गोरखपुर: चौरी चौरा के दो अधिवक्ताओं की पहल से एक दम्पति के जीवन में बहार आई है. जिले में पति पत्नी के बीच एक साल से ज्यादा समय से न्यायालय में घरेलू हिंसा का मुकदमा चल रहा था. ग्राम न्यायालय चौरी चौरा के पीठासीन अधिकारी के समक्ष दोनों पति पत्नी ने आपसी सुलह समझौता दाखिल कर न्यायालय परिसर में ही एक दूसरे को माला पहना कर दूसरी बार एक दूसरे के साथ जीने मरने की कसम खाई. पति पत्नी के बीच बने इस सम्बन्ध से खुश होकर ग्राम न्यायालय चौरी चौरा के अधिवक्ताओं ने दोनों को मिठाई खिलाई. साथ ही उन्हें पुनः पति पत्नी के रूप में एक साथ जीवन व्यतीत करने के लिए घर जाने का के फैसले का स्वागत किया.
झगहा थाना क्षेत्र के अमहिया गांव की निवासी आराधना की शादी 27 मई 2015 को मऊ जिले के हलधरपुर थाना क्षेत्र के अईलख गांव निवासी अखंड प्रताप दुबे से हुई थी. दोनों की 4 साल की एक बच्ची भी है. पति-पत्नी के बीच आपसी मनमुटाव होने के कारण आराधना ने अपने पति अखंड प्रताप दुबे के विरुद्ध जनपद न्यायालय में 19 जनवरी 2019 को घरेलू हिंसा का वाद दाखिल किया था. इसका मुकदमा जनपद न्यायालय से ट्रांसफर होकर चौरी चौरा ग्राम न्यायालय में विचाराधीन था. इसे वादिनी के अधिवक्ता जगदीश मौर्य और प्रतिवादी के अधिवक्ता सद्दाम हुसैन एईवीएम अमित सिंह द्वारा मुकदमें के दौरान शनिवार को दोनों के बीच आपस में सुलह समझौता कराया गया. दोनों ने ग्राम न्यायालय के अधिकारी के समक्ष एक दूसरे को पुनः वर माला पहनाया.
इस अवसर पर तहसील बार एसोसिशन के अध्यक्ष हरीहर प्रसाद, महा मंत्री अजीत कुमार, कोर्ट नजीर राजेश राय, अधिवक्ता संजय उपाध्याय, राम सकल भारद्वाज, जयसिंह, रमेश यादव और पति पत्नी के परिजनों सहित तमाम लोग उपस्थित रहे.
विपक्षी अधिवक्ता और उनकी पहल के कारण एक परिवार टूटने से बच गया. उनकी मेहनत रंग लाई, इससे वे बहुत खुश है.
-जगदीश मौर्य, शासकीय अधिवक्ता
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