गोंडा: कोरोना काल में जहां हर शख्स रोजगार के लिए परेशान है तो वहीं जिले की 10 महिलाओं का एक समूह प्रदेश भर में रोजगार उत्पन्न कर मिसाल पेश कर रहा है. इन महिलाओं ने स्वयं सहायता समूह बनाकर पौधे की नर्सरी लगाकर घर बैठे रोजगार का अवसर उत्पन्न किया. साथ ही इससे होने वाली आमदनी से भी अपनी कमाई का जरिया भी तैयार कर लिया.
10 महिलाओं का समूह
धनगर महिला सहायता समूह में 10 महिलाओं का ग्रुप है, जिसने लगभग डेढ़ लाख पौधों की नर्सरी तैयार किया है. रोजगार के साथ ही लोगों के सामने आत्मनिर्भर बनकर मिसाल पेश किया है. इन महिलाओं की गूंज अब प्रदेश के साथ-साथ देश की राजधानी दिल्ली पहुंच गई है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं सहायता समूह महिलाओं से बात करने के लिए संदेश भेजा है.
अधिकारियों को निर्देश
वहीं सूबे के प्रमुख सचिव, सूचना डायरेक्टर, ग्राम विभाग के अधिकारी सहित लखनऊ की टीम ने इन महिलाओं से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बात की है और उनकी आत्मनिर्भर बनने की कहानी जानी. साथ ही जिले के अधिकारियों से बात कर दिशा निर्देश दिया.
लॉकडाउन में थी परेशान
जिला प्रशासन ने देश के प्रधानमंत्री से महिलाओं की बात को लेकर सभी तैयारी पूरी की. शुक्रवार को 11 से 11:30 बजे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी महिलाओं से बात करेंगे. जब इन महिलाओं से टीम ने बात किया था तो महिलाओं ने बताया था कि देश में लॉकडाउन था, जिससे उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ी थी. इसके बाद इन महिलाओं ने जिले के अधिकारियों से संपर्क किया.
डेढ़ लाख पौधे की नर्सरी की तैयारी
अधिकारियों ने गांव में ही रहकर अपने-अपने खेतों में नर्सरी तैयार करने की बात कही. उन्होंने कहा कि इससे महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा और आय का अच्छा जरिया भी मिलेगा. उसके बाद महिलाओं ने अपने खेतों में स्वयं सहायता समूह बनाकर 10 महिलाओं को ग्रुप बनाया. उन्होंने नर्सरी बनाई है और लगभग डेढ़ लाख पौधे लगाए, जिसमें शाखू, सागौन, यूकेलिप्टस अमरूद,आम,नीम और अन्य तैयार किया गया. इसको अब सरकार महिलाओं से खरीदेगी और पैसा देगी, जिससे उनके बच्चे और परिवार का खर्च अच्छे से चल सकेगा.
वहीं जब इस बारे में सीडीओ शशांक त्रिपाठी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि गोंडा जिले के हलधरमऊ ब्लॉक में ग्राम पंचायत कमालपुर धनगर महिलाओं का सहायता समूह से 26 को प्रधानमंत्री बात करेंगे. शुक्रवार को मुख्यमंत्री कार्यलय से महिलाओं से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से गांव से सीधे बात की जाएगी. धनगर महिला सहायता समूह 10 महिलाओं ने लॉकडाउन में रोजगार उत्पन्न किया, जब लोगों के रोजगार जा रहे थे.