ETV Bharat / state

Ayushman Card in Gorakhpur: गोरखपुर में सॉफ्टवेयर नहीं दे रहा साथ, आयुष्मान कार्ड के लिए आवेदक हो रहे परेशान - Ayushman Card problem in Gorakhpur

गोरखपुर में आयुष्मान कार्ड (Ayushman Card in Gorakhpur) के लिए आवेदक परेशान हो रहे है. स्वास्थ्य विभाग में आयुष्मान कार्ड बनाने को लेकर सॉफ्टवेयर में अपनाई गई अपडेशन की प्रक्रिया, विभागीय समस्या का कारण बन गई है. जिस कारण कार्ड नहीं बन पा रहे है.

Ayushman Card in Gorakhpur
Ayushman Card in Gorakhpur
author img

By

Published : Jan 19, 2023, 6:40 PM IST

जानकारी देते हुए सीएमओ डॉ आशुतोष कुमार दूबे

गोरखपुर: गरीब और कमजोर आय वर्ग के लोगों के लिए, गंभीर बीमारी में ₹5 लाख तक के इलाज की मुफ्त सुविधा प्रदान करने वाला, आयुष्मान कार्ड मौजूदा समय में गोरखपुर में पिछले 50 दिनों से नहीं बनाया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग में आयुष्मान कार्ड बनाने को लेकर सॉफ्टवेयर में अपनाई गई अपडेशन की प्रक्रिया, विभागीय समस्या का कारण बन गई है. आलम यह है कि पिछले करीब डेढ़ माह से आई यह समस्या, स्वास्थ्य महकम दूर नहीं कर पा रहा और लोग परेशान हो रहे हैं. कर्मचारी सिस्टम पर तो कार्ड बनाने के लिए बैठता है लेकिन, दिनभर मेहनत के बाद भी एक कार्ड नहीं बना पाता. वहीं, सुदूर क्षेत्रों से सीएमओ कार्यालय पहुंचकर कार्ड बनवाने के लिए आने वाले आवेदक के हाथ निराशा लगती है. उन्हें आर्थिक नुकसान भी पहुंचता है. अपडेट सॉफ्टवेयर में कई तरह की खामियां पकड़ में आ रही हैं, जो डाटा फिटिंग के दौरान अपलोड नहीं हो रही. सीएमओ ने कहा कि शासन स्तर पर बात चल रही है, जिससे समस्या का निराकरण तेजी के साथ कराया जा सके और लोगों को लाभ मिल सके.

etv bharat
आयुष्मान कार्ड बनवाने की प्रक्रिया

वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जो लोग भी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करते थे, उनको मोदी सरकार में स्वास्थ्य के क्षेत्र में ₹5 लाख की मदद पहुंचाने के इरादे से, आयुष्मान कार्ड बनाया जा रहा था. अभी तक BIS 1.0 (बेनिफिशियरी आईडेंटिफिकेशन सिस्टम) नाम के सॉफ्टवेयर से कार्ड बनाने की प्रक्रिया पूरी की जाती थी, जो 28 नवंबर 2023 तक संचालित हुई. इसके बाद इस सॉफ्टवेयर को भारत सरकार ने और अच्छा करने के उद्देश्य से BIS 2.0 में अपग्रेड कर दिया. यही समस्या का मुख्य कारण बन गया है, जिसमें आयुष्मान कार्ड कि आवेदक की कई जानकारियां अपलोड और अपडेट नहीं हो पा रही हैं. लिहाजा जो भी आवेदक जिला अस्पताल के आयुष्मान कार्ड काउंटर पर, कार्ड बनवाने पहुंच रहे हैं. उनके हाथ निराशा ही लग रही है. पीड़ित "सुनील कुमार और दिव्या कुमारी ने ईटीवी भारत को बताया कि वह लगभग महीने भर से कई बार कार्ड बनवाने के लिए दौड़ लगा रहे हैं. लेकिन उनका कार्ड नहीं बनाया जा रहा, तो इससे कंप्यूटर ऑपरेटर और कार्ड बनाने के तकनीकी जानकार भी परेशान हो रहे है. इस मामले में "मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दुबे" ने कहा कि सॉफ्टवेयर की वजह से समस्या आई है. उम्मीद है चार-पांच दिनों में ठीक हो जाएगा. समस्या से स्वास्थ्य महकमा अवगत है और हम लोग भी अपने स्तर से जानकारी दे रहे हैं.

etv bharat
गोरखपुर में आयुष्मान कार्ड

दरअसल जो नया सॉफ्टवेयर लांच हुआ है वह कई तरह की समस्याओं को पैदा कर रहा है. जैसे किसी भी आयुष्मान कार्ड धारक के परिवार का कोई भी नया सदस्य उसके अकाउंट में जोडा नहीं जा पा रहा है. आधार लिंक नहीं हो रहा है. साथ ही पीएम लेटर के कार्ड भी नहीं बन पा रहे हैं और जो कार्ड अंत्योदय कार्ड धारकों के बन भी जा रहे हैं वह डाउनलोड नहीं हो रहे. ऐसे में काउंटर पर भीड़ लोगों की लग रही है और लोगों के हाथ निराशा. इस बीच कोटे की दुकानों से भी इसके बनाए जाने की प्रक्रिया शुरू होनी थी वह भी लटकी हुई है. आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी डॉ अनिल कुमार सिंह ने बताया कि जिले में 1लाख 26 हजार अंत्योदय कार्डधारक परिवारों के करीब 4 लाख 83 हजार सदस्य मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के दायरे में आ गए हैं. लेकिन इनमें अभी आयुष्मान कार्ड सिर्फ 1लाख 15 हजार लोगों का ही बन पाया है. सभी का कार्ड बन जाए इसका प्रयास जारी है.

