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गोंडा: सड़क पर घूम रहे हैं सैकड़ों आवारा पशु, प्रशासन असफल - goanda dm

उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में मुख्यालय के मुख्य सड़क पर ही सैकड़ों की संख्या में आवारा पशु घूमते नजर आ रहे हैं. इन पशुओं की वजह से जाम की समस्या के साथ सड़क दुर्घटनाएं भी बढ़ गई हैं.

सड़कों पर घूम रहे आवारा पशु.
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Published : Aug 2, 2019, 11:42 PM IST

गोंडा: सूबे की योगी सरकार आवारा पशुओं के लिए तमाम प्रयास कर रही है, लेकिन गोंडा जिले में प्रदेश सरकार की ये कोशिश नाकाम साबित हो रही है. गोंडा-लखनऊ मार्ग पर कचहरी से लेकर ओवर ब्रिज तक सैकड़ों आवारा पशु रोड पर टहलते रहते हैं. इनके वजह से जाम की समस्या के साथ सड़क दुर्घटनाएं भी बढ़ गई हैं. आए दिन इन पशुओं की तादात बढ़ती ही जा रही है.

सड़कों पर घूम रहे आवारा पशु.

सड़कों पर घूम रहे आवारा पशु-

  • गोंडा जिले के गांवों के बाद अब शहर में छुट्टा पशुओ का आतंक काफी बढ़ गया है.
  • जिला मुख्यालय के मुख्य सड़क पर ही सैकड़ों की संख्या में आवारा पशु घूमते नजर आ रहे हैं.
  • इन पशुओं को गो आश्रयों में स्थानांतरित करने में प्रशासन पूरी तरह से असफल रहा है.
  • जिला मुख्यालय पर भी पशुपालन विभाग के मुर्गी फॉर्म में आवारा पशुओं के लिए अस्थाई केंद्र का निर्माण किया गया है.
  • साथ ही चारों तरफ से बैरिकेडिंग कर उन्हें रोकने के उपाय भी किए गए हैं.
  • इसके बावजूद भी स्थिति यह है कि शहर के बाहर सैकड़ों की संख्या में पशु घूम रहे हैं.

शहर के पास जितने भी गो आश्रय केंद्र बने हैं, उनमें इन पशुओं को शीघ्र ही स्थानांतरित करने की कार्रवाई की जाएगी. यह कार्रवाई शुरू की गई थी, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के चलते यह हो नहीं पाया. अब ग्रामीणों को समझाया गया है कि गो आश्रय केंद्र इसी अभिप्राय से बनवाए गए हैं. अधिशासी अधिकारी के सहयोग से इन्हें जल्द स्थान्तरित किया जाएगा.
-आरपी यादव, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, गोंडा

गोंडा: सूबे की योगी सरकार आवारा पशुओं के लिए तमाम प्रयास कर रही है, लेकिन गोंडा जिले में प्रदेश सरकार की ये कोशिश नाकाम साबित हो रही है. गोंडा-लखनऊ मार्ग पर कचहरी से लेकर ओवर ब्रिज तक सैकड़ों आवारा पशु रोड पर टहलते रहते हैं. इनके वजह से जाम की समस्या के साथ सड़क दुर्घटनाएं भी बढ़ गई हैं. आए दिन इन पशुओं की तादात बढ़ती ही जा रही है.

सड़कों पर घूम रहे आवारा पशु.

सड़कों पर घूम रहे आवारा पशु-

  • गोंडा जिले के गांवों के बाद अब शहर में छुट्टा पशुओ का आतंक काफी बढ़ गया है.
  • जिला मुख्यालय के मुख्य सड़क पर ही सैकड़ों की संख्या में आवारा पशु घूमते नजर आ रहे हैं.
  • इन पशुओं को गो आश्रयों में स्थानांतरित करने में प्रशासन पूरी तरह से असफल रहा है.
  • जिला मुख्यालय पर भी पशुपालन विभाग के मुर्गी फॉर्म में आवारा पशुओं के लिए अस्थाई केंद्र का निर्माण किया गया है.
  • साथ ही चारों तरफ से बैरिकेडिंग कर उन्हें रोकने के उपाय भी किए गए हैं.
  • इसके बावजूद भी स्थिति यह है कि शहर के बाहर सैकड़ों की संख्या में पशु घूम रहे हैं.

शहर के पास जितने भी गो आश्रय केंद्र बने हैं, उनमें इन पशुओं को शीघ्र ही स्थानांतरित करने की कार्रवाई की जाएगी. यह कार्रवाई शुरू की गई थी, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के चलते यह हो नहीं पाया. अब ग्रामीणों को समझाया गया है कि गो आश्रय केंद्र इसी अभिप्राय से बनवाए गए हैं. अधिशासी अधिकारी के सहयोग से इन्हें जल्द स्थान्तरित किया जाएगा.
-आरपी यादव, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, गोंडा

Intro:सूबे की योगी सरकार छुट्टा पशुओ के लिए जितने भी प्रयत्न कर रही है वह बिल्कुल भी धरातल पर दिखाई नहीं दे रहे। गोण्डा लखनऊ मार्ग पर कचहरी से लेकर गोण्डा स्टेशन के समीप ओवर ब्रिज तक सैकड़ो आवारा पशु रोड पर टहलते रहते हैं। इनके वजह से जाम की समस्या के साथ सड़क दुर्घटनाएं भी बढ़ गयी है। आये दिन इन पशