गोरखपुरः कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने मंगलवार को गोरखपुर में मंडलीय खरीफ गोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित किया. इसके बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने सरकार की बड़ी परियोजना की इस अवसर पर चर्चा की, जो खेती किसानी के साथ पूर्वांचल में रोजगार और व्यवसाय सृजन का भी बड़ा माध्यम बनेगी. कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा है कि 'मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल और कैबिनेट की स्वीकृति के बाद कुशीनगर में स्थापित होने वाले गौतम बुद्ध कृषि एवं तकनीकी विश्वविद्यालय की आधारशिला देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों रखी जाएगी.
उन्होंने इस बात को बड़े ही साफ तौर पर कहा कि जुलाई माह में इसकी कोई भी तिथि तय हो सकती है, जब प्रधानमंत्री कुशीनगर पहुंचकर पूर्वांचल के किसानों के साथ यहां के युवाओं को भी कृषि के क्षेत्र में करियर बनाने के इस बड़े शैक्षणिक संस्थान का शिलान्यास करेंगे. कृषि मंत्री ने कहां कि यही नहीं गोरखपुर में एक बड़ा पैक हाउस भी बनाया जाएगा, जिसके माध्यम से फल और सब्जी उत्पादक किसानों के उत्पाद को दूसरे देशों में भेजा जाएगा. इससे यहां के स्थानीय किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी और विभिन्न तरह के उत्पादों को तैयार करने, उसकी खेती करने का जज्बा भी किसानों में बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि अभी सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में एक ऐसे ही पैक हाउस को हरी झंडी दिखायी है.
इसके पहले अमरोहा में भी पैक हाउस का निर्माण करके किसानों की आमदनी और आय को दुगनी करने का प्रयास किया जा रहा है. वाराणसी से अभी तक 500 मीट्रिक टन, लखनऊ से 600 मीट्रिक टन उत्पाद का निर्यात किया गया है. इस वर्ष सभी 3 माह में ही ढाई सौ मीट्रिक टन उत्पाद निर्यात किया जा चुका है, जिससे करीब 10 हजार किसानों की आय में वृद्धि हुई है. यह एक अच्छा संकेत है, जिस पर सरकार तेजी के साथ कार्य कर रही है और किसानों को उसे जोड़ रही है.
कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को लगातार खेती-किसानी की उन्नत तकनीकों से जोड़ने के लिए वर्कशॉप और जानकारी देने का प्रयास किया जाता है. वह किस प्रकार के बीज अपनी खेती के लिए उपयोग करें इससे भी उन्हें अवगत कराया जाता है, जिससे उन्हें नुकसान कम उठाना पड़े. खरीफ गोष्टी के माध्यम से किसानों की जो समस्याएं उन तक पहुंची है उसके भी निदान का तेजी के साथ प्रयास किया जाएगा.
जिला और मंडल स्तर के अधिकारियों को किसानों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित कर, उनके लाभ को बढ़ाने के लिए उन्नत खेती में मदद की बात कही गई है. साथ ही श्री अन्न योजना की तरफ भी किसान उन्मुख हो और उसकी पैदावार भी बढ़ाएं तो इससे सेहत के साथ आमदनी भी अच्छी होगी.
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