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गोरखपुर: 20 देशों की यात्रा पर निकले आदित्य, बाल मजदूरी हटाने को चलाई मुहिम - bussinessman aditya goyal

दिल्ली के युवा कारोबारी आदित्य गोयल अपनी निजी कार से 20 देशों की यात्रा करने वाले हैं. वहीं आदित्य बाल उत्पीड़न, यौन शोषण जैसी समस्याओं को हटाने के लिए आदित्य यात्रा पर निकले हैं.

20 देशों का झंडा
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Published : May 9, 2019, 3:32 PM IST

गोरखपुर : दिल्ली के युवा कारोबारी आदित्य ने अपनी कार से 20 देशों की यात्रा करने का संकल्प लिया है. उनका लक्ष्य बाल मजदूरी के खिलाफ एक अभियान छेड़कर इसे अन्य देश को जोड़ना है. बाल मजदूरी भारत ही नहीं कई अन्य देशों के लिए अभिशाप है और उस अभिशाप को जड़ से खत्म करने के लिए इस भारतीय युवा ने शुरुआत की है और नाम दिया है 'दिल्ली से लंदन तक'.

बाल मजदूरी हटाने को 20 देशों की यात्रा पर निकले आदित्य
  • आदित्य गोयल दिल्ली एक युवा कारोबारी हैं.
  • दुनियाभर से बाल उत्पीड़न, यौन शोषण और बेरोजगारी हटाने के संकल्प के साथ आदित्य ने इस मुहिम को छेड़ा है.
  • आदित्य अपनी कार से 20 देशों की यात्रा कर भारत से लंदन पहुंचेंगे.
  • आदित्य 3 महीने में भूटान, वर्मा, बांग्लादेश, चाइना, थाईलैंड, रूस, कजाकिस्तान, जर्मनी आदि देशों से होते हुए लंदन पहुंचेंगे.

उन्होंने बताया कि उनके दो बेटे हैं और जब वह किसी अन्य बेटों को कहीं पर काम करते हुए देखते हैं तो उनके मन में अजीब सी भावनाएं उत्पन्न होती हैं. देश की सरकारें भी चाइल्ड लेबर के खिलाफ काम कर रही हैं, लेकिन परिणाम केवल खानापूर्ति ही साबित हो रहे हैं. ऐसे में देश ही नहीं अन्य देशों में जाकर वहां के लोगों को चाइल्ड लेबर के खिलाफ अपने मुहिम से जोड़ कर एक बड़े पैमाने पर अभियान चलाकर इसे खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं.

गोरखपुर : दिल्ली के युवा कारोबारी आदित्य ने अपनी कार से 20 देशों की यात्रा करने का संकल्प लिया है. उनका लक्ष्य बाल मजदूरी के खिलाफ एक अभियान छेड़कर इसे अन्य देश को जोड़ना है. बाल मजदूरी भारत ही नहीं कई अन्य देशों के लिए अभिशाप है और उस अभिशाप को जड़ से खत्म करने के लिए इस भारतीय युवा ने शुरुआत की है और नाम दिया है 'दिल्ली से लंदन तक'.

बाल मजदूरी हटाने को 20 देशों की यात्रा पर निकले आदित्य
  • आदित्य गोयल दिल्ली एक युवा कारोबारी हैं.
  • दुनियाभर से बाल उत्पीड़न, यौन शोषण और बेरोजगारी हटाने के संकल्प के साथ आदित्य ने इस मुहिम को छेड़ा है.
  • आदित्य अपनी कार से 20 देशों की यात्रा कर भारत से लंदन पहुंचेंगे.
  • आदित्य 3 महीने में भूटान, वर्मा, बांग्लादेश, चाइना, थाईलैंड, रूस, कजाकिस्तान, जर्मनी आदि देशों से होते हुए लंदन पहुंचेंगे.

उन्होंने बताया कि उनके दो बेटे हैं और जब वह किसी अन्य बेटों को कहीं पर काम करते हुए देखते हैं तो उनके मन में अजीब सी भावनाएं उत्पन्न होती हैं. देश की सरकारें भी चाइल्ड लेबर के खिलाफ काम कर रही हैं, लेकिन परिणाम केवल खानापूर्ति ही साबित हो रहे हैं. ऐसे में देश ही नहीं अन्य देशों में जाकर वहां के लोगों को चाइल्ड लेबर के खिलाफ अपने मुहिम से जोड़ कर एक बड़े पैमाने पर अभियान चलाकर इसे खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं.

