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गोण्डा: रिंग पिट विधि से गन्ने से दोगुना मुनाफा कमा सकते हैं किसान - gonda agriculture

गोण्डा में रिंग-पिट विधि के माध्यम से किसान गन्ने की पैदावार को तीन गुना तक बढ़ा सकते हैं. इस विधि से खेती कर किसान अपनी आय में भी बढ़ोतरी कर सकते हैं. जिले में तैनात गन्ना अधिकारी ओमप्रकाश सिंह इस तकनीक को बढ़ावा देने के लिए यूट्यूब चैनल बनाकर किसानों को जानकारी दे रहे हैं.

रिंग पिट विधि
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Published : Nov 6, 2019, 10:04 AM IST

गोण्डाः गन्ने की फसलों के साथ सहफसली की खेती करने के लिए गन्ना विकास अनुसंधान परिषद ने गन्ना बुवाई की एक नई तकनीक इजाद की है. इस विधि का नाम रिंग पिट विधि है. इसमें 70 से 80 सेंटीमीटर व्यास में लगभग 1 फीट गहरे गड्ढे खोदकर चक्र की तरह आकृति में गन्ने की बुवाई करते हैं. एक गड्ढे से दूसरे गड्ढे की दूरी 5 फिट होती है. गन्ना बुवाई के बाद उसमें 3 सेंटीमीटर तक मिट्टी ऊपर डाल जाते हैं फिर सिंचाई करते हैं.

रिंग पिट विधि के माध्यम से गन्ने की खेती.

यूट्यूब चैनल के माध्यम से किसान ले रहे जानकारी

जिले में तैनात गन्ना अधिकारी ओमप्रकाश सिंह इस तकनीक को बढ़ावा दे रहे हैं. साथ ही यूट्यूब चैनल बनाकर किसानों को गन्ने की खेती के बेहतर तरीके सिखाने में मदद कर रहे हैं. यूट्यूब चैनल के माध्यम से देश ही नहीं बल्कि विदेशों के किसान भी जानकारी लेकर बेहतर मुनाफा कमा रहे हैं. कृषि विशेषज्ञों का मानना है इस विधि से गन्ना बुवाई करने से 100 से 150 कुंतल प्रति बीघा तक का उत्पादन होता है, जबकि किसान अभी तक जो परंपरागत बुवाई करते हैं. उस विधि से गन्ना बोने पर 60 से 70 कुंटल उत्पादन होता है. ऐसे में किसानों को दोहरा मुनाफा मिलता है, जो किसी वरदान से कम नहीं है. कृषि वैज्ञानिकों का तर्क है कि जो खाद पानी हम सह फसलों को देते हैं, उसके साथ-साथ गन्ने का भी विकास होता है.

रिंग पिट विधि से गन्ने की बुवाई

रिंग पिट विधि में एक गड्ढे से दूसरे गड्ढे की दूरी 5 फीट रखी जाती है. गड्ढे का व्यास 75 से 80 सेंटीमीटर तक होता है. एक पिट से सिंगल बट के करीब 20 टुकड़े की बुवाई की जाती है. इस पर 2 सेंटीमीटर मिट्टी डाली जाती है और मिट्टी से ढकने के बाद उसमें पानी लगाया जाता है. बीच के गैप वाले स्थान में फूल गोभी, पत्ता गोभी की खेती कर सकते हैं. एक पिट में 20 टुकड़े गन्ने बोने पर 40 पौध निकलते हैं. इस तरह एक गड्ढे से 40 गन्ना प्राप्त होता है, एक गन्ने का वजन 2 किलोग्राम तक होता है. ऐसे में प्रति गड्ढा हम 80 किलोग्राम तक उत्पादन किया जाता है.

