गोरखपुरः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों 30 दिसंबर को गोरखपुर में लोकार्पित होने वाले प्रदेश के पहले सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के वाटर स्पोर्ट्स कॉम्लेक्स के संचालन में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है. इसकी शिकायत पीड़ित पक्ष ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर राजभवन तक पहुंचाने की बात कही है.
पीड़ित ने दस्तावेजों का हवाला देते हुए कहा कि इस वाटर कॉम्प्लेक्स के संचालन और उसके साथ रामगढ ताल में स्पोर्ट्स एक्टिविटी को संचालित करने, खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने के लिए जिस निषाद विकास समिति को पर्यटन निगम ने टेंडर फाइनल किया है उसके दस्तावेजों में बड़ी कमियां हैं.
टेंडर के समय प्राप्त किए गए दस्तावेज और टेंडर को फाइनल करने के दौरान प्रयोग में लिए गए दस्तावेज के साथ अधिकारियों ने मनमानी की है. यही वजह है कि उनकी फर्म को टेंडर नहीं मिला और संचालन का काम निषाद विकास समिति को मिल गया. आरोप है कि संचालन करने वाली फर्म का GST पंजीयन का नंबर नहीं है.
सरस्वती फ्लोर मिल फर्म संचालन समिति के सदस्य राजन राय ने कहा कि Water Sports Complex को संचालित करने के लिए कुल 3 बार टेंडर की प्रक्रिया हुई थी. पूर्व में दो बार टेंडर निरस्त किया जा चुका था. वजह थी कि टेंडर की प्रक्रिया में जो दस्तावेज जरूरी थे वह संचालन का काम पाने वाली फर्म उपलब्ध नहीं करा पा रही थी.
पीड़ित का आरोप है कि निषाद विकास समिति को टेंडर देने के लिए कागज को अधिकारियों ने अपने अनुकूल सही मान लिया जबकि टेंडर हासिल करने वाली फर्म ने आवेदन को जॉइंट वेंचर में डाला था जिसमें तीन फर्में थी और उन्होंने मिलकर शपथ पत्र देकर टेंडर प्रक्रिया में भाग लिया था जिसकी प्रमुख हिस्सेदार निषाद विकास समिति थी, जिसे टेंडर फाइनल किया गया है जबकि जॉइंट वेंचर की एक फर्म का GST नंबर ही सही नहीं पाया गया है.
वह ब्लॉक है. उसका अनुभव प्रमाण पत्र भी पूरा नहीं है. उसने अपना जो फाइनेंसियल स्टेटमेंट दिया है वह भी भ्रामक है जबकि सरवती मिल ने जो कागजात टेंडर के लिए लगाए थे उसको नजरअंदाज करते हुए अधिकारियों ने मनमाने तरीके से निषाद विकास समिति के पक्ष में Water sports complex के संचालन का अधिकार दे दिया.
इस संबंध में ETV भारत ने निषाद विकास समिति के प्रोप्राइटर और प्रबंध समिति के लोगों से संपर्क किया जिसमें समिति के उस सचिव अमर निषाद ने साफ तौर पर कहा कि केंद्र संचालन के लिए जो प्रक्रिया अपनाई जानी थी उनकी समिति ने वह अपनाई.
टेंडर उन्हें हासिल हुआ. गड़बड़ी कहां पर और किस स्तर पर हुई है यह शिकायतकर्ता और टेंडर देने वाले अधिकारी जाने. उन्हें इस बात का पूरा भरोसा है कि केंद्र के संचालन के लिए उनका संपूर्ण दस्तावेज सही है. वहीं, शिकायतकर्ता ने कहा कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच के लिए शिकायत सीएम योगी के साथ राज्यपाल तक की गई है. उम्मीद है कि निर्णय सही होगा. इस संबंध में ETV भारत की पर्यटन निगम के एमडी शिवपाल सिंह जो लखनऊ में बैठते हैं, उनसे टेलीफोन पर बात हुई जिन्होंने इस भ्रष्टाचार पर अपना गोलमोल ही जवाब दिया.
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