Intro:गोरखपुर। दिल्ली के युवा कारोबारी आदित्य अपने कार से 20 देशों की यात्रा करने का संकल्प लिया है, बाल मजदूरी के खिलाफ एक अभियान छेड़कर इस मुहिम से अन्य देश को जोड़ना है लक्ष्य। बाल मजदूरी भारत ही नहीं कई अन्य देशों के लिए अभिशाप है और उस अभिशाप को जड़ से खत्म करने के लिए, इस भारतीय युवा ने शुरुआत की है और और नाम दिया है 'दिल्ली से लंदन तक' आज इसी मुहिम के तहत वो आ पहुंचे हैं गोरखपुर....


Body:पूरे हिंदुस्तान ही नहीं दुनियाभर के लिए जैसे भ्रष्टाचार यौन उत्पीड़न बाल यौन उत्पीड़न बेरोजगारी गरीबी एक बदनुमा दाग है, ठीक वैसे ही बाल मजदूरी भी अपने आप में एक अभिशाप है। एक कलंक है, जिसकी कालिमा सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि भारत के साथ साथ कई देशों के सामाजिक ताने-बाने पर लगी हुई है। जिन हाथों में पढ़ाई की किताबें और खेल के साजो सामान होने चाहिए, उन कमजोर हाथों में है कठिन जिंदगी और इसी जिंदगी को बदलने के लिए इस शख्स ने चाइल्ड लेबर के खिलाफ मुहीम छेड़ रखी है।

आदित्य गोयल दिल्ली एक युवा कारोबारी है, उन्होंने बाल मजदूरी के खिलाफ एक अभियान के तहत लोगों में जन जागरूकता फैलाने के मकसद से इसे जड़ से खत्म करने का संकल्प लिया है। इस संकल्प आदित्य ने एक कार यात्रा के तौर पर शुरू की है, जो भारत सहित 20 देशों की यात्रा इस सामाजिक बुराई के खिलाफ कर रहे हैं।

आदित्य की मानें तो ड्राइविंग बेहद पसंद है और अपने इसी जुनून को लेकर वह स्टॉप चाइल्ड लेबर मुहिम के तहत हिंदुस्तान सहित पड़ोसी देश भूटान, वर्मा, बांग्लादेश, चाइना, थाईलैंड और कई यूरोपीय देश जिन में रूस, कजाकिस्तान, जर्मनी शामिल है सिर्फ और सिर्फ कार से अपनी यात्रा तय करने जा रहे हैं। लगभग 3 महीने से ज्यादा इस सफर को खुद को चलाकर तय करेंगे, इनकी कर भी बेहद खास है। जिसमें सभी 20 देशों के झंडे का लोगो लगा हुआ है, यह कार अपने आप में पूरा का पूरा वैश्विक दर्शन कराती है।

आदित्य की मानें तो सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि बाल मजदूरी की समस्या पूरे देश के युवाओं को तबाह कर रही है, जिससे आने वाले समय में बच्चों के भविष्य पर ग्रहण लगना तय माना जाता है।

उन्होंने इस यात्रा के लिए विशेष तैयारी की है लगभग 20 से 22 लाख रुपए इस यात्रा में खर्च होंगे, आदित्य ने पासपोर्ट के साथ चार पहिया की सवारी अपने आप में एक बेमिशाल हिम्मत का नमूना है। जहां पर उनकी कार के पहिये जमीन छोड़ देंगे, वहां से वह पानी के जहाज का सहारा लेंगे और फिर दोबारा जमीन मिलने पर अपने मकसद के लिए आगे का सफर तय करेंगे।

उन्होंने बताया कि उनके दो बेटे हैं और जब वह किसी अन्य बेटों को कहीं पर काम करते हुए देखते हैं तो उनके मन में अजीब सी भावनाएं उत्पन्न होती हैं। आखिर देश की सरकारें भी चाइल्ड लेबर के खिलाफ काम कर रही हैं लेकिन परिणाम केवल खानापूर्ति ही साबित हो रहे हैं। ऐसे में देश ही नहीं अन्य देशों में जाकर वहां के लोगों को चाइल्ड लेबर के खिलाफ अपने मुहिम से जोड़ कर एक बड़े पैमाने पर अभियान चलाकर इसे खत्म करने का प्रयास आदित्य कर रहे हैं।

इस मुहिम में उन्होंने अपने कुछ मित्रों और सामाजिक संगठनों से मदद ली है, उनका मानना है कि वे सभी चाइल्ड लेबर के खिलाफ उनका साथ लेकर आने वाले युवाओं की पीढ़ी को बदलने में कारगर साबित होंगे।

बाइट - आदित्य गोयल, युवा व्यपारी और स्टॉप चाइल्ड लेबर मुहिम के अगुवा



निखिलेश प्रताप
गोरखपुर
9453623738


Conclusion:
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