ETV Bharat / state

कानपुर के व्यापारी मौत मामले में सीएम के हस्तक्षेप के बाद 6 पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज

गोरखुपर में कानपुर व्यापारी मनीष गुप्ता मौत मामले में सीएम योगी के हस्तक्षेप के बाद 6 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है. वहीं, सीएम योगी ने मृतक की पत्नी 10 लाख रुपये के साथ हर संभव मदद का भरोसा दिया है.

मनीष गुप्ता मौत मामला.
मनीष गुप्ता मौत मामला.
author img

By

Published : Sep 29, 2021, 2:57 PM IST

Updated : Sep 29, 2021, 4:11 PM IST

गोरखपुरः कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की हत्या के मामले में मंगलवार की देर रात छह पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है. इंस्पेक्टर जेएन सिंह, चौकी इंचार्ज अक्ष्य मिश्र और सब इंस्पेक्टर विजय यादव को नामजद सहित तीन अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. वहीं, परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा का भी एलान किया गया है. इससे पहले मुख्यमंत्री ने मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी से फोन पर बात की और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया. मीनाक्षी गुप्ता मुख्यमंत्री से आश्वासन मिलने के बाद शव लेकर कानपुर के लिए रवाना हो गई.

मीनीक्षी गुप्ता, मृतक मनीष गुप्ता की पत्नी.

सीएम योगी ने मृतक की पत्नी से की बात
बता दें कि इससे पहले पति की हत्या में छह पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को लेकर मीनाक्षी देर रात तक अड़ी रहीं. पोस्टमार्टम के ​बाद परिवार के लोगों ने लाश लेने और अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया. परिवारीजनों की मांग थी कि जब तक दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस नहीं दर्ज किया जाएगा, वे शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. उधर, इस मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय की नजर सुबह से ही थी. बाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने मीनाक्षी से बात की और सारी बातें सुनने के बाद परिवार को 10 लाख की आर्थिक सहायता तथा एफआईआर का भरोसा दिया. मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद तीन नामजद और तीन अज्ञात पर रामगढ़ताल थाने में देर रात एफआईआर दर्ज कराई गई.


छह पुलिसवालों के खिलाफ दी थी तहरीर
मीनाक्षी गुप्ता ने एसपी साउथ और सीओ को पुलिसकर्मियों को पति की हत्या के लिए दोषी ठहराते हुए नामजद तहरीर दी. इनमें इंस्पेक्टर रामगढ़ताल जेएन सिंह, चौकी इंचार्ज फलमंडी अक्षय मिश्रा,सब इंस्पेक्टर विजय यादव, सब इंस्पेक्टर राहुल दूबे, हेड कांस्टेबल कमलेश यादव, कांस्टेबल प्रशांत कुमार का नाम शामिल था.

तीन घंटे तक डीएम-एसएसपी ने की मनाने की कोशिश
पुलिस अफसरों ने जांच के बाद कार्रवाई का भरोसा दिया लेकिन मनीष गुप्ता का परिवार शव ले जाने को तैयार नहीं हुए. रात में करीब पौने नौ बजे डीएम और एसएसपी मेडिकल कॉलेज पहुंचे. जिले के आला अफसरों को इतनी देर से आने पर परिवारवालों में नाराजगी जाहिर की. अधिकारियों ने मीनाक्षी सहित परिवार के अन्य लोगों मनीष के पिता, ससुर और बहनों को समझाने की कोशिश शुरू कर दी. बाहर हो रही तीखी बहस के बाद अफसर मृतक के परिवार को मेडिकल कॉलेज चौकी पर लेकर जाया गया और वहां भी उन्हें मनाने की कोशिश की. बात नहीं बनी और परिवार एफआईआर पर अड़ा रहा.

मुकदमे की मांग को लेकर धरने पर बैठी पत्नी
मुकदमे को लेकर अड़ी पत्नी अपने भाई और कानपुर से आए अन्य लोगों के साथ मेडिकल कॉलेज चौकी के सामने धरने पर बैठ गईं. करीब 15 मिनट तक वह धरने पर रहीं इस बीच पुलिस कर्मियों ने परिवार के अन्य लोगों को समझा कर उन्हें सड़क से हटाया. इसके बाद दूसरे राउंड की बातचीत में भी देर रात तक पौने 12 बजे मुख्यमंत्री ऑफिस सामने आया और सीएम से बात कराई.

इसे भी पढ़ें-गोरखपुर में संदिग्ध परिस्थितियों में एक युवक की मौत, SSP ने 6 पुलिसकर्मियों को किया निलंबित


ये है मामला
कानपुर के बर्रा निवासी मनीष गुप्ता अपने दोस्त प्रदीप सिंह और हरवीर सिंह के साथ गोरखपुर घूमने आया था. सिकरीगंज का चंदन सैनी से तीनों की पुरानी दोस्ती थी. उसने ही कृष्णा पैलेश में अपने नाम पर कमरा बुक कराया था. सोमवार की रात पुलिस चेकिंग करने के लिए पहुंची थी. इस दौरान एक कमरे में तीन लोगों के मौजूद होने पर पुलिस ने चेकिंग की. आरोप है कि इस दौरान पुलिसकर्मियों ने मनीष गुप्ता की जमकर पिटाई कर दी. जिससे मनीष गंभीर रूप से जख्मी हो गया. इसके बाद पुलिस ने मनीष को जिला अस्पताल में भर्ती कराया. हालत नाजुक होने पर गोरखपुर मेडिकल कॉलेज लेकर गई, जहां पर उसकी मौत हो गई. घटना के संबंध में लापरवाही बरतने के आरोप में एसएसपी गोरखपुर द्वारा प्रभारी निरीक्षक रामगढ़ताल सहित छह पुलिस कर्मियों को निलंबित किया गया था. अब इस प्रकरण में इन सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

