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जेल में छठ पूजा, 30 महिला बंदियों ने रखा व्रत, 20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर होगी समाप्त - गोरखपुर मंडलीय कारागार

छठ पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है. यह पूर्वांचल का मुख्य पर्व है. लेकिन, अब यह देश क्या विदेश तक में मनाया जाता है. गोरखपुर मंडलीय कारागार में महिलाएं छठ पूजा (Chhath Puja) कर रही हैं. उनके लिए जेल में पूरी व्यवस्था की गई है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 18, 2023, 3:38 PM IST

गोरखपुर मंडलीय कारागार में महिलाएं कर रहीं छठ पूजा

गोरखपुर: छठ पूजा देश भर में धूमधाम से की जाती है. गोरखपुर मंडलीय कारागार में भी महिलाएं छठ पूजा कर रही हैं. जेल में बंद 104 महिलाओं में से 30 महिलाएं इस व्रत को कर रही हैं. महिला बंदियों की व्रत के प्रति निष्ठा को देखते हुए जेल प्रशासन स्वयं सेवी संस्थाओं के साथ मिलकर इनकी पूजा पाठ से जुड़ी हुई जरूरी सभी वस्तुओं को उपलब्ध करा रहा है. साथ ही जेल परिसर के अंदर बहुत ही सुंदर माहौल पूजा पाठ का तैयार किया गया है.

पोखरे के रूप में गड्ढे की खुदाई की गई है. उसके किनारे बेदियां बनाई जा चुकी हैं. इसमें यह बंदी महिलाएं भगवान भास्कर को डूबते और उगते समय अर्घ्य देकर अपने व्रत का पारण करेंगी और उसे पूर्ण करेंगी. नहाए-खाए के साथ शुरू हुआ यह व्रत सोमवार सुबह भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ पूर्ण होगा. व्रती महिलाओं पर महिला जेलकर्मी के साथ जेल अधीक्षक की भी पूरी निगरानी है, जिससे उन्हें कोई तकलीफ हो तो उसे दूर किया जा सके.

जेल अधीक्षक दिलीप कुमार पांडेय ने बताया है कि जेल में कुल 104 महिला बंदी हैं, जिनमें 18 महिलाएं दहेज उत्पीड़न में बंद हैं. इसके अलावा हत्या, छिनैती और अन्य प्रकार के अपराधों में बंद हैं. उन्होंने कहा कि छठ पूजा के लिए जरूरी जो भी सामान चाहे वह मिट्टी के बर्तन हों, फल-फूल या खाद्य सामग्रियों को तैयार करने वाले पदार्थ, सभी की उपलब्धता इन महिलाओं को कराई गई है. जेल की महिला पुलिसकर्मी की निगरानी में यह अपने पूजा पाठ की तैयारी कर रही हैं. पूजा पाठ के माहौल से जेल के अंदर भी बड़ा सुंदर माहौल हो गया है. महिलाओं के गीत से जेल का वातावरण भी सुरम्य में हो रहा है. यह आयोजन जेलकर्मियों में भी उमंग और उत्साह भर रहा है.

ज्योतिष आचार्य शरद चंद्र मिश्र के अनुसार, छठ पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है. इसकी शुरुआत चतुर्थी तिथि से नहाय-खाय के साथ हो जाती है. सप्तमी तिथि को व्रत का पारण किया जाता है. लोक आस्था का महापर्व छठ पूरे चार दिनों तक चलता है. इसमें व्रती पूरे 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं. इसलिए, छठ व्रत को कठिन व्रतों में एक माना गया है. इस साल छठ पर्व की शुरुआत 17 नवंबर 2023 से हुई है. इस दिन व्रती ने नहाय-खाय के साथ छठ पर्व की शुरुआत की. वहीं, 20 नवंबर को ऊषा अर्घ्य और पारण के साथ छठ पर्व का समापन हो जाएगा. छठ व्रत सुहाग की लंबी आयु, संतान के सुखी जीवन और घर पर सुख-समृद्धि की कामना के लिए रखा जाता है.

