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गोरखपुर: PWD इंजीनियर के तबादले की मांग को लेकर बीजेपी विधायकों में फूट

यूपी के गोरखपुर में PWD के एक इंजीनियर के तबादले को लेकर बीजेपी विधायक दो धड़ों में बंटे नजर आ रहे हैं. विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल इंजीनियर के तबादले की मांग कर रहे हैं. वहीं सांसद रवि किशन सहित कई विधायक इसके विरोध में खड़े नजर आ रहे हैं.

डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल.
डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल.
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Published : Aug 27, 2020, 8:33 PM IST

गोरखपुर: मुख्यमंत्री के शहर में PWD के एक इंजीनियर की वजह से बीजेपी के विधायकों में टकराव शुरू हो गया है. भाजपा विधायक दो खेमें में बंटे नजर आ रहे हैं. गोरखपुर सदर के चार बार से विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल, शहर में होते जलभराव को लेकर लगातार सड़कों पर उतरकर जनता की समस्याओं को सुन रहे हैं. इसके साथ ही वह समस्याओं का निराकारण करने का प्रयास कर रहे हैं. इसी बीच उन्होंने शहर के प्रज्ञापुरम, कामलेशपुरम, सिंघड़िया में जलजमाव के लिए PWD की एक निर्माणाधीन सड़क को कारण बताया. विधायक ने इसके निर्माण से जुड़े इंजीनियर के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की और यहीं से विवाद शुरू हो गया.

PWD इंजीनियर के तबादले की मांग पर बीजेपी में फूट.

दरअसल विधायक राधामोहन दास अग्रवाल ने PWD के इंजीनियरिंग के.के.सिंह के खिलाफ विधानसभा में भी सवाल उठा दिया था. यही नहीं उन्होंने इंजीनियर के तबादले और उसे राज्य मुख्यालय से सम्बद्ध करने के लिए लोक निर्माण और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद से मिलकर शिकायती पत्र भी सौंप दिया. नगर विधायक की यही पहल जिले के बाकी अन्य बीजेपी विधायकों को नागवार गुजरा गई.

यहां तक कि सांसद रवि किशन भी इंजीनियर के पक्ष में उतर आए. सांसद समेत विधायक फतेह बहादुर सिंह, महेन्द्रपाल सिंह, विपिन सिंह और शीतल पाण्डेय ने उपमुख्यमंत्री को अपने लेटरपैड पर PWD इंजीनियर के पक्ष में पत्र लिखकर सिफारिश किया. सभी का कहना है कि एक अच्छे इंजीनियर का तबादला न किया जाए. इससे कई विकास कार्य प्रभावित होंगे. इसके बाद सोशल मीडिया पर नगर विधायक और दूसरे खेमें के विधायकों में आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए. तमाम लोग नगर विधायक के साथ खड़े नजर आए तो विरोधी खेमें पर सहमति से ज्यादा विरोध का स्वर दिखाई दिया.

यह मामला अब काफी आगे बढ़ चुका है. दूसरे खेमें के विधायकों का इंजीनियर का पक्ष लेना शहर की अधिकांश जनता को रास नहीं आ रहा. नगर विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल जलभराव की समस्या को दूर कर पाने में असफल इंजीनियर के खिलाफ हैं तो बाकी विधायक इंजीनियर के साथ. यह मामला काफी तूल पकड़ चुका है तो नगर विधायक समेत कोई भी विधायक इस विषय पर कैमरे के सामने आकर बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है.

इस बीच एक नया मोड़ यह आया है कि बांसगांव के बीजेपी सांसद कमेलश पासवान और उनके विधायक भाई डॉ. विमलेश पासवान ने नगर विधायक के पहल की सराहना की. सहजनवां के विधायक शीतल पाण्डेय ने कहा है कि उनके लेटर पैड का दुरुपयोग किया गया है. उनका इंजीनियर से कुछ लेना देना नहीं, लेकिन अन्य विधायकों का संग्राम सोशल मीडिया के माध्यम से नगर विधायक से छिड़ गया है. इसका क्या नतीजा होगा यह समय ही बताएगा. फिलहाल इंजीनियर का तबादला रुका हुआ है और मामले में गरमाहट बनी हुई है.

