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गोरखपुर: अमरनाथ एक्सप्रेस में सफाई का बुरा हाल, यात्री हो रहे परेशान - गोरखपुर समाचार

रेलवे का स्वच्छता का दावा पूरी तरह फेल होता नजर आ रहा है. गोरखपुर से जम्मू को जाने वाली अमरनाथ एक्सप्रेस ट्रेन में सफाई को लेकर घोर लापरवाही बरती जा रही है. इसके चलते रेल यात्रियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

रेल में सफाई न होने से परेशान यात्री.
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Published : Sep 17, 2019, 4:33 AM IST

गोरखपुर: पूरे देश में स्वच्छता अभियान जोर-शोर से चलाया जा रहा है. प्रधानमंत्री से लेकर हर एक आदमी भी इस विषय पर जागरूक होता दिखाई दे रहा है, लेकिन रेलवे में स्वच्छता का बड़ा दावा पूरी तरह फेल होता नजर रहा है. गोरखपुर से जम्मू को जाने वाली अमरनाथ एक्सप्रेस ट्रेन में सफाई को लेकर घोर लापरवाही बरती जा रही है. इसके चलते रेल यात्रियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

रेल में सफाई न होने से परेशान यात्री.

करीब 22 से 24 घंटे तक रेल की पटरी पर दौड़ने वाली इस ट्रेन में सफाई व्यवस्था पूरी तरह शून्य है. जब सफाई के लिए मैसेज के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई जाती है, तभी रेलवे सफाईकर्मियों द्वारा सिर्फ कंपार्टमेंट की सफाई की जाती है. बाकी पूरी ट्रेन में गंदगी का अंबार लगा रहता है.

यह भी पढ़ें: चंदौलीः करोड़ों खर्च पर बबुरी को नहीं मिला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिम्मेदार आखिर कौन

इस ट्रेन का नंबर 12587 है. गोरखपुर से दिन के 2:20 बजे चलकर अगले दिन करीब 12:30 बजे जम्मू स्टेशन पहुंचती है. इस बीच में इन बोगियों में सफाई करने वाला कोई सफाईकर्मी नहीं आता है.

कल से ट्रेन चल रही हैं, लेकिन सफाई नहीं की गई है. सफाई के लिए शिकायत करनी पड़ रही है. इसके बावजूद कोच को छोड़कर सिर्फ कंपार्टमेंट की सफाई होती है.
मनीष दूबे, रेल यात्री

शिकायत करने के बाद सफाईकर्मी सिर्फ कंपार्टमेंट की सफाई करके चले जाते हैं. बाकी पूरी ट्रेन में गंदगी का आलम है.
सूर्या सिंह, रेल यात्री

गोरखपुर: पूरे देश में स्वच्छता अभियान जोर-शोर से चलाया जा रहा है. प्रधानमंत्री से लेकर हर एक आदमी भी इस विषय पर जागरूक होता दिखाई दे रहा है, लेकिन रेलवे में स्वच्छता का बड़ा दावा पूरी तरह फेल होता नजर रहा है. गोरखपुर से जम्मू को जाने वाली अमरनाथ एक्सप्रेस ट्रेन में सफाई को लेकर घोर लापरवाही बरती जा रही है. इसके चलते रेल यात्रियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

रेल में सफाई न होने से परेशान यात्री.

करीब 22 से 24 घंटे तक रेल की पटरी पर दौड़ने वाली इस ट्रेन में सफाई व्यवस्था पूरी तरह शून्य है. जब सफाई के लिए मैसेज के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई जाती है, तभी रेलवे सफाईकर्मियों द्वारा सिर्फ कंपार्टमेंट की सफाई की जाती है. बाकी पूरी ट्रेन में गंदगी का अंबार लगा रहता है.

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इस ट्रेन का नंबर 12587 है. गोरखपुर से दिन के 2:20 बजे चलकर अगले दिन करीब 12:30 बजे जम्मू स्टेशन पहुंचती है. इस बीच में इन बोगियों में सफाई करने वाला कोई सफाईकर्मी नहीं आता है.

कल से ट्रेन चल रही हैं, लेकिन सफाई नहीं की गई है. सफाई के लिए शिकायत करनी पड़ रही है. इसके बावजूद कोच को छोड़कर सिर्फ कंपार्टमेंट की सफाई होती है.
मनीष दूबे, रेल यात्री

शिकायत करने के बाद सफाईकर्मी सिर्फ कंपार्टमेंट की सफाई करके चले जाते हैं. बाकी पूरी ट्रेन में गंदगी का आलम है.
सूर्या सिंह, रेल यात्री

Intro:एक्सक्लूसिव...