रिंग पिट विधि से एक बीघे में 300 गड्ढे तैयार होंगे. इस तरह एक बीघा में 200 से 250 कुंतल प्रति बीघा तक उत्पादन हो सकता है. फार्मिंग के नाम से बनाए गए यूट्यूब चैनल पर किसान घर बैठे गन्ने की बुवाई के विभिन्न तरीके की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. साथ ही साथ कैसे बेहतर उत्पादन हो यह सारी जानकारी यूट्यूब चैनल के माध्यम से दी जा रही है. जिले से लेकर देश-विदेश तक के किसान यूट्यूब चैनल देख कर बेहतर उत्पादन कर रहे हैं.
-ओमप्रकाश सिंह, जिला गन्ना अधिकारी

गोण्डाः गन्ने की फसलों के साथ सहफसली की खेती करने के लिए गन्ना विकास अनुसंधान परिषद ने गन्ना बुवाई की एक नई तकनीक इजाद की है. इस विधि का नाम रिंग पिट विधि है. इसमें 70 से 80 सेंटीमीटर व्यास में लगभग 1 फीट गहरे गड्ढे खोदकर चक्र की तरह आकृति में गन्ने की बुवाई करते हैं. एक गड्ढे से दूसरे गड्ढे की दूरी 5 फिट होती है. गन्ना बुवाई के बाद उसमें 3 सेंटीमीटर तक मिट्टी ऊपर डाल जाते हैं फिर सिंचाई करते हैं.

रिंग पिट विधि के माध्यम से गन्ने की खेती.

यूट्यूब चैनल के माध्यम से किसान ले रहे जानकारी

जिले में तैनात गन्ना अधिकारी ओमप्रकाश सिंह इस तकनीक को बढ़ावा दे रहे हैं. साथ ही यूट्यूब चैनल बनाकर किसानों को गन्ने की खेती के बेहतर तरीके सिखाने में मदद कर रहे हैं. यूट्यूब चैनल के माध्यम से देश ही नहीं बल्कि विदेशों के किसान भी जानकारी लेकर बेहतर मुनाफा कमा रहे हैं. कृषि विशेषज्ञों का मानना है इस विधि से गन्ना बुवाई करने से 100 से 150 कुंतल प्रति बीघा तक का उत्पादन होता है, जबकि किसान अभी तक जो परंपरागत बुवाई करते हैं. उस विधि से गन्ना बोने पर 60 से 70 कुंटल उत्पादन होता है. ऐसे में किसानों को दोहरा मुनाफा मिलता है, जो किसी वरदान से कम नहीं है. कृषि वैज्ञानिकों का तर्क है कि जो खाद पानी हम सह फसलों को देते हैं, उसके साथ-साथ गन्ने का भी विकास होता है.

रिंग पिट विधि से गन्ने की बुवाई

रिंग पिट विधि में एक गड्ढे से दूसरे गड्ढे की दूरी 5 फीट रखी जाती है. गड्ढे का व्यास 75 से 80 सेंटीमीटर तक होता है. एक पिट से सिंगल बट के करीब 20 टुकड़े की बुवाई की जाती है. इस पर 2 सेंटीमीटर मिट्टी डाली जाती है और मिट्टी से ढकने के बाद उसमें पानी लगाया जाता है. बीच के गैप वाले स्थान में फूल गोभी, पत्ता गोभी की खेती कर सकते हैं. एक पिट में 20 टुकड़े गन्ने बोने पर 40 पौध निकलते हैं. इस तरह एक गड्ढे से 40 गन्ना प्राप्त होता है, एक गन्ने का वजन 2 किलोग्राम तक होता है. ऐसे में प्रति गड्ढा हम 80 किलोग्राम तक उत्पादन किया जाता है.

रिंग पिट विधि से एक बीघे में 300 गड्ढे तैयार होंगे. इस तरह एक बीघा में 200 से 250 कुंतल प्रति बीघा तक उत्पादन हो सकता है. फार्मिंग के नाम से बनाए गए यूट्यूब चैनल पर किसान घर बैठे गन्ने की बुवाई के विभिन्न तरीके की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. साथ ही साथ कैसे बेहतर उत्पादन हो यह सारी जानकारी यूट्यूब चैनल के माध्यम से दी जा रही है. जिले से लेकर देश-विदेश तक के किसान यूट्यूब चैनल देख कर बेहतर उत्पादन कर रहे हैं.
-ओमप्रकाश सिंह, जिला गन्ना अधिकारी

