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इस चिड़ियाघर को लगी 'ठंड'

यूपी के गोरखपुर में सीएम योगी को मकर संक्रांति पर शहीद अशफाक उल्लाह खां प्राणी उद्यान का लोकार्पण करना था, जो नहीं हो पाया. चिड़ियाघर के जिम्मेदारों की माने तो ठंड के उतार-चढ़ाव भरे मौसम के कारण जानवरों का ट्रांसपोर्टेशन नहीं हो सका. जानवरों के लिए अनुकूल मौसम होने के बाद ही जानवरों को चिड़ियाघर में लाया जाएगा, जिसके बाद इस चिड़ियाघर का लोकार्पण होगा. देखिए यह स्पेशल रिपोर्ट.

स्पेशल रिपोर्ट.
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Published : Jan 23, 2021, 2:21 PM IST

गोरखपुर: प्रतिकूल मौसम ने शहीद अशफाक उल्लाह खां प्राणी उद्यान के लोकार्पण पर ग्रहण लगा दिया है. जनवरी माह से शुरू हुए ठंड के उतार-चढ़ाव भरे मौसम के चलते इस चिड़ियाघर में देश के विभिन्न चिड़ियाघरों से लाये जाने वाले जानवरों को नहीं लाया जा सका, जिसकी वजह से मकर संक्रांति के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों होने वाला लोकार्पण नहीं हो पाया. हालांकि सेंट्रल जू अथॉरिटी ने इस चिड़ियाघर में देश के विभिन्न चिड़ियाघरों से जानवरों को लाये जाने की अनुमति दे दी है. लेकिन जब तक जानवरों के लायक अनुकूल मौसम नहीं होता वन विभाग के अधिकारी जानवरों का ट्रांसपोर्टेशन नहीं कर सकते. वहीं इस दौरान निर्माण से जुड़े कुछ कार्य अभी शेष हैं, जो इस माह में पूर्ण हो जाएंगे.

स्पेशल रिपोर्ट.
लखनऊ, कानपुर, असम, जूनागढ़ से लाये जाएंगे जानवर
शिलान्यास से लेकर इस चिड़ियाघर के निर्माण पूरे होने में लगभग 10 वर्ष का समय लग गया. इस दौरान प्रदेश की 3 सरकारों ने इस चिड़ियाघर के लिए अपना बजट दिया. हालांकि शिलान्यास मायावती की सरकार में हुआ था, तब इसका बजट मात्र 86 करोड़ का था, जो वर्तमान में 240 करोड़ के करीब का हो चुका है. 112 एकड़ से बढ़कर इसका क्षेत्रफल भी 176 एकड़ का हो चुका है.
चिड़ियाघर में रखे जाएंगे ये जानवर
देश के विभिन्न चिड़ियाघरों से यहां पर तो जानवर लाए ही जाएंगे, लेकिन दिल्ली स्थित नेशनल जूलॉजिकल पार्क यहां विभिन्न प्रकार के 19 जानवरों का तोहफा देगा. यहां जो जानवर आएंगे उसमें दो लोमड़ी, तीन दरियाई घोड़ा, दो आकर्षक पक्षी पीजेंट कलिज, दो बोनट बंदर और 10 हिरन सांभर शामिल हैं. इन सबके लिए यहां पर बाड़ा तैयार किया जा चुका है. लखनऊ चिड़ियाघर से यहां पर रॉयल बंगाल टाइगर को लाया जाएगा. इसके साथ ही तेंदुआ, गेंडा, भालू, लकड़बग्घा, मगरमच्छ, घड़ियाल, फिशिंग कैट और भेड़िया प्रमुख रूप से शामिल होंगे.
प्रदेश का पहला इंडोर तितली पार्क
इसके अलावा यहां पर प्रदेश का पहला इंडोर तितली पार्क बनाया गया है, जो बेहद ही खूबसूरत है. सांपों की विभिन्न प्रजातियों को देखने के लिए सरपेंटीयम भी बनाया गया है. सहायक वन संरक्षक संजय मल्ल कहते हैं कि चिड़ियाघर की तैयारी अपने अंतिम चरण पर है. अब तक जानवर भी ले आए गए होते, लेकिन मौसम जानवरों के लिए अनुकूल नहीं है.