गोरखपुर। पूरे देश में स्वच्छता अभियान जोर-शोर से चलाया जा रहा है प्रधानमंत्री से लेकर एक आम आदमी इस विषय पर जागरूक दिखाई देता है। लेकिन रेलवे में स्वच्छता का बड़ा-बड़ा दावा पूरी तरह फेल नजर आता है। अगर बात करें गोरखपुर से जम्मू को जाने वाली अमरनाथ एक्सप्रेस की तो इस ट्रेन में सफाई को लेकर घोर लापरवाही बरती जा रही है। करीब 22 से 24 घंटे तक रेल की पटरी पर दौड़ने वाली इस ट्रेन में सफाई व्यवस्था पूरी तरह शून्य है। रेलवे की तरफ से कोई सफाई कर्मी तभी आता है जब सफाई के लिए मैसेज के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई जाती है। हैरानी तो इस बात की है कि जिस पीएनआर नंबर से शिकायत दर्ज होती है यह सफाई कर्मी उसी कंपार्टमेंट को साफ भी करते हैं न कि पूरी बोगी की। सफाई की यह बदहाल स्थिति ईटीवी भारत के कमरे में कैद हुई तो लोगों ने अपनी पीड़ा भी सुनाई और रेलवे पर जमकर भड़ास भी निकाला।

नोट--कम्प्लीट पैकेज, वॉइस ओवर अटैच है। ओपनिंग, मिड और क्लोजिंग पीटीसी भी


Body:गोरखपुर से जम्मू तक जाने वाली अमरनाथ एक्सप्रेस में गंदगी के अंबार की तस्वीर एसी बोगियों की है। जहां यह माना जाता है एक विशेष क्लास के लोग यात्रा करते हैं और रेलवे यहां की सफाई पर भी विशेष ध्यान देता है। अब आसानी से समझा जा सकता है कि स्लीपर बोगियों का क्या हाल होगा। जिस ट्रेन की बात हो रही है उसका नंबर 12587 है। और यह गोरखपुर से दिन के 2:20 बजे चलकर अगले दिन करीब 12:30 बजे जम्मू स्टेशन पहुंचती है। लेकिन इस बीच में इन बोगियों में सफाई करने वाला कोई सफाई कर्मी नहीं आता। ईटीवी संवाददाता मुकेश पांडे भी इस में यात्रा कर रहे थे। जिन्होंने सफाई का जायजा लेने के लिए एसएमएस का सहारा लिया तो कुछ और यात्रियों ने भी एसएमएस किया। शिकायत दर्ज हुई तो करीब डेढ़ घंटे बाद पंजाब के पटियाला स्टेशन पर दो सफाई कर्मी आए और शिकायत कर्ताओं के कंपार्टमेंट को साफ करते चलते बने। उनके पास भी जवाब नहीं था की पूरी टीम क्यों नहीं साफ हो रही। वही लोग गंदगी से बिलबिला रहे थे। सुबह के वक्त में बड़ा हो या बुजुर्ग या छोटे बच्चे उन्हें शौचालय जाने की इच्छा नहीं हो रही थी। क्योंकि टॉयलेट बहुत गंदा था। फिर भी शिकायत करने वालों की संख्या बेहद कम थी। लेकिन कुछ ने प्रयास किया तो रेलवे की सारी हकीकत सामने आ गई।

बाइट--तनिक लाल शाह, सफाईकर्मी
बाइट--मनीष दूबे, पीड़ित रेल यात्री
बाइट-मार्कण्डेय पाण्डेय, रेल यात्री
बाइट--सूर्या सिंह, रेल यात्री


Conclusion:कहते हैं कि प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरूरत नहीं पड़ती है। रेलवे के स्वच्छता के दावे की पोल खोलती इस खबर के बाद जब ट्रेन में मौजूद टीटी से इसको लेकर बात करने की कोशिश की गई तो पहले तो उसने कैमरे को बंद कराया फिर बिना किसी सफाई व्यवस्था को सुचारू कराएं कोच से नदारद हो गया। हैरानी इस बात की है कि जब ट्रेन में सफाई का ठेका हो रहा है तो सफाई क्यों नहीं हो रही। अगर ठेका नहीं हो रहा तो एसएमएस करने के बाद आखिरकार ट्रेन में सफाईकर्मी, सफाई के लिए क्यों पहुंचे। अपनी गिरेबां फसती देख कोई बोलने को तैयार नहीं हुआ। लेकिन कहा जाता है की कैमरे की आंखों में कैद तस्वीर को झुठलाया नहीं जा सकता और ईटीवी के कैमरे में जो कैद हुआ वह सच से भरा है चाहे कोई जवाब दे या ना दे। फिलहाल जिसकी जवाबदेही है वह तो बेपर्दा हो ही गया है।

क्लोजिंग पीटीसी
मुकेश पाण्डेय
Etv भारत, गोरखपुर
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