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अफसरों के फर्जी हस्ताक्षर से मकान का आवंटन, आरोपी गिरफ्तार

गोण्डा जिले में एक शख्स ने डूडा परियोजना अधिकारी के नकली हस्ताक्षर करके लोगों को मकान आवंटित कर दिया जालसाज ने लाभार्थियों से पैसे भी लूट लिये. हालांकि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है.

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Published : Dec 19, 2020, 3:03 PM IST

पीड़ित ने घेरे डूडा कार्यालय.
पीड़ित ने घेरे डूडा कार्यालय.

गोण्डा: जिले में जालसाजी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. एक व्यक्ति ने डूडा का फर्जी परियोजना अधिकारी बनकर कई लोगों से लाखों रुपये ठग लिए और उन्हें आसरा आवास का आवंटन पत्र भी जारी कर दिया. इस व्यक्ति नें लाभार्थियों को आसरा आवास के नकली आवंटन पत्र देकर लाखों रुपये वसूले और इस फर्जी आवंटन पत्र पर जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी के नकली हस्ताक्षर भी कर दिए. जांच के दौरान जब खुलासा हुआ तो विभाग में हड़कंप मच गया है.

पीड़ितों ने घेरा डूडा कार्यालय.

शहर कोतवाली क्षेत्र के सिविल लाइंस में नगरीय विकास अभिकरण के माध्यम से आसरा आवास बनवाए गए थे. काफी इंतजार के बाद प्रशासन ने इनका आवंटन शुरू किया और इस बीच एक जालसाज ने लाभार्थियों को डीएम व सीडीओ के नकली हस्ताक्षर करके आवंटन पत्र जारी किया. साथ ही बाकायदा आवास भी दे दिया.

आरोपों के मुताबिक, जालसाज ने 40 से 70 हजार रुपये लाभार्थियों से वसूल लिए और आवास पर कब्जा भी दिला दिया. आसरा आवास में रह रहे फर्जी आवंटियों को जब विभाग ने आवास खाली करने की नोटिस दी तो आवास में रह रहे लोगों ने विकास भवन स्थित नगरीय विकास अभिकरण के कार्यालय पर आकर घंटों हंगामा किया.

पीड़ितों ने जालसाज को पकड़ कर पुलिस और परियोजना अधिकारी के हवाले कर दिया है. पुलिस ने धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर जांच शुरू कर दी है. ठगी का शिकार हुई प्रिया श्रीवास्तव सहित कई पीड़ितों ने बताया कि विनोद नाम का एक व्यक्ति इन्हें आवास का आवंटन पत्र दिया था. विनोद ही जाकर पैसा भी वसूलता था.

प्रिया श्रीवास्तव का कहना है कि वे लोग तीन पीढ़ी से किराये के मकान में रह रहे हैं. आवास के लिए उन्होंने 70 हजार रुपये दिया था. जब आवंटन पत्र मिला तो नहीं पता था कि ये फर्जी है. उन्होंने बताया कि गुरुवार को विनोद आसरा आवास पहुंचा था, तभी उसे पकड़कर डूडा अधिकारी को सौंप दिया. नगर कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज कराया गया है.

पैसा देने के बाद आसरा आवास का फर्जी आवंटन पत्र मिला
प्रिया श्रीवास्तव ने बताया कि कई लोगों से आवास देने के नाम पर उगाही की गई है. इस संबंध में डूडा के परियोजना अधिकारी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि आसरा आवास में 188 आवास खाली पड़े हैं. उनके आवंटन के लिए हमने टीम भेजी थी तो पता चला कि उसमें कुछ महिलाएं रह रही हैं. महिलाओं ने बताया कि उन्हें डूडा के एक अधिकारी विनोद कुमार सिंह ने आवंटन पत्र दिया है. बस तभी ठगी का एहसास हुआ. आरोपी पर पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई कर रही है.

गोण्डा: जिले में जालसाजी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. एक व्यक्ति ने डूडा का फर्जी परियोजना अधिकारी बनकर कई लोगों से लाखों रुपये ठग लिए और उन्हें आसरा आवास का आवंटन पत्र भी जारी कर दिया. इस व्यक्ति नें लाभार्थियों को आसरा आवास के नकली आवंटन पत्र देकर लाखों रुपये वसूले और इस फर्जी आवंटन पत्र पर जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी के नकली हस्ताक्षर भी कर दिए. जांच के दौरान जब खुलासा हुआ तो विभाग में हड़कंप मच गया है.

पीड़ितों ने घेरा डूडा कार्यालय.

शहर कोतवाली क्षेत्र के सिविल लाइंस में नगरीय विकास अभिकरण के माध्यम से आसरा आवास बनवाए गए थे. काफी इंतजार के बाद प्रशासन ने इनका आवंटन शुरू किया और इस बीच एक जालसाज ने लाभार्थियों को डीएम व सीडीओ के नकली हस्ताक्षर करके आवंटन पत्र जारी किया. साथ ही बाकायदा आवास भी दे दिया.

आरोपों के मुताबिक, जालसाज ने 40 से 70 हजार रुपये लाभार्थियों से वसूल लिए और आवास पर कब्जा भी दिला दिया. आसरा आवास में रह रहे फर्जी आवंटियों को जब विभाग ने आवास खाली करने की नोटिस दी तो आवास में रह रहे लोगों ने विकास भवन स्थित नगरीय विकास अभिकरण के कार्यालय पर आकर घंटों हंगामा किया.

पीड़ितों ने जालसाज को पकड़ कर पुलिस और परियोजना अधिकारी के हवाले कर दिया है. पुलिस ने धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर जांच शुरू कर दी है. ठगी का शिकार हुई प्रिया श्रीवास्तव सहित कई पीड़ितों ने बताया कि विनोद नाम का एक व्यक्ति इन्हें आवास का आवंटन पत्र दिया था. विनोद ही जाकर पैसा भी वसूलता था.

प्रिया श्रीवास्तव का कहना है कि वे लोग तीन पीढ़ी से किराये के मकान में रह रहे हैं. आवास के लिए उन्होंने 70 हजार रुपये दिया था. जब आवंटन पत्र मिला तो नहीं पता था कि ये फर्जी है. उन्होंने बताया कि गुरुवार को विनोद आसरा आवास पहुंचा था, तभी उसे पकड़कर डूडा अधिकारी को सौंप दिया. नगर कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज कराया गया है.

पैसा देने के बाद आसरा आवास का फर्जी आवंटन पत्र मिला
प्रिया श्रीवास्तव ने बताया कि कई लोगों से आवास देने के नाम पर उगाही की गई है. इस संबंध में डूडा के परियोजना अधिकारी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि आसरा आवास में 188 आवास खाली पड़े हैं. उनके आवंटन के लिए हमने टीम भेजी थी तो पता चला कि उसमें कुछ महिलाएं रह रही हैं. महिलाओं ने बताया कि उन्हें डूडा के एक अधिकारी विनोद कुमार सिंह ने आवंटन पत्र दिया है. बस तभी ठगी का एहसास हुआ. आरोपी पर पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई कर रही है.

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