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही जिन जानवरों को लाया जाना है, उनकी फिटनेस रिपोर्ट बरेली सेंटर से आएगी, फिर जाकर जानवरों का ट्रांसपोर्टेशन किया जाएगा. चिड़ियाघर निर्माण से जुड़े प्रोजेक्ट मैनेजर ने तैयारियों को अंतिम रूप में बताया है और फरवरी माह उद्घाटन के लिए उपयुक्त भी बताया है. मुख्यमंत्री के लगातार निगरानी पर कमिश्नर गोरखपुर ने भी सेंट्रल जू अथॉरिटी के नियमों को ध्यान में रखते हुए जो रिपोर्ट भेजी है, उसमें अभी चिड़ियाघर के उद्घाटन की तिथि आगे बढ़ सकती है, क्योंकि मौसम ही इसमें बाधक बना हुआ है.


अफ्रीका से आएंगे एक जोड़ी जेब्रा
पूर्वांचल के साथ पूरे प्रदेश में इस चिड़ियाघर को आकर्षक बनाए जाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. यही वजह है कि अफ्रीका से 1 जोड़ी जेब्रा मंगाए जाने की प्रक्रिया भी चल रही है. कानपुर चिड़ियाघर से 36 लखनऊ चिड़ियाघर से भी 36 जानवर ही लाए जाएंगे. नेशनल जूलॉजिकल पार्क से 19, बंद हो चुके पार्कों से 19 और गोरखपुर के वन संरक्षण केंद्र से भी जानवरों को यहां लाया जाएगा. इसके अलावा असम, जूनागढ़ और देश के अन्य केंद्रों से भी 59 जानवरों को यहां लाया जाना है.

चिड़ियाघर में क्या होता है चुम्बकीय कार्य
चुंबकीय कार्य के तहत बड़े-बड़े चुम्बकों से पूरे चिड़ियाघर परिसर और बाड़ों की जमीन से संपर्क स्थापित करते हुए जांच होती है. इसका मकसद यह होता है कि कहीं पर भी कील या जानवरों को चुंभने लायक लोहे आदि हो तो उन्हें निकाला जा सके, जिससे जानवरों को चोट न पहुंचे. इसके लिए एक्सपर्ट टीम अपना काम पूरा कर पॉजिटिव रिपोर्ट दे चुकी है. सभी बाड़ों का सैनिटाइजेशन भी हो चुका है.

गोरखपुर: प्रतिकूल मौसम ने शहीद अशफाक उल्लाह खां प्राणी उद्यान के लोकार्पण पर ग्रहण लगा दिया है. जनवरी माह से शुरू हुए ठंड के उतार-चढ़ाव भरे मौसम के चलते इस चिड़ियाघर में देश के विभिन्न चिड़ियाघरों से लाये जाने वाले जानवरों को नहीं लाया जा सका, जिसकी वजह से मकर संक्रांति के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों होने वाला लोकार्पण नहीं हो पाया. हालांकि सेंट्रल जू अथॉरिटी ने इस चिड़ियाघर में देश के विभिन्न चिड़ियाघरों से जानवरों को लाये जाने की अनुमति दे दी है. लेकिन जब तक जानवरों के लायक अनुकूल मौसम नहीं होता वन विभाग के अधिकारी जानवरों का ट्रांसपोर्टेशन नहीं कर सकते. वहीं इस दौरान निर्माण से जुड़े कुछ कार्य अभी शेष हैं, जो इस माह में पूर्ण हो जाएंगे.