यह भी पढ़ें: सोने सा चमकेगा रामलला का भव्य मंदिर, नृत्य मंडप तैयार, 15 दिसंबर तक पूरा हो जाएगा ग्राउंड फ्लोर का काम

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गोरखपुर मंडलीय कारागार में महिलाएं कर रहीं छठ पूजा

गोरखपुर: छठ पूजा देश भर में धूमधाम से की जाती है. गोरखपुर मंडलीय कारागार में भी महिलाएं छठ पूजा कर रही हैं. जेल में बंद 104 महिलाओं में से 30 महिलाएं इस व्रत को कर रही हैं. महिला बंदियों की व्रत के प्रति निष्ठा को देखते हुए जेल प्रशासन स्वयं सेवी संस्थाओं के साथ मिलकर इनकी पूजा पाठ से जुड़ी हुई जरूरी सभी वस्तुओं को उपलब्ध करा रहा है. साथ ही जेल परिसर के अंदर बहुत ही सुंदर माहौल पूजा पाठ का तैयार किया गया है.

पोखरे के रूप में गड्ढे की खुदाई की गई है. उसके किनारे बेदियां बनाई जा चुकी हैं. इसमें यह बंदी महिलाएं भगवान भास्कर को डूबते और उगते समय अर्घ्य देकर अपने व्रत का पारण करेंगी और उसे पूर्ण करेंगी. नहाए-खाए के साथ शुरू हुआ यह व्रत सोमवार सुबह भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ पूर्ण होगा. व्रती महिलाओं पर महिला जेलकर्मी के साथ जेल अधीक्षक की भी पूरी निगरानी है, जिससे उन्हें कोई तकलीफ हो तो उसे दूर किया जा सके.

जेल अधीक्षक दिलीप कुमार पांडेय ने बताया है कि जेल में कुल 104 महिला बंदी हैं, जिनमें 18 महिलाएं दहेज उत्पीड़न में बंद हैं. इसके अलावा हत्या, छिनैती और अन्य प्रकार के अपराधों में बंद हैं. उन्होंने कहा कि छठ पूजा के लिए जरूरी जो भी सामान चाहे वह मिट्टी के बर्तन हों, फल-फूल या खाद्य सामग्रियों को तैयार करने वाले पदार्थ, सभी की उपलब्धता इन महिलाओं को कराई गई है. जेल की महिला पुलिसकर्मी की निगरानी में यह अपने पूजा पाठ की तैयारी कर रही हैं. पूजा पाठ के माहौल से जेल के अंदर भी बड़ा सुंदर माहौल हो गया है. महिलाओं के गीत से जेल का वातावरण भी सुरम्य में हो रहा है. यह आयोजन जेलकर्मियों में भी उमंग और उत्साह भर रहा है.

ज्योतिष आचार्य शरद चंद्र मिश्र के अनुसार, छठ पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है. इसकी शुरुआत चतुर्थी तिथि से नहाय-खाय के साथ हो जाती है. सप्तमी तिथि को व्रत का पारण किया जाता है. लोक आस्था का महापर्व छठ पूरे चार दिनों तक चलता है. इसमें व्रती पूरे 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं. इसलिए, छठ व्रत को कठिन व्रतों में एक माना गया है. इस साल छठ पर्व की शुरुआत 17 नवंबर 2023 से हुई है. इस दिन व्रती ने नहाय-खाय के साथ छठ पर्व की शुरुआत की. वहीं, 20 नवंबर को ऊषा अर्घ्य और पारण के साथ छठ पर्व का समापन हो जाएगा. छठ व्रत सुहाग की लंबी आयु, संतान के सुखी जीवन और घर पर सुख-समृद्धि की कामना के लिए रखा जाता है.

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