गोण्डा: जिले में मनरेगा कार्यों में गड़बड़ी करने वालों पर जिला प्रशासन की कार्रवाई शुरू हो गई है. मनरेगा के तहत खुदाई का कार्य जेसीबी से कराने पर मनकापुर ब्लॉक के इटरौर ग्राम पंचायत की ग्राम विकास अधिकारी अमिता यादव को निलंबित कर दिया गया है. साथ ही रोजगार सेवक मदन प्रसाद की सेवा समाप्ति, ग्राम प्रधान गोमती की पाॅवर सीज करने की नोटिस के साथ ही सचिव, ग्राम प्रधान, रोजगार सेवक व जेसीबी मालिक पर एफआईआर दर्ज कराई गई है.
बतातें चलें कि विकासखण्ड मनकापुर की ग्राम पंचायत इटरौर के शुक्ल पुरवा में विजय शुक्ला के घर के पास तालाब की खुदाई का कार्य मनरेगा से चल रहा है. 2.608 लाख रुपये की लागत से तालाब की खुदाई का कार्य कराये जाने की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई थी. सीडीओ (मुख्य विकास अधिकारी) को मोबाइल पर सूचना मिली कि तालाब की खुदाई का कार्य मनरेगा श्रमिकों से न कराकर जेसीबी से कराया जा रहा है.
शिकायत का त्वरित संज्ञान लेते हुए सीडीओ ने औचक निरीक्षण कराया तो मौके पर जेसीबी चलती पाई गई. जिस पर ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम प्रधान और रोजगार सेवक की मिलीभगत मानते हुए कार्रवाई की गई है और रिकबरी के भी आदेश जारी किए गए हैं. सीडीओ ने खण्ड विकास अधिकारी मनकापुर को जांच कर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम-2005 में किए गए प्राविधानों के अनुसार कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं.
सीडीओ ने स्पष्ट किया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम-2005 के तहत ठेकेदारी प्रथा एवं कार्य में मशीनरी का प्रयाग पूर्णतः प्रतिबन्धित है. इसलिए जनपद में यदि कहीं भी मनरेगा कार्य में नियमों की उल्लंघन पाया जाएगा तो सीधे एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. इसके अलावा ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम प्रधान और रोजगार सेवक से एक-एक हजार रुपये की रिकवरी का आदेश जिलाधिकारी डॉ. नितिन बंसल द्वारा जारी किया गया है.