स्पेशल रिपोर्ट.
लखनऊ, कानपुर, असम, जूनागढ़ से लाये जाएंगे जानवर
शिलान्यास से लेकर इस चिड़ियाघर के निर्माण पूरे होने में लगभग 10 वर्ष का समय लग गया. इस दौरान प्रदेश की 3 सरकारों ने इस चिड़ियाघर के लिए अपना बजट दिया. हालांकि शिलान्यास मायावती की सरकार में हुआ था, तब इसका बजट मात्र 86 करोड़ का था, जो वर्तमान में 240 करोड़ के करीब का हो चुका है. 112 एकड़ से बढ़कर इसका क्षेत्रफल भी 176 एकड़ का हो चुका है.
चिड़ियाघर में रखे जाएंगे ये जानवर
देश के विभिन्न चिड़ियाघरों से यहां पर तो जानवर लाए ही जाएंगे, लेकिन दिल्ली स्थित नेशनल जूलॉजिकल पार्क यहां विभिन्न प्रकार के 19 जानवरों का तोहफा देगा. यहां जो जानवर आएंगे उसमें दो लोमड़ी, तीन दरियाई घोड़ा, दो आकर्षक पक्षी पीजेंट कलिज, दो बोनट बंदर और 10 हिरन सांभर शामिल हैं. इन सबके लिए यहां पर बाड़ा तैयार किया जा चुका है. लखनऊ चिड़ियाघर से यहां पर रॉयल बंगाल टाइगर को लाया जाएगा. इसके साथ ही तेंदुआ, गेंडा, भालू, लकड़बग्घा, मगरमच्छ, घड़ियाल, फिशिंग कैट और भेड़िया प्रमुख रूप से शामिल होंगे.
प्रदेश का पहला इंडोर तितली पार्क
इसके अलावा यहां पर प्रदेश का पहला इंडोर तितली पार्क बनाया गया है, जो बेहद ही खूबसूरत है. सांपों की विभिन्न प्रजातियों को देखने के लिए सरपेंटीयम भी बनाया गया है. सहायक वन संरक्षक संजय मल्ल कहते हैं कि चिड़ियाघर की तैयारी अपने अंतिम चरण पर है. अब तक जानवर भी ले आए गए होते, लेकिन मौसम जानवरों के लिए अनुकूल नहीं है.

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही जिन जानवरों को लाया जाना है, उनकी फिटनेस रिपोर्ट बरेली सेंटर से आएगी, फिर जाकर जानवरों का ट्रांसपोर्टेशन किया जाएगा. चिड़ियाघर निर्माण से जुड़े प्रोजेक्ट मैनेजर ने तैयारियों को अंतिम रूप में बताया है और फरवरी माह उद्घाटन के लिए उपयुक्त भी बताया है. मुख्यमंत्री के लगातार निगरानी पर कमिश्नर गोरखपुर ने भी सेंट्रल जू अथॉरिटी के नियमों को ध्यान में रखते हुए जो रिपोर्ट भेजी है, उसमें अभी चिड़ियाघर के उद्घाटन की तिथि आगे बढ़ सकती है, क्योंकि मौसम ही इसमें बाधक बना हुआ है.


अफ्रीका से आएंगे एक जोड़ी जेब्रा
पूर्वांचल के साथ पूरे प्रदेश में इस चिड़ियाघर को आकर्षक बनाए जाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. यही वजह है कि अफ्रीका से 1 जोड़ी जेब्रा मंगाए जाने की प्रक्रिया भी चल रही है. कानपुर चिड़ियाघर से 36 लखनऊ चिड़ियाघर से भी 36 जानवर ही लाए जाएंगे. नेशनल जूलॉजिकल पार्क से 19, बंद हो चुके पार्कों से 19 और गोरखपुर के वन संरक्षण केंद्र से भी जानवरों को यहां लाया जाएगा. इसके अलावा असम, जूनागढ़ और देश के अन्य केंद्रों से भी 59 जानवरों को यहां लाया जाना है.

चिड़ियाघर में क्या होता है चुम्बकीय कार्य
चुंबकीय कार्य के तहत बड़े-बड़े चुम्बकों से पूरे चिड़ियाघर परिसर और बाड़ों की जमीन से संपर्क स्थापित करते हुए जांच होती है. इसका मकसद यह होता है कि कहीं पर भी कील या जानवरों को चुंभने लायक लोहे आदि हो तो उन्हें निकाला जा सके, जिससे जानवरों को चोट न पहुंचे. इसके लिए एक्सपर्ट टीम अपना काम पूरा कर पॉजिटिव रिपोर्ट दे चुकी है. सभी बाड़ों का सैनिटाइजेशन भी हो चुका है.

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