यह भी पढ़ें- Wrestlers Protest: जयंत चौधरी ने साधा कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण पर निशाना, कहा इस बार नहीं रफा-दफा होगा मामला

जानकारी देते हुए सीएमओ डॉ आशुतोष कुमार दूबे

गोरखपुर: गरीब और कमजोर आय वर्ग के लोगों के लिए, गंभीर बीमारी में ₹5 लाख तक के इलाज की मुफ्त सुविधा प्रदान करने वाला, आयुष्मान कार्ड मौजूदा समय में गोरखपुर में पिछले 50 दिनों से नहीं बनाया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग में आयुष्मान कार्ड बनाने को लेकर सॉफ्टवेयर में अपनाई गई अपडेशन की प्रक्रिया, विभागीय समस्या का कारण बन गई है. आलम यह है कि पिछले करीब डेढ़ माह से आई यह समस्या, स्वास्थ्य महकम दूर नहीं कर पा रहा और लोग परेशान हो रहे हैं. कर्मचारी सिस्टम पर तो कार्ड बनाने के लिए बैठता है लेकिन, दिनभर मेहनत के बाद भी एक कार्ड नहीं बना पाता. वहीं, सुदूर क्षेत्रों से सीएमओ कार्यालय पहुंचकर कार्ड बनवाने के लिए आने वाले आवेदक के हाथ निराशा लगती है. उन्हें आर्थिक नुकसान भी पहुंचता है. अपडेट सॉफ्टवेयर में कई तरह की खामियां पकड़ में आ रही हैं, जो डाटा फिटिंग के दौरान अपलोड नहीं हो रही. सीएमओ ने कहा कि शासन स्तर पर बात चल रही है, जिससे समस्या का निराकरण तेजी के साथ कराया जा सके और लोगों को लाभ मिल सके.

etv bharat
आयुष्मान कार्ड बनवाने की प्रक्रिया

वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जो लोग भी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करते थे, उनको मोदी सरकार में स्वास्थ्य के क्षेत्र में ₹5 लाख की मदद पहुंचाने के इरादे से, आयुष्मान कार्ड बनाया जा रहा था. अभी तक BIS 1.0 (बेनिफिशियरी आईडेंटिफिकेशन सिस्टम) नाम के सॉफ्टवेयर से कार्ड बनाने की प्रक्रिया पूरी की जाती थी, जो 28 नवंबर 2023 तक संचालित हुई. इसके बाद इस सॉफ्टवेयर को भारत सरकार ने और अच्छा करने के उद्देश्य से BIS 2.0 में अपग्रेड कर दिया. यही समस्या का मुख्य कारण बन गया है, जिसमें आयुष्मान कार्ड कि आवेदक की कई जानकारियां अपलोड और अपडेट नहीं हो पा रही हैं. लिहाजा जो भी आवेदक जिला अस्पताल के आयुष्मान कार्ड काउंटर पर, कार्ड बनवाने पहुंच रहे हैं. उनके हाथ निराशा ही लग रही है. पीड़ित "सुनील कुमार और दिव्या कुमारी ने ईटीवी भारत को बताया कि वह लगभग महीने भर से कई बार कार्ड बनवाने के लिए दौड़ लगा रहे हैं. लेकिन उनका कार्ड नहीं बनाया जा रहा, तो इससे कंप्यूटर ऑपरेटर और कार्ड बनाने के तकनीकी जानकार भी परेशान हो रहे है. इस मामले में "मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दुबे" ने कहा कि सॉफ्टवेयर की वजह से समस्या आई है. उम्मीद है चार-पांच दिनों में ठीक हो जाएगा. समस्या से स्वास्थ्य महकमा अवगत है और हम लोग भी अपने स्तर से जानकारी दे रहे हैं.

etv bharat
गोरखपुर में आयुष्मान कार्ड

दरअसल जो नया सॉफ्टवेयर लांच हुआ है वह कई तरह की समस्याओं को पैदा कर रहा है. जैसे किसी भी आयुष्मान कार्ड धारक के परिवार का कोई भी नया सदस्य उसके अकाउंट में जोडा नहीं जा पा रहा है. आधार लिंक नहीं हो रहा है. साथ ही पीएम लेटर के कार्ड भी नहीं बन पा रहे हैं और जो कार्ड अंत्योदय कार्ड धारकों के बन भी जा रहे हैं वह डाउनलोड नहीं हो रहे. ऐसे में काउंटर पर भीड़ लोगों की लग रही है और लोगों के हाथ निराशा. इस बीच कोटे की दुकानों से भी इसके बनाए जाने की प्रक्रिया शुरू होनी थी वह भी लटकी हुई है. आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी डॉ अनिल कुमार सिंह ने बताया कि जिले में 1लाख 26 हजार अंत्योदय कार्डधारक परिवारों के करीब 4 लाख 83 हजार सदस्य मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के दायरे में आ गए हैं. लेकिन इनमें अभी आयुष्मान कार्ड सिर्फ 1लाख 15 हजार लोगों का ही बन पाया है. सभी का कार्ड बन जाए इसका प्रयास जारी है.

यह भी पढ़ें- Wrestlers Protest: जयंत चौधरी ने साधा कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण पर निशाना, कहा इस बार नहीं रफा-दफा होगा मामला

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.