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सांसद-विधायक निधि से ज्यादा होगा जिले की 30 पंचायतों का बजट, ये रही वजह...

प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर गहमा-गहमी जोरों पर है. बात गोरखपुर की जाय तो यहां के हर गांव में पंचायत चुनाव को देखते हुए प्रत्याशी जी जान से लगे हुए हैं. लेकिन 34 गांव ऐसे हैं जहां के प्रत्याशी प्रधानी का चुनाव जीतने के लिए हर हथकंडा अपना रहे हैं. आखिर वो कौन सी वजहें हैं, पढ़ें ये रिपोर्ट...

गोरखपुर पंचायत चुनाव
गोरखपुर पंचायत चुनाव
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Published : Apr 8, 2021, 12:06 AM IST

गोरखपुर : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की वजह से जिले के हर गांव में सरगर्मी काफी बढ़ चुकी है. लेकिन 34 गांव ऐसे हैं जहां के प्रत्याशी प्रधान का चुनाव जीतने के लिए हर हथकंडा अपनाने को तैयार हैं. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि इन गांवों के खाते में विकास के लिए पहले से ही एक-दो नहीं बल्कि 10 से 15 करोड़ रुपये का बजट पड़ा हुआ है. यह रकम इतनी बड़ी है कि किसी भी सांसद-विधायक को एक साल में उतनी निधि नहीं मिलती. 10 ग्राम पंचायतें तो ऐसी हैं जिन्हें 10 करोड़ आवंटित हो चुका है, तो कुछ को पहली किश्त के रूप में 50 लाख. यह परफारमेंस ग्रांट मिला है, वह भी चुनाव की घोषणा से महज एक से डेढ़ माह पूर्व. केंद्र सरकार की तरफ से जारी हुआ यह बजट पंचायत का कार्यकाल खत्म होने के बाद खत्म नहीं होगा. चुना जाने वाला प्रधान शेष रकम को खर्च करेगा, इसलिए इन गांवों में चुनाव लड़ने और जीतने को लेकर पूरी जोर आजमाइश चल रही है.

गोरखपुर पंचायत चुनाव
गोरखपुर पंचायत चुनाव

करीब 300 करोड़ रुपये परफॉर्मेंस ग्रांट के रूप में केंद्र सरकार की स्वीकृति पर हुआ है जारी
सामान्य गांव में भले ही प्रत्याशी सामान्य तरीके से चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन इन गांवों में माहौल कुछ दूसरा है. इसे पकड़ने के लिए जिला प्रशासन को भी बड़ी जोर आजमाइश करनी होगी. दावत के साथ गंगा और कुंभ स्नान का भी दौर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों ने शुरू कराया था, और अब भी यह प्रयास कई तरीकों से जारी है. जिन गांवों को 10 करोड़ से ज्यादा की धनराशि मिली है उनमें जंगल हरपुर, चौमुखा, जंगल तिकोनिया नंबर-1, परमेश्वरपुर, तुर्कवालिया, भेउसा उर्फ बनकटा, रुद्रपुर, जंगलरानी सुहास कुवंरि, भौवापार और भड़सार शामिल हैं. पहले यह बजट 37 गांव के लिए आई थी, लेकिन इनमें से 3 पंचायतें नगर पंचायत में शामिल हो गईं, जिसके बाद अब 34 गांव के लिए करीब 300 करोड़ का बजट विकास के लिए पंचायत चुनाव की सरगर्मी बढ़ाई हुए हैं. यही नहीं 5 साल के कार्यकाल में इन ग्राम पंचायतों को राज्य वित्त और 15वें वित्त का बजट अलग से मिलेगा.
गोरखपुर पंचायत चुनाव
गोरखपुर पंचायत चुनाव
इसे भी पढ़ें- '500 कोविड केस वाले जिलों में नाइट कर्फ्यू का निर्णय ले सकेगा स्थानीय प्रशासन'

इन ग्राम पंचायतों को आवंटित है करोड़ों का बजट

जिन ग्राम पंचायतों में यह धनराशि आवंटित हुई है, उनमें सिसवा उर्फ सिउआ को 6 करोड़ 27 लाख, नारायणपुर को 8 करोड़ 8 लाख, भोपा बाजार को 7 करोड़ 80 लाख, उरुवा बाजार को तीन करोड़ एक लाख, जंगल दीर्घन सिंह को चार करोड़ छह लाख, सियर को 4 करोड़ 45 लाख, भीमापार को चार करोड़ 3 लाख, रघुनाथपुर को 8 करोड़ 62 लाख, कौड़ीराम को पांच करोड़ 45 लाख, छितौना को तीन करोड़ 53 लाख, जयपालपुर को चार करोड़ 80 लाख, साखडाड पांडेय को 6 करोड़ 34 लाख, पाली को तीन करोड़ 19 लाख, मुस्तफाबाद को 3 करोड़ 69 लाख, नेवास को 8 करोड़ 92 लाख और नारंगपट्टी को तीन करोड़ 57 लाख मिले हैं. यही बजट इन गांवों में चुनावी सरगर्मी को बढ़ाए हुए हैं.

गोरखपुर : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की वजह से जिले के हर गांव में सरगर्मी काफी बढ़ चुकी है. लेकिन 34 गांव ऐसे हैं जहां के प्रत्याशी प्रधान का चुनाव जीतने के लिए हर हथकंडा अपनाने को तैयार हैं. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि इन गांवों के खाते में विकास के लिए पहले से ही एक-दो नहीं बल्कि 10 से 15 करोड़ रुपये का बजट पड़ा हुआ है. यह रकम इतनी बड़ी है कि किसी भी सांसद-विधायक को एक साल में उतनी निधि नहीं मिलती. 10 ग्राम पंचायतें तो ऐसी हैं जिन्हें 10 करोड़ आवंटित हो चुका है, तो कुछ को पहली किश्त के रूप में 50 लाख. यह परफारमेंस ग्रांट मिला है, वह भी चुनाव की घोषणा से महज एक से डेढ़ माह पूर्व. केंद्र सरकार की तरफ से जारी हुआ यह बजट पंचायत का कार्यकाल खत्म होने के बाद खत्म नहीं होगा. चुना जाने वाला प्रधान शेष रकम को खर्च करेगा, इसलिए इन गांवों में चुनाव लड़ने और जीतने को लेकर पूरी जोर आजमाइश चल रही है.

गोरखपुर पंचायत चुनाव
गोरखपुर पंचायत चुनाव

करीब 300 करोड़ रुपये परफॉर्मेंस ग्रांट के रूप में केंद्र सरकार की स्वीकृति पर हुआ है जारी
सामान्य गांव में भले ही प्रत्याशी सामान्य तरीके से चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन इन गांवों में माहौल कुछ दूसरा है. इसे पकड़ने के लिए जिला प्रशासन को भी बड़ी जोर आजमाइश करनी होगी. दावत के साथ गंगा और कुंभ स्नान का भी दौर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों ने शुरू कराया था, और अब भी यह प्रयास कई तरीकों से जारी है. जिन गांवों को 10 करोड़ से ज्यादा की धनराशि मिली है उनमें जंगल हरपुर, चौमुखा, जंगल तिकोनिया नंबर-1, परमेश्वरपुर, तुर्कवालिया, भेउसा उर्फ बनकटा, रुद्रपुर, जंगलरानी सुहास कुवंरि, भौवापार और भड़सार शामिल हैं. पहले यह बजट 37 गांव के लिए आई थी, लेकिन इनमें से 3 पंचायतें नगर पंचायत में शामिल हो गईं, जिसके बाद अब 34 गांव के लिए करीब 300 करोड़ का बजट विकास के लिए पंचायत चुनाव की सरगर्मी बढ़ाई हुए हैं. यही नहीं 5 साल के कार्यकाल में इन ग्राम पंचायतों को राज्य वित्त और 15वें वित्त का बजट अलग से मिलेगा.
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गोरखपुर पंचायत चुनाव
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इन ग्राम पंचायतों को आवंटित है करोड़ों का बजट

जिन ग्राम पंचायतों में यह धनराशि आवंटित हुई है, उनमें सिसवा उर्फ सिउआ को 6 करोड़ 27 लाख, नारायणपुर को 8 करोड़ 8 लाख, भोपा बाजार को 7 करोड़ 80 लाख, उरुवा बाजार को तीन करोड़ एक लाख, जंगल दीर्घन सिंह को चार करोड़ छह लाख, सियर को 4 करोड़ 45 लाख, भीमापार को चार करोड़ 3 लाख, रघुनाथपुर को 8 करोड़ 62 लाख, कौड़ीराम को पांच करोड़ 45 लाख, छितौना को तीन करोड़ 53 लाख, जयपालपुर को चार करोड़ 80 लाख, साखडाड पांडेय को 6 करोड़ 34 लाख, पाली को तीन करोड़ 19 लाख, मुस्तफाबाद को 3 करोड़ 69 लाख, नेवास को 8 करोड़ 92 लाख और नारंगपट्टी को तीन करोड़ 57 लाख मिले हैं. यही बजट इन गांवों में चुनावी सरगर्मी को बढ़ाए हुए हैं.

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