गोरखपुरः कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की हत्या के मामले में मंगलवार की देर रात छह पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है. इंस्पेक्टर जेएन सिंह, चौकी इंचार्ज अक्ष्य मिश्र और सब इंस्पेक्टर विजय यादव को नामजद सहित तीन अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. वहीं, परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा का भी एलान किया गया है. इससे पहले मुख्यमंत्री ने मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी से फोन पर बात की और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया. मीनाक्षी गुप्ता मुख्यमंत्री से आश्वासन मिलने के बाद शव लेकर कानपुर के लिए रवाना हो गई.

मीनीक्षी गुप्ता, मृतक मनीष गुप्ता की पत्नी.

सीएम योगी ने मृतक की पत्नी से की बात
बता दें कि इससे पहले पति की हत्या में छह पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को लेकर मीनाक्षी देर रात तक अड़ी रहीं. पोस्टमार्टम के ​बाद परिवार के लोगों ने लाश लेने और अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया. परिवारीजनों की मांग थी कि जब तक दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस नहीं दर्ज किया जाएगा, वे शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. उधर, इस मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय की नजर सुबह से ही थी. बाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने मीनाक्षी से बात की और सारी बातें सुनने के बाद परिवार को 10 लाख की आर्थिक सहायता तथा एफआईआर का भरोसा दिया. मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद तीन नामजद और तीन अज्ञात पर रामगढ़ताल थाने में देर रात एफआईआर दर्ज कराई गई.


छह पुलिसवालों के खिलाफ दी थी तहरीर
मीनाक्षी गुप्ता ने एसपी साउथ और सीओ को पुलिसकर्मियों को पति की हत्या के लिए दोषी ठहराते हुए नामजद तहरीर दी. इनमें इंस्पेक्टर रामगढ़ताल जेएन सिंह, चौकी इंचार्ज फलमंडी अक्षय मिश्रा,सब इंस्पेक्टर विजय यादव, सब इंस्पेक्टर राहुल दूबे, हेड कांस्टेबल कमलेश यादव, कांस्टेबल प्रशांत कुमार का नाम शामिल था.

तीन घंटे तक डीएम-एसएसपी ने की मनाने की कोशिश
पुलिस अफसरों ने जांच के बाद कार्रवाई का भरोसा दिया लेकिन मनीष गुप्ता का परिवार शव ले जाने को तैयार नहीं हुए. रात में करीब पौने नौ बजे डीएम और एसएसपी मेडिकल कॉलेज पहुंचे. जिले के आला अफसरों को इतनी देर से आने पर परिवारवालों में नाराजगी जाहिर की. अधिकारियों ने मीनाक्षी सहित परिवार के अन्य लोगों मनीष के पिता, ससुर और बहनों को समझाने की कोशिश शुरू कर दी. बाहर हो रही तीखी बहस के बाद अफसर मृतक के परिवार को मेडिकल कॉलेज चौकी पर लेकर जाया गया और वहां भी उन्हें मनाने की कोशिश की. बात नहीं बनी और परिवार एफआईआर पर अड़ा रहा.

मुकदमे की मांग को लेकर धरने पर बैठी पत्नी
मुकदमे को लेकर अड़ी पत्नी अपने भाई और कानपुर से आए अन्य लोगों के साथ मेडिकल कॉलेज चौकी के सामने धरने पर बैठ गईं. करीब 15 मिनट तक वह धरने पर रहीं इस बीच पुलिस कर्मियों ने परिवार के अन्य लोगों को समझा कर उन्हें सड़क से हटाया. इसके बाद दूसरे राउंड की बातचीत में भी देर रात तक पौने 12 बजे मुख्यमंत्री ऑफिस सामने आया और सीएम से बात कराई.

इसे भी पढ़ें-गोरखपुर में संदिग्ध परिस्थितियों में एक युवक की मौत, SSP ने 6 पुलिसकर्मियों को किया निलंबित


ये है मामला
कानपुर के बर्रा निवासी मनीष गुप्ता अपने दोस्त प्रदीप सिंह और हरवीर सिंह के साथ गोरखपुर घूमने आया था. सिकरीगंज का चंदन सैनी से तीनों की पुरानी दोस्ती थी. उसने ही कृष्णा पैलेश में अपने नाम पर कमरा बुक कराया था. सोमवार की रात पुलिस चेकिंग करने के लिए पहुंची थी. इस दौरान एक कमरे में तीन लोगों के मौजूद होने पर पुलिस ने चेकिंग की. आरोप है कि इस दौरान पुलिसकर्मियों ने मनीष गुप्ता की जमकर पिटाई कर दी. जिससे मनीष गंभीर रूप से जख्मी हो गया. इसके बाद पुलिस ने मनीष को जिला अस्पताल में भर्ती कराया. हालत नाजुक होने पर गोरखपुर मेडिकल कॉलेज लेकर गई, जहां पर उसकी मौत हो गई. घटना के संबंध में लापरवाही बरतने के आरोप में एसएसपी गोरखपुर द्वारा प्रभारी निरीक्षक रामगढ़ताल सहित छह पुलिस कर्मियों को निलंबित किया गया था. अब इस प्रकरण में इन सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

Last Updated : Sep 29, 2021, 4:11 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.