Intro:किसान लीक से हटकर अगर तकनीक को अपनाएं तो वह कम लागत में बेहतर मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। गन्ने की फसलों के साथ सहफसली की खेती करने के लिए गन्ना विकास अनुसंधान परिषद ने गन्ना बुवाई की एक नई तकनीक का इजाद किया है। इस विधि का नाम है रिंग पिट विधि इसमें 70 से 80 सेंटीमीटर व्यास में लगभग 1 फीट गहरे गड्ढे खोदकर चक्र की तरह आकृति में गन्ने की बुवाई करते हैं। एक गड्ढे से दूसरे गड्ढे की दूरी 5 फिट होती है गन्ना बुवाई के बाद उसमें हम 3 सेंटीमीटर तक मिट्टी ऊपर से डाल देते हैं फिर सिंचाई करते हैं। जिले में तैनात गन्ना अधिकारी ओमप्रकाश सिंह द्वारा इस तकनीक को बढ़ावा भी दिया जा रहा है साथ ही उन्होंने एक यूट्यूब चैनल बनाकर किसानों को गन्ने की खेती के बेहतर तरीके सिखाने में मदद कर रहे हैं। इस यूट्यूब चैनल के माध्यम से देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक के किसान यूट्यूब चैनल के माध्यम से जानकारियां लेकर बेहतर मुनाफा कमा रहे हैं।




Body:जिले में आयोजित मंडलीय रवि गोष्ठी में गन्ना विभाग द्वारा रिंग पिट विधि का मॉडल प्रस्तुत किया गया था। जिसको किसानों ने खूब सराहा इस विधि द्वारा गन्ने की बुवाई करने पर गन्ना जहां गिरता नहीं है वही प्रत्येक गन्ने का वजन बराबर रहता है। गड्ढों के बीच में जो रिक्त स्थान है उसमें हम साफ असली की खेती जैसे साग सब्जी या फिर कोई अन्य फसल की खेती कर सकते हैं। ऐसे में किसानों को दोहरा मुनाफा मिलता है। कृषि वैज्ञानिकों का तर्क है कि जो खाद पानी हम सह फसलों को देते हैं उसके साथ साथ गन्ने का भी विकास होता है। कृषि विशेषज्ञों का मानना है इस विधि से गन्ना बुवाई करने से 100 से डेढ़ सौ कुंतल प्रति बीघा तक का उत्पादन होता है जबकि किसान अभी तक जो परंपरागत बुवाई करते हैं उस विधि से गन्ना बोने पर महज 60 से से 70 कुंटल उत्पादन होता है ऐसे में किसानों के लिए यह विधि किसी वरदान से कम नहीं है।


Conclusion:इस संबंध में जिला गन्ना अधिकारी ओमप्रकाश सिंह ने बताया की रिंग पिट विधि मे हम गन्ने की बुवाई गड्ढों में करते हैं। इसमें एक गड्ढे से दूसरे गड्ढे की दूरी 5 फीट रखी जाती है गड्ढे का व्यास 75 से 80 सेंटीमीटर तक होता है एक पिट से सिंगल बट के करीब 20 टुकड़े की बुवाई की जाती है इस पर 2 सेंटीमीटर मिट्टी डाली जाती है और मिट्टी से ढकने के बाद उसमें पानी लगाया जाता है बीच के गैप वाले स्थान में फूल गोभी पत्ता गोभी हुआ फूलों की खेती कर सकते हैं एक पिट में 20 टुकड़े गन्ने बोने 40 पौध निकलते हैं इस तरह एक गड्ढे से 40 गन्ना प्राप्त होता है एक गन्ने की वजन 2 किलोग्राम तक होती है ऐसे में प्रति गड्ढा हम 80 किलोग्राम तक उत्पादन प्रति गड्ढा हम 80 किलो तक उत्पादन ले सकते हैं। एक बीघे में 300 गड्ढे तैयार होंगे इस तरह इस विधि में एक भीगे में 200 से ढाई सौ कुंतल प्रति बीघा तक उत्पादन हो सकता है। ओमप्रकाश सिंह फार्मिंग के नाम से बनाए गए यूट्यूब चैनल के विषय में उन्होंने बताया कि किसान घर बैठे इस चैनल के माध्यम से गन्ने की बुवाई के विभिन्न तरीके की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही साथ कैसे बेहतर उत्पादन हो यह सारी जानकारी यूट्यूब चैनल के माध्यम से दी जा रही है जिले से लेकर देश-विदेश तक के किसान यूट्यूब चैनल देख कर बेहतर उत्पादन ले रहे हैं।

बाईट- ओमप्रकाश सिंह(जिला गन्ना अधिकारी)
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