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वाराणसी से नेपाल के लिए पैदल ही निकले 10 युवक, गोरखपुर में रोके गए

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में 10 नेपाली युवक वाराणसी से 3 दिन की पैदल यात्रा करके पहुंचे हैं. यहां इन सभी को पुलिस ने रोक लिया और थर्मल स्क्रीनिंग कराई, जिसमें ये बुखार से पीड़ित नहीं पाए गए.

गोरखपुर में रोके गए 10 नेपाली युवक.
गोरखपुर में रोके गए 10 नेपाली युवक.
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Published : Apr 17, 2020, 3:46 PM IST

गोरखपुर: कोरोना संकट से निपटने के लिए जारी लॉकडाउन के बीच बनारस में रहकर होटलों में काम करने वाले 10 नेपाली युवक 3 दिन की पैदल यात्रा तय करके गोरखपुर पहुंचे. ये जैसे ही गोरखपुर के नौसढ़ पुलिस चौकी सीमा में प्रवेश करना चाह रहे थे, पुलिस की टीम ने इन्हें रोक लिया. पूछताछ में इन्होंने खुद को नेपाल का बताते हुए नेपाल जाने के लिए बनारस से पैदल ही चले आने की बात कही. इस दौरान मौके पर मौजूद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इनकी थर्मल स्कैनर से जांच की, जिसमें यह बुखार से पीड़ित नहीं पाए गए. फिलहाल नौसढ़ पुलिस चौकी पर इन्हें रोका गया है और इन्हें भोजन उपलब्ध कराया गया.

गोरखपुर न्यूज
गोरखपुर में रोके गए 10 नेपाली युवक.
ये सभी 10 युवक करीब 6 माह पहले बनारस रोजगार के सिलसिले में गए थे. यहां ये लोग होटलों में काम करते थे. लॉकडाउन के दौरान होटल बंद हो गए. इनके पास बचे पैसे भी खत्म हो गए, जब इन्हें खाने के लाले पड़ने लगे और स्थानीय स्तर पर इन्हें मदद नहीं मिली, तो अपने घर के लिए ही निकलना मुनासिब समझा.


बनारस से गोरखपुर पहुंचने में इन्हें मात्र 3 दिन ही पैदल चलना पड़ा. इस बीच में गाजीपुर में इनका स्वास्थ्य परीक्षण हुआ था, जिसके बाद इन्हें आगे की यात्रा जारी करने की अनुमति मिली थी. फिलहाल गोरखपुर में भी उनका स्वास्थ्य सही पाया गया है, लेकिन यह नेपाल भेजे जाएंगे कि नहीं इस पर संशय बना हुआ है.

ये सभी नेपाली युवक नेपाल के कपिलवस्तु, पूथन, बांके और बर्दिया जिले के रहने वाले हैं. फिलहाल इन्हें नेपाल तक भेजने के लिए जरूरी एक्सरसाइज गोरखपुर जिला प्रशासन करने में जुटा हुआ है. जिससे इन्हें भारतीय सीमा को पार करते हुए नेपाल में प्रवेश करने में कोई असुविधा न हो.

ये भी पढ़ें-गोरखपुरः जिलाधिकारी की अपील, आरोग्य सेतु एप इंस्टॉल कर रहे सुरक्षित

गोरखपुर: कोरोना संकट से निपटने के लिए जारी लॉकडाउन के बीच बनारस में रहकर होटलों में काम करने वाले 10 नेपाली युवक 3 दिन की पैदल यात्रा तय करके गोरखपुर पहुंचे. ये जैसे ही गोरखपुर के नौसढ़ पुलिस चौकी सीमा में प्रवेश करना चाह रहे थे, पुलिस की टीम ने इन्हें रोक लिया. पूछताछ में इन्होंने खुद को नेपाल का बताते हुए नेपाल जाने के लिए बनारस से पैदल ही चले आने की बात कही. इस दौरान मौके पर मौजूद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इनकी थर्मल स्कैनर से जांच की, जिसमें यह बुखार से पीड़ित नहीं पाए गए. फिलहाल नौसढ़ पुलिस चौकी पर इन्हें रोका गया है और इन्हें भोजन उपलब्ध कराया गया.

गोरखपुर न्यूज
गोरखपुर में रोके गए 10 नेपाली युवक.
ये सभी 10 युवक करीब 6 माह पहले बनारस रोजगार के सिलसिले में गए थे. यहां ये लोग होटलों में काम करते थे. लॉकडाउन के दौरान होटल बंद हो गए. इनके पास बचे पैसे भी खत्म हो गए, जब इन्हें खाने के लाले पड़ने लगे और स्थानीय स्तर पर इन्हें मदद नहीं मिली, तो अपने घर के लिए ही निकलना मुनासिब समझा.


बनारस से गोरखपुर पहुंचने में इन्हें मात्र 3 दिन ही पैदल चलना पड़ा. इस बीच में गाजीपुर में इनका स्वास्थ्य परीक्षण हुआ था, जिसके बाद इन्हें आगे की यात्रा जारी करने की अनुमति मिली थी. फिलहाल गोरखपुर में भी उनका स्वास्थ्य सही पाया गया है, लेकिन यह नेपाल भेजे जाएंगे कि नहीं इस पर संशय बना हुआ है.

ये सभी नेपाली युवक नेपाल के कपिलवस्तु, पूथन, बांके और बर्दिया जिले के रहने वाले हैं. फिलहाल इन्हें नेपाल तक भेजने के लिए जरूरी एक्सरसाइज गोरखपुर जिला प्रशासन करने में जुटा हुआ है. जिससे इन्हें भारतीय सीमा को पार करते हुए नेपाल में प्रवेश करने में कोई असुविधा न हो.

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