गोरखपुर: हवाई सेवा के विस्तार (Gorakhpur air service extension) और इससे जुड़ते जा रहे यात्रियों की संख्या को देखते हुए गोरखपुर एयरपोर्ट प्रबन्धन (Gorakhpur Airport Management) इसके विस्तार में जुट गया है. यहां पर एक अन्य टर्मिनल का निर्माण कराया जा रहा है, जो कि 31 अक्टूबर तक पूर्ण कर लिया जाएगा. वहीं, एयरपोर्ट के विस्तार के लिए 42 एकड़ अतिरिक्त भूमि की भी उपलब्धता हो गई है. बहुत जल्द इस पर निर्माण की प्रक्रिया को भी आगे बढ़ाया जाएगा, जिससे यहां पर लैंडिंग के साथ उड़ान सेवा को अधिकतम विस्तार दिया जा सकेगा. इसके बाद यह एयरपोर्ट बनारस और लखनऊ की क्षमता में आकर खड़ा हो जाएगा.
गोरखपुर एयरपोर्ट के डायरेक्टर एके द्विवेदी ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता है कि जल्द से जल्द एयरपोर्ट टर्मिनल का दूसरा प्लेटफार्म बनकर तैयार हो जाए. इससे आने वाले यात्रियों को जो फायदा होगा उससे अधिक जाने वाले यात्रियों को उड़ान के इंतजार में कोई असुविधा नहीं उठानी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि अब तक इस एयरपोर्ट से प्रतिदिन करीब आठ हजार यात्रियों का आवागमन हो रहा है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. लगातार बढ़ती संख्या को देखते ही कुछ नई उड़ानों का शेड्यूल तैयार हो रहा है, जिसमें दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और बेंगलुरु शामिल है. कहा कि 27 सितंबर के बाद विंटर सीजन में इन उड़ानों का शुरू होना तय माना जा रहा है.
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एके द्विवदी ने बताया कि गोरखपुर एयरपोर्ट का संचालन एयर फोर्स (Air Force operating Gorakhpur Airport) के एयरपोर्ट से होता है, जहां पर लगातार यात्रियों की बढ़ती भीड़ इसके विस्तार लेने की प्रक्रिया को मजबूर कर रही थी. यह एयरपोर्ट बिहार और बंगाल जाने के लिए तमाम वीआईपी के चार्टर्ड और स्टेट प्लेन के उतरने का भी अड्डा बनता है. चाहे वह देश के प्रधानमंत्री हों या फिर गृह मंत्री, तमाम राजनीतिक कार्यक्रमों में लोगों का विमान यहीं पर उतरा और फिर हेलीकॉप्टर के माध्यम से लोगों ने आसपास के जिलों में अपनी रैलियों के लिए उड़ान भरी थी. यात्री सुविधा के साथ ऐसे जरूरी सुविधाओं को आगे बढ़ाने के लिए एयरपोर्ट के विस्तार की प्रक्रिया आगे बढ़ी है, जिसके लिए एयरफोर्स की 42 एकड़ भूमि गोरखपुर एयरपोर्ट को मिलने की अनुमति हो चुकी है. बस अब इस पर निर्माण प्रक्रिया शुरू होनी बाकी है. इसके लिए अंतिम दौर का प्रयास चल रहा है.