गोरखपुर: मुख्यमंत्री के शहर में PWD के एक इंजीनियर की वजह से बीजेपी के विधायकों में टकराव शुरू हो गया है. भाजपा विधायक दो खेमें में बंटे नजर आ रहे हैं. गोरखपुर सदर के चार बार से विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल, शहर में होते जलभराव को लेकर लगातार सड़कों पर उतरकर जनता की समस्याओं को सुन रहे हैं. इसके साथ ही वह समस्याओं का निराकारण करने का प्रयास कर रहे हैं. इसी बीच उन्होंने शहर के प्रज्ञापुरम, कामलेशपुरम, सिंघड़िया में जलजमाव के लिए PWD की एक निर्माणाधीन सड़क को कारण बताया. विधायक ने इसके निर्माण से जुड़े इंजीनियर के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की और यहीं से विवाद शुरू हो गया.

PWD इंजीनियर के तबादले की मांग पर बीजेपी में फूट.

दरअसल विधायक राधामोहन दास अग्रवाल ने PWD के इंजीनियरिंग के.के.सिंह के खिलाफ विधानसभा में भी सवाल उठा दिया था. यही नहीं उन्होंने इंजीनियर के तबादले और उसे राज्य मुख्यालय से सम्बद्ध करने के लिए लोक निर्माण और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद से मिलकर शिकायती पत्र भी सौंप दिया. नगर विधायक की यही पहल जिले के बाकी अन्य बीजेपी विधायकों को नागवार गुजरा गई.

यहां तक कि सांसद रवि किशन भी इंजीनियर के पक्ष में उतर आए. सांसद समेत विधायक फतेह बहादुर सिंह, महेन्द्रपाल सिंह, विपिन सिंह और शीतल पाण्डेय ने उपमुख्यमंत्री को अपने लेटरपैड पर PWD इंजीनियर के पक्ष में पत्र लिखकर सिफारिश किया. सभी का कहना है कि एक अच्छे इंजीनियर का तबादला न किया जाए. इससे कई विकास कार्य प्रभावित होंगे. इसके बाद सोशल मीडिया पर नगर विधायक और दूसरे खेमें के विधायकों में आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए. तमाम लोग नगर विधायक के साथ खड़े नजर आए तो विरोधी खेमें पर सहमति से ज्यादा विरोध का स्वर दिखाई दिया.

यह मामला अब काफी आगे बढ़ चुका है. दूसरे खेमें के विधायकों का इंजीनियर का पक्ष लेना शहर की अधिकांश जनता को रास नहीं आ रहा. नगर विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल जलभराव की समस्या को दूर कर पाने में असफल इंजीनियर के खिलाफ हैं तो बाकी विधायक इंजीनियर के साथ. यह मामला काफी तूल पकड़ चुका है तो नगर विधायक समेत कोई भी विधायक इस विषय पर कैमरे के सामने आकर बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है.

इस बीच एक नया मोड़ यह आया है कि बांसगांव के बीजेपी सांसद कमेलश पासवान और उनके विधायक भाई डॉ. विमलेश पासवान ने नगर विधायक के पहल की सराहना की. सहजनवां के विधायक शीतल पाण्डेय ने कहा है कि उनके लेटर पैड का दुरुपयोग किया गया है. उनका इंजीनियर से कुछ लेना देना नहीं, लेकिन अन्य विधायकों का संग्राम सोशल मीडिया के माध्यम से नगर विधायक से छिड़ गया है. इसका क्या नतीजा होगा यह समय ही बताएगा. फिलहाल इंजीनियर का तबादला रुका हुआ है और मामले में गरमाहट बनी हुई है.

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