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गोरखपुरः पुरातन छात्रों ने अपने फंड से बनवाया MMMUT में एल्युमिनाई भवन

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित MMMUT में पुरातन छात्रों ने एल्युमिनाई भवन का निर्माण कराया है. साथ ही विश्वविद्यालय में 25 और 26 दिसंबर को एल्युमिनाई मीट का आयोजन किया जा रहा है.

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Published : Dec 23, 2019, 2:53 PM IST

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एल्युमिनाई भवन.

गोरखपुरः मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MMMUT) में एल्युमिनाई भवन बनाया गया है. इस भवन का निर्माण यहां से पढ़कर निकले उन सभी पुरातन छात्रों ने कराया है, जो इसके स्थापना काल के समय में यहां दाखिला हुए थे और इंजीनियरिंग की दुनिया में अपना नाम कमा रहे हैं.

एल्युमिनाई भवन.
विद्यार्थियों को एल्युमिनाई भवन का तोहफा
विश्वविद्यालय में जब एल्युमिनाई संघ बना तो संघ ने विश्वविद्यालय और पुरातन छात्रों के साथ नए विद्यार्थियों को एल्युमिनाई भवन का तोहफा दे दिया. इसके जीर्णोद्धार पर करीब 50 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं. एल्युमिनाई संघ करोड़ों रुपये खर्च कर इस भवन को आधुनिक बनाने में जुटा हुआ है.

इसे भी पढ़ें- गोरखपुर विवि में दीक्षांत समारोह का आयोजन, आनंद कुमार ने विद्यार्थियों को किया सम्मानित

25 और 26 दिसंबर को है एल्युमिनाई मीट
एल्युमिनाई भवन को बनाए जाने के लिए MMMUT ने अपने एक पुराने भवन को एल्युमिनाई संघ को आवंटित कर दिया, जिसके बाद संघ ने इस भवन को एल्युमिनाई भवन का रूप देना शुरू किया.

दुनिया भर में इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपने प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले मालवीयंस हर वर्ष 25 और 26 दिसंबर को आयोजित होने वाले एल्युमिनाई मीट में शिरकत करने के लिए यूनिवर्सिटी पहुंचते हैं.

220 पुरातन छात्र होंगे शामिल
इस बार भी एल्युमिनाई मीट का आयोजन होने जा रहा है, जिसमें करीब 220 पुरातन छात्र शामिल होंगे. इसको बनाने वाले एल्युमिनाई संघ के अध्यक्ष और यहां के 1969 बैच के छात्र रहे राधेश्याम सिंह का कहना है कि इसको आधुनिकता से परिपूर्ण पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा. विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा कि पुरातन छात्रों का यह अद्भुत उपहार उनके उपयोग के साथ विश्वविद्यालय के भी उपयोग में आने वाली एक अमूल्य धरोहर है.

गोरखपुरः मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MMMUT) में एल्युमिनाई भवन बनाया गया है. इस भवन का निर्माण यहां से पढ़कर निकले उन सभी पुरातन छात्रों ने कराया है, जो इसके स्थापना काल के समय में यहां दाखिला हुए थे और इंजीनियरिंग की दुनिया में अपना नाम कमा रहे हैं.

एल्युमिनाई भवन.
विद्यार्थियों को एल्युमिनाई भवन का तोहफाविश्वविद्यालय में जब एल्युमिनाई संघ बना तो संघ ने विश्वविद्यालय और पुरातन छात्रों के साथ नए विद्यार्थियों को एल्युमिनाई भवन का तोहफा दे दिया. इसके जीर्णोद्धार पर करीब 50 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं. एल्युमिनाई संघ करोड़ों रुपये खर्च कर इस भवन को आधुनिक बनाने में जुटा हुआ है.

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25 और 26 दिसंबर को है एल्युमिनाई मीट
एल्युमिनाई भवन को बनाए जाने के लिए MMMUT ने अपने एक पुराने भवन को एल्युमिनाई संघ को आवंटित कर दिया, जिसके बाद संघ ने इस भवन को एल्युमिनाई भवन का रूप देना शुरू किया.

दुनिया भर में इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपने प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले मालवीयंस हर वर्ष 25 और 26 दिसंबर को आयोजित होने वाले एल्युमिनाई मीट में शिरकत करने के लिए यूनिवर्सिटी पहुंचते हैं.

220 पुरातन छात्र होंगे शामिल
इस बार भी एल्युमिनाई मीट का आयोजन होने जा रहा है, जिसमें करीब 220 पुरातन छात्र शामिल होंगे. इसको बनाने वाले एल्युमिनाई संघ के अध्यक्ष और यहां के 1969 बैच के छात्र रहे राधेश्याम सिंह का कहना है कि इसको आधुनिकता से परिपूर्ण पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा. विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा कि पुरातन छात्रों का यह अद्भुत उपहार उनके उपयोग के साथ विश्वविद्यालय के भी उपयोग में आने वाली एक अमूल्य धरोहर है.

Intro:गोरखपुर। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MMMTU) में देश का पहला एलुमिनियाई भवन बनाया गया है। इस भवन को विश्वविद्यालय ने नहीं बल्कि यहां से पढ़कर निकले हुए ऐसे वह सभी पुरातन छात्र मिलकर बनवाए हैं जो इसके स्थापना काल के समय में यहां दाखिला लिए और इंजीनियरिंग की दुनिया में अपना नाम कमाएं। विश्वविद्यालय में जब एलमुनियाई संघ बना तो उन्होंने ने विश्वविद्यालय और अपने पुरातन छात्रों के साथ नये विद्यार्थियों को एलमुनियाई भवन का तोहफा दे दिए। इसके जीर्णोद्धार पर करीब 50 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं और इसे करोड़ों खर्च कर आधुनिक बनाने में संघ जुटा है।

नोट--कम्प्लीट पैकेज, वॉइस ओवर अटैच है। स्पेशल/एक्सकलुसिव है।


Body:मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने इस भवन को बनाए जाने के लिए अपने एक पुराने भवन को एलमुनियाई संघ को आवंटित कर दिया। जिसके बाद संघ ने इस भवन को ऐसा रूप देना शुरू कर किया जो अपने आप में एक नजीर बने। भारत सहित दुनिया के किसी भी देश में इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपने प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले मालवीयंस हर वर्ष 25 और 26 दिसंबर को आयोजित होने वाले एलमुनियाई मीट में शिरकत करने के लिए गोरखपुर पहुंचते हैं। इस बार भी यह आयोजन होने जा रहा है जिसमें करीब दो सौ बीस पुरातन छात्र शामिल होंगे। लेकिन जो छात्र न्यू जर्सी, शिकागो, ब्रिटेन, लेबनान, इटली और जापान से आएंगे उनके लिए यह एलमुनियाई भवन एक बेहतरीन तोहफा और प्रेरणा का विषय होगा। इसीलिए तो इसको बनाने वाले एलमुनियाई संघ के अध्यक्ष और यहाँ के 1969 वर्ष के छात्र रहे राधेश्याम सिंह का कहना है कि इसको आधुनिकता से परिपूर्ण और पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा तो विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा कि पुरातन छात्रों का यह अद्भुत उपहार उनके उपयोग के साथ विश्वविद्यालय के भी उपयोग में आने वाली एक अमूल्य धरोहर है।

बाइट--राधेश्याम सिंह, अध्यक्ष, एलमुनियाई संघ
बाइट--प्रोफेसर एसएन सिंह, कुलपति, MMMTU


Conclusion:शैक्षणिक संस्थानों में पुरातन छात्रों के मेल मिलाप की जो परंपरा है उसको यह विश्वविद्यालय निरंतर आगे बढ़ा रहा है। यही वजह है कि यहां से निकले हुए छात्र जिनके मन के अंदर अपने उस शिक्षण संस्थान को देखने की ललक और उसके बदलते स्वरूप को जानने की इच्छा पनप रही होगी जहां वह पढ़े और कामयाब हुए। जब वह यहाँ आएंगे और अपने अभिभावक तुल्य हो चुके सीनियर्स से मिलेंगे, साथ ही उनके द्वारा एलमुनियाई भवन बनाए जाने जैसी सोच को देखेंगे तो उनके अंदर भी विश्वविद्यालय और यहां पढ़ रहे छात्रों को कुछ देने की ललक पैदा होगी। यहाँ ऐसा हो भी रहा है। तमाम पुरातन छात्रों की वजह से यहां पढ़ रहे छात्रों को हर वर्ष प्लेसमेंट भी मिल रहा है।

मुकेश पाण्डेय
Etv भारत, गोरखपुर
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