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अधर में शिक्षा व्यवस्था: 68 स्कूलों के लिए 98 शिक्षक, बच्चों को नहीं दी गईं किताबें

गोरखपुर नगर क्षेत्र में कुल 68 स्कूल हैं और इनमें मात्र 98 शिक्षक हैं. गोरखपुर के प्राथमिक विद्यालय काशीराम कॉलोनी में 233 बच्चे हैं और यहां मात्र दो शिक्षक हैं. इस वजह से बच्चों को जूता-मोजा और न ही कॉपी-किताबें मिली हैं.

बच्चों को नहीं दी गईं किताबें.
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Published : Jul 8, 2019, 7:12 PM IST

गोरखपुर: प्रदेश सरकार स्कूल चलो अभियान के नारे के साथ प्राथमिक स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ाने की कोशिश कर रही है. वहीं दूसरी तरफ शिक्षकों की भारी कमी शिक्षा महकमा के लिए एक बड़ी चुनौती है. जिले के नगर क्षेत्र में कुल 68 स्कूल हैं, जिनमें हजारों बच्चे पढ़ते हैं. इन्हें पढ़ाने के लिए जिम्मेदारी मात्र 98 शिक्षकों पर है. हालत यह है कि किसी स्कूल में एक तो कहीं दो शिक्षकों के सहारे बच्चों को शिक्षा दी जा रही है.

बच्चों को नहीं दी गईं किताबें.
  • मामला गोरखपुर के प्राथमिक विद्यालय काशीराम कॉलोनी से जुड़ा है.
  • यह नगर क्षेत्र का स्कूल है.
  • इसमें तीन स्कूलों के बच्चे पढ़ने आते हैं.
  • छात्रों की कुल संख्या 233 के पार है और शिक्षक यहां मात्र दो हैं.
  • मानकों की बात करें तो करीब छह शिक्षक यहां होने चाहिए थे.

यही वजह है कि जुलाई के पहले सप्ताह में इन स्कूलों के बच्चों को जूता-मोजा और न ही कॉपी-किताबें मिली हैं.

गोरखपुर: प्रदेश सरकार स्कूल चलो अभियान के नारे के साथ प्राथमिक स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ाने की कोशिश कर रही है. वहीं दूसरी तरफ शिक्षकों की भारी कमी शिक्षा महकमा के लिए एक बड़ी चुनौती है. जिले के नगर क्षेत्र में कुल 68 स्कूल हैं, जिनमें हजारों बच्चे पढ़ते हैं. इन्हें पढ़ाने के लिए जिम्मेदारी मात्र 98 शिक्षकों पर है. हालत यह है कि किसी स्कूल में एक तो कहीं दो शिक्षकों के सहारे बच्चों को शिक्षा दी जा रही है.

बच्चों को नहीं दी गईं किताबें.
  • मामला गोरखपुर के प्राथमिक विद्यालय काशीराम कॉलोनी से जुड़ा है.
  • यह नगर क्षेत्र का स्कूल है.
  • इसमें तीन स्कूलों के बच्चे पढ़ने आते हैं.
  • छात्रों की कुल संख्या 233 के पार है और शिक्षक यहां मात्र दो हैं.
  • मानकों की बात करें तो करीब छह शिक्षक यहां होने चाहिए थे.

यही वजह है कि जुलाई के पहले सप्ताह में इन स्कूलों के बच्चों को जूता-मोजा और न ही कॉपी-किताबें मिली हैं.

Intro:ओपनिंग पीटीसी...

गोरखपुर। प्राथमिक शिक्षा पर जोर देने वाली प्रदेश की सरकार हो या फिर स्कूल चलो अभियान के नारे के साथ प्राथमिक स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने की पुरजोर कोशिश करने वाला शिक्षा महकमा इन दोनों के लिए नगर शिक्षा क्षेत्र में शिक्षकों की भारी कमी को दूर करना बड़ी चुनौती है। गोरखपुर जिले की बात करें तो यहां के नगर क्षेत्र में कुल 68 स्कूल हैं। जिनमें हजारों बच्चे पढ़ रहे हैं। तो इन्हें पढ़ाने के लिए जिम्मेदारी मात्र 98 शिक्षकों पर है। हालत यह है कि किसी स्कूल में एक तो कहीं 2 शिक्षकों के सहारे बच्चों को शिक्षा दी जा रही है। यही नहीं जुलाई के पहले सप्ताह में इन स्कूलों के बच्चों को कॉपी किताब और जूते-मोजे भी मिल जाने चाहिए थे, जो आज तक पूरा नहीं हो पाया है।


नोट--कम्पलीट पैकेज विथ वॉइस ओवर


Body:ईटीवी भारत की यह एक्सक्लुसिव रिपोर्ट इस बात का दावे के साथ खुलासा करती है कि ऐसा आंकड़ा पूरे प्रदेश में हैं। जिसे ठीक कर पाने में सरकार लाचार है। क्योंकि नगर में शिक्षा की एक अलग नियमावली काम करती है जिसमें बदलाव करना ही इस समस्या का निदान होगा या फिर शिक्षक भर्ती। यह खबर गोरखपुर के प्राथमिक विद्यालय काशीराम कॉलोनी से जुड़ी है।
यह नगर क्षेत्र का स्कूल है। जिसमें तीन स्कूलों के बच्चे पढ़ने आते हैं। जिनकी कुल संख्या 233 के पार है और शिक्षक यहां मात्र दो हैं। मानक की बात करें तो करीब 6 शिक्षक यहां होने चाहिए थे, पर नगर क्षेत्र में शिक्षक ही नहीं है। यही वजह है की न तो यहाँ जूता-मोजा बटा है और न ही कॉपी-किताबें। असली वजह यहाँ की प्रधानाध्यापिका खुद बयां करती है।

बाइट--एकता अग्रवाल, प्रधानाध्यापिका


Conclusion:यह खबर नगर शिक्षा की अव्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी है। साथ ही एसी कमरों में बैठे उन अधिकारियों के बयान बाजियों को भी तथ्यहीन साबित करती है जो सबकुछ ठीक होने का दावा करते हैं। जिले के बीएसए बीएन सिंह का बयान इसी बात का इशारा करता है। नगर क्षेत्र के स्कूलों में बच्चों के बैठने के लिए टाट पट्टी का भी अभाव था जिसे डेक्स -बेंच में बदलने का काम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। उन्होंने अपनी विधायक निधि का बजट शहर क्षेत्र के स्कूलों में फर्नीचर व्यवस्था ठीक करने के लिए दिया था। लेकिन इन स्कूलों की सबसे ज्यादा जरूरत शिक्षक हैं क्योंकि संसाधन रहकर भी क्या करेगा अगर पढ़ाने वाले ही नहीं होंगे।

बाइट--बीएन सिंह, बीएसए, गोरखपुर

क्लोजिंग पीटीसी
मुकेश पाण्डेय
Etv भारत, गोरखपुर
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