गोंडा: सूबे की योगी सरकार आवारा पशुओं के लिए तमाम प्रयास कर रही है, लेकिन गोंडा जिले में प्रदेश सरकार की ये कोशिश नाकाम साबित हो रही है. गोंडा-लखनऊ मार्ग पर कचहरी से लेकर ओवर ब्रिज तक सैकड़ों आवारा पशु रोड पर टहलते रहते हैं. इनके वजह से जाम की समस्या के साथ सड़क दुर्घटनाएं भी बढ़ गई हैं. आए दिन इन पशुओं की तादात बढ़ती ही जा रही है.
सड़कों पर घूम रहे आवारा पशु-
- गोंडा जिले के गांवों के बाद अब शहर में छुट्टा पशुओ का आतंक काफी बढ़ गया है.
- जिला मुख्यालय के मुख्य सड़क पर ही सैकड़ों की संख्या में आवारा पशु घूमते नजर आ रहे हैं.
- इन पशुओं को गो आश्रयों में स्थानांतरित करने में प्रशासन पूरी तरह से असफल रहा है.
- जिला मुख्यालय पर भी पशुपालन विभाग के मुर्गी फॉर्म में आवारा पशुओं के लिए अस्थाई केंद्र का निर्माण किया गया है.
- साथ ही चारों तरफ से बैरिकेडिंग कर उन्हें रोकने के उपाय भी किए गए हैं.
- इसके बावजूद भी स्थिति यह है कि शहर के बाहर सैकड़ों की संख्या में पशु घूम रहे हैं.
शहर के पास जितने भी गो आश्रय केंद्र बने हैं, उनमें इन पशुओं को शीघ्र ही स्थानांतरित करने की कार्रवाई की जाएगी. यह कार्रवाई शुरू की गई थी, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के चलते यह हो नहीं पाया. अब ग्रामीणों को समझाया गया है कि गो आश्रय केंद्र इसी अभिप्राय से बनवाए गए हैं. अधिशासी अधिकारी के सहयोग से इन्हें जल्द स्थान्तरित किया जाएगा.
-आरपी यादव, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, गोंडा