गोरखपुर : लोकसभा चुनाव को सकुशल संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है. इसी क्रम में जिलाधिकारी ने चुनाव आयोग के निर्देश पर शस्त्र लाइसेंस धारकों की स्कैनिंग करते हुए 41 शस्त्र लाइसेंस धारकों का लाइसेंस निरस्त कर दिया है, जिसमें सांसद की पत्नी व विधायक भी शामिल हैं.
स्कैनिंग कर चलाया जा रहा अभियान
नेताओं और रसूखदारों ने अपनी जान के खतरे का हवाला देते हुए शस्त्र लाइसेंस के लिए भारी संख्या में आवेदन जिला मुख्यालय के शस्त्र विभाग में किया गया था. पुलिस विभाग और जिला प्रशासन के पास जिले भर से लगभग 28 हजार लोगों ने शस्त्र के लिए आवेदन किया था, जिसे गंभीरता से लेते हुए व चुनाव आयोग के निर्देश पर स्कैनिंग करते हुए जिले भर के 41 लाइसेंस शस्त्र धारकों के आवेदन को निरस्त कर दिया है.
विधायक व सांसद पत्नी का लाइसेंस रद्द
शस्त्र लाइसेंस बनवाकर बार-बार नवीनीकरण कराने के बावजूद गन न खरीदने वालों पर जिलाधिकारी के विजेंद्र पांडियन ने बड़ी कार्रवाई की है. डीएम ने बांसगांव के भाजपा विधायक विमलेश पासवान और उनके भाई सांसद कमलेश पासवान की पत्नी रितु पासवान समेत 41 लोगों के गन लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं.
लाइसेंस के बावजूद शस्त्र न होने पर की गई कार्रवाई
एक तरफ हजारों की संख्या में लोग शस्त्र लाइसेंस बनवाने के लिए पिछले 5 साल से पुलिस और प्रशासनिक कार्यालयों के चक्कर लगाते रहे और दूसरी तरफ बड़ी संख्या में लोगों के शस्त्र लाइसेंस बन जाने के बाद शस्त्र न खरीदने व बार-बार शस्त्र लाइसेंस का नवीनीकरण कराने वालों को प्रशासनिक अधिकारियों ने लाइसेंस पर अंतिम मौका लिखकर भी नवीनीकरण किया, इसके बावजूद लोगों ने असलहे नहीं खरीदे.
41 लोगों के शस्त्र लाइसेंस रद्द
इस संबंध में जिला अधिकारी के विजेंद्र पांडियन ने बताया कि निर्वाचन आयोग के निर्देश पर लाइसेंस धारकों द्वारा लाइसेंस नवीनीकरण कराने के बाद भी असलहा न खरीदने के मामले को गंभीरता से लेते हुए जनवरी से ही इसकी मॉनिटरिंग शुरू कर दी और जिन लोगों ने काफी पहले शस्त्र लाइसेंस बनवा लिया और असलहा नहीं खरीदे उनकी जांच कराई जा रही है. उन्होंने बताया कि शस्त्र खरीदने के बजाय नवीनीकरण कराते रहने वाले 41 लोगों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं.