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गोरखपुर मंडल में जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ेगी बसपा

बहुजन समाज पार्टी (BSP) गोरखपुर मंडल में जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेगी. पार्टी के इस फैसले के बाद अब मंडल के चारों जिलों में लड़ाई भाजपा व सपा के बीच होने के आसार हैं. जिला पंचायत सदस्यों की संख्या के हिसाब से कांग्रेस भी चुनाव लड़ने की स्थिति में नहीं है.

गोरखपुर मंडल में जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ेगी बसपा
गोरखपुर मंडल में जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ेगी बसपा
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Published : Jun 24, 2021, 1:26 PM IST

गोरखपुर: आगामी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर भारतीय जनता पार्टी जहां आक्रामक मूड में दिखाई दे रही है. वहीं प्रदेश में होने जा रहे जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को वह विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल मान रही है, तो समाजवादी पार्टी भी पूरे दमखम के साथ ताल ठोकती नजर आ रही है. लेकिन इन सबके बीच बहुजन समाज पार्टी ने जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव से खुद को दूर करने का फैसला कर लिया है.

फिलहाल गोरखपुर मंडल के किसी भी जिले में बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने नहीं जा रही है. उसने अबतक अपने प्रत्याशी भी घोषित नहीं किए हैं. पार्टी के आला नेताओं ने बड़ी बैठक और मंथन के बाद इसका फैसला लिया है. हालांकि बहुजन समाज पार्टी के गोरखपुर मंडल के चारों जिलों में 12 बीएसपी समर्थित उम्मीदवार जीते हैं, लेकिन पार्टी किसी को भी अध्यक्ष का चुनाव लड़ाने का फैसला नहीं कर रही है. यही वजह है कि आगामी 27 जून को होने वाली बीएसपी की बड़ी बैठक में अब इस बात पर फैसला होगा कि उसके समर्थित उम्मीदवार समाजवादी पार्टी को समर्थन देंगे या फिर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को, लेकिन एक बात तो तय है कि इस चुनाव से खुद को दूर कर बसपा अपनी राजनीति लड़ाई की धार को कमजोर कर रही है.

बीएसपी के बैकफुट से अब भाजपा और सपा के बीच लड़ाई
माना जा रहा है कि जिला पंचायत के चुनाव से भारतीय जनता पार्टी हो या समाजवादी पार्टी गांव स्तर पर अपने संदेश को पहुंचाना चाहती हैं. ऐसे में बसपा का चुनाव से हटना इन दोनों दलों के मजबूती का कारण बन सकता है. पार्टी के इस फैसले के बाद अब मंडल के चारों जिलों में लड़ाई भाजपा व सपा के बीच होने के आसार हैं. जिला पंचायत सदस्यों की संख्या के हिसाब से कांग्रेस भी चुनाव लड़ने की स्थिति में नहीं है. बसपा के मंडल स्तर के एक पदाधिकारी ने बताया कि पार्टी एक खास रणनीति के तहत काम कर रही है. फिलहाल बीएसपी के सदस्य किसको समर्थन देंगे इसको लेकर 27 जून को तस्वीर साफ हो जाएगी. क्योंकि चुनाव नहीं लड़ने से पार्टी के नेता ही नहीं, जीते हुए सदस्य भी परेशान हैं.

गोरखपुर जिलाध्यक्ष घनश्याम राही ने बताया कि जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव पार्टी नहीं लड़ेगी. 27 जून को मंडल इकाई की बैठक है, जिसमें गोरखपुर-बस्ती-आजमगढ़ मंडल के मुख्य जोन प्रभारी घनश्याम चंद खरवार भी मौजूद रहेंगे. बैठक में चुनाव को लेकर पार्टी की रणनीति बताई जाएगी. महराजगंज, देवरिया के जिलाध्यक्ष ने कहा कि पार्टी नेतृत्व की ओर से जैसा दिशा-निर्देश मिलेगा वैसा ही निर्णय लिया जाएगा.

इसे भी पढ़ें-सपा नेता का दर्द, कहा- प्रत्याशी बनते ही रेप और लूट के मामलों में पुलिस दे रही दबिश

आंकड़े के हिसाब से गोरखपुर जिले में राजनीतिक दलों के दावों और सदस्यों की स्थिति पर नजर डालें तो गोरखपुर में कुल सदस्य 68 सदस्य हैं, जिसमें भाजपा के 25 (19 जीते और 6 बागी), सपा के 20 (14 जीते और छह समर्थित), बसपा के 08 सदस्य हैं. भीम आर्मी के 01, निषाद पार्टी का 01 और निर्दलीय 13 सदस्य चुनाव जीतने में कामयाब हुए हैं. इसी प्रकार देवरिया जिले में कुल सदस्य 56 हैं. जिसमे भाजपा के आठ और पांच बागी का समर्थन है. सपा के 19 सदस्य जीते हैं. बसपा के 7, कांग्रेस के 2 और निर्दलीय 15 सदस्य हैं.

कुशीनगर में कुल सदस्य 61 सदस्य हैं. भाजपा के 28, सपा के 13, बसपा के 04, कांग्रेस के 04 और निर्दलीय 12 सदस्य हैं. इसी प्रकार महराजगंज जिले में कुल सदस्य 47 हैं. भाजपा के 07, सपा के 09, बसपा 07, कांग्रेस के 03 और निर्दलीय 21 सदस्य हैं. इस आंकड़े के आधार पर यही कहा जा सकता है कि निर्दलियों के समर्थन के बगैर किसी भी जिले में न तो बीजेपी अपना अध्यक्ष बना पाएगी और न ही सपा. बसपा तो चुनाव से ही बाहर हो गई है.

गोरखपुर: आगामी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर भारतीय जनता पार्टी जहां आक्रामक मूड में दिखाई दे रही है. वहीं प्रदेश में होने जा रहे जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को वह विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल मान रही है, तो समाजवादी पार्टी भी पूरे दमखम के साथ ताल ठोकती नजर आ रही है. लेकिन इन सबके बीच बहुजन समाज पार्टी ने जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव से खुद को दूर करने का फैसला कर लिया है.

फिलहाल गोरखपुर मंडल के किसी भी जिले में बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने नहीं जा रही है. उसने अबतक अपने प्रत्याशी भी घोषित नहीं किए हैं. पार्टी के आला नेताओं ने बड़ी बैठक और मंथन के बाद इसका फैसला लिया है. हालांकि बहुजन समाज पार्टी के गोरखपुर मंडल के चारों जिलों में 12 बीएसपी समर्थित उम्मीदवार जीते हैं, लेकिन पार्टी किसी को भी अध्यक्ष का चुनाव लड़ाने का फैसला नहीं कर रही है. यही वजह है कि आगामी 27 जून को होने वाली बीएसपी की बड़ी बैठक में अब इस बात पर फैसला होगा कि उसके समर्थित उम्मीदवार समाजवादी पार्टी को समर्थन देंगे या फिर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को, लेकिन एक बात तो तय है कि इस चुनाव से खुद को दूर कर बसपा अपनी राजनीति लड़ाई की धार को कमजोर कर रही है.

बीएसपी के बैकफुट से अब भाजपा और सपा के बीच लड़ाई
माना जा रहा है कि जिला पंचायत के चुनाव से भारतीय जनता पार्टी हो या समाजवादी पार्टी गांव स्तर पर अपने संदेश को पहुंचाना चाहती हैं. ऐसे में बसपा का चुनाव से हटना इन दोनों दलों के मजबूती का कारण बन सकता है. पार्टी के इस फैसले के बाद अब मंडल के चारों जिलों में लड़ाई भाजपा व सपा के बीच होने के आसार हैं. जिला पंचायत सदस्यों की संख्या के हिसाब से कांग्रेस भी चुनाव लड़ने की स्थिति में नहीं है. बसपा के मंडल स्तर के एक पदाधिकारी ने बताया कि पार्टी एक खास रणनीति के तहत काम कर रही है. फिलहाल बीएसपी के सदस्य किसको समर्थन देंगे इसको लेकर 27 जून को तस्वीर साफ हो जाएगी. क्योंकि चुनाव नहीं लड़ने से पार्टी के नेता ही नहीं, जीते हुए सदस्य भी परेशान हैं.

गोरखपुर जिलाध्यक्ष घनश्याम राही ने बताया कि जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव पार्टी नहीं लड़ेगी. 27 जून को मंडल इकाई की बैठक है, जिसमें गोरखपुर-बस्ती-आजमगढ़ मंडल के मुख्य जोन प्रभारी घनश्याम चंद खरवार भी मौजूद रहेंगे. बैठक में चुनाव को लेकर पार्टी की रणनीति बताई जाएगी. महराजगंज, देवरिया के जिलाध्यक्ष ने कहा कि पार्टी नेतृत्व की ओर से जैसा दिशा-निर्देश मिलेगा वैसा ही निर्णय लिया जाएगा.

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आंकड़े के हिसाब से गोरखपुर जिले में राजनीतिक दलों के दावों और सदस्यों की स्थिति पर नजर डालें तो गोरखपुर में कुल सदस्य 68 सदस्य हैं, जिसमें भाजपा के 25 (19 जीते और 6 बागी), सपा के 20 (14 जीते और छह समर्थित), बसपा के 08 सदस्य हैं. भीम आर्मी के 01, निषाद पार्टी का 01 और निर्दलीय 13 सदस्य चुनाव जीतने में कामयाब हुए हैं. इसी प्रकार देवरिया जिले में कुल सदस्य 56 हैं. जिसमे भाजपा के आठ और पांच बागी का समर्थन है. सपा के 19 सदस्य जीते हैं. बसपा के 7, कांग्रेस के 2 और निर्दलीय 15 सदस्य हैं.

कुशीनगर में कुल सदस्य 61 सदस्य हैं. भाजपा के 28, सपा के 13, बसपा के 04, कांग्रेस के 04 और निर्दलीय 12 सदस्य हैं. इसी प्रकार महराजगंज जिले में कुल सदस्य 47 हैं. भाजपा के 07, सपा के 09, बसपा 07, कांग्रेस के 03 और निर्दलीय 21 सदस्य हैं. इस आंकड़े के आधार पर यही कहा जा सकता है कि निर्दलियों के समर्थन के बगैर किसी भी जिले में न तो बीजेपी अपना अध्यक्ष बना पाएगी और न ही सपा. बसपा तो चुनाव से ही बाहर हो गई है.

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