो गोरखपुर-नेपाल मार्ग पर उत्तरी दिशा में स्थित होगा. निर्माणाधीन खाद कारखाना के लिए विकसित हो रही टाउनशिप में करीब 1 लाख लोग रहेंगे. ऐसे में उनके लिए पेयजल की सुविधा का इंतजाम भी चिलुआताल से किया जाएगा. इस ताल के कुछ हिस्से का सुंदरीकरण खाद कारखाना प्रशासन भी करेगा, तो जिला प्रशासन जल निगम के माध्यम से इसके सुंदरीकरण का कार्य करेगा. ताल की गहराई को ठीक करने के लिए करीब 5 मीटर तक ड्रेजिंग कराई जाएगी. इस कार्य पर लगभग 25 करोड़ रुपए खर्च होंगे. जनता के आवागमन के लिए 1.6 किलोमीटर लंबा पाथवे बनाया जाएगा. इसके अंदर रबर डैम भी बनाया गया है, जिससे ताल के पानी को नियंत्रित किया जाएगा. इससे बाढ़ का स्थाई समाधान भी निकल जाएगा.