गोरखपुर: पूर्वोत्तर रेलवे प्रमोटी अधिकारी संघ (एनईआरपीओए) (North Eastern Railway Promotion Officers Association) ने रेलवे में घटते मानव संसाधन पर चिंता जाहिर की है. गोरखपुर में आयोजित दो दिवसीय संघ की कार्यकारी समिति की बैठक में अधिकारी महासंघ के महासचिव एचसी यादव ने कहा कि प्रमोटी अधिकारी भारतीय रेल (Promotive Officer Indian Railways) के मेरूदण्ड हैं. उनकी समस्याओं का हर हाल में समाधान होना ही चाहिए. उन्होंने कहा कि विभिन्न कैटेगरीज के लंबित डीपीसी को पूरा कराने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है. लगभग सभी कैटेगरीज में वर्ष 2020 तक की डीपीसी हो चुकी है. उन्होंने सीनियर स्केल के पदों को पुनः प्रमोटी अधिकारियों के लिए तदर्थ आधार पर उपलब्ध कराने हेतु महासंघ द्वारा किए जा रहे प्रयासों की चर्चा की.
इस आयोजन में प्रमोटी अधिकारी महासंघ के सलाहकार जितेन्द्र सिंह ने कहा कि सफलता के लिए निरन्तर प्रयत्न करना एक अनिवार्य शर्त है. उन्होंने कहा कि प्रसन्नतापूर्वक किसी समस्या के समाधान के लिए प्रयत्न करना सफलता पाने की दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम होता है. कहा कि प्रमोटी अधिकारी सामान्यतया फील्ड में कार्य करते हैं, जो कि स्वयं में एक टेक्निकल एवं विशिष्टतापूर्ण कार्य है.
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वहीं, प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबन्धक संजय त्रिपाठी ने कहा कि हमारा आचरण इतना उत्कृष्ट होना चाहिए कि लोग उसका अनुसरण करें. आपसी मेलजोल, सामंजस्य और प्रसन्न होकर जीवन जीना स्वयं में सफलता का प्रमाण है. उन्होंने कहा कि पूरी निष्ठा से कार्य सम्पादन कर हम अपने साथ ही अपने संस्थान को भी सफलता के पथ पर निरन्तर अग्रसर रखने में सफल होते हैं. प्रमुख वित्त सलाहकार प्रीति झा ने कहा कि प्रमोटी आफिसर बहुत ही अनुभवी होते हैं. अपने दीर्घकालीन अनुभव के बदौलत वे किसी भी कार्य को बड़ी ही कुषलता से सम्पादित करने में सक्षम होते हैं. उन्होंने कहा कि प्रमोटी अधिकारियों की प्रतिबद्धता सराहनीय होती है. रेल मंत्रालय और मंत्री को इस समूह की मांगों पर विचार करना होगा.
बता दें कि कार्य समिति की बैठक को क्षेत्रीय रेलों के प्रमोटी अधिकारी संघ के पदाधिकारियों ने भी सम्बोधित किया, जिनमें मध्य रेलवे के टी.वी.एस.एन.मूर्ति, पूर्व रेलवे के देवब्रत, पश्चिम रेलवे के आर.वी.श्रीवास्तव, पूर्व मध्य रेलवे के दीपक राज, पूर्व तटीय रेलवे के आर.आर.मिश्र, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के सुशील कुमार मौर्य, पूर्वोत्तर रेलवे के रमेश पाण्डेय और दक्षिण मध्य रेलवे के गोविन्द हर्ले शामिल रहे. वक्ताओं ने अपने सम्बोधन में प्रमोटी अधिकारियों की समस्याओं तथा उनके निदान से सम्बन्धित अनेक पक्षों पर विस्तार से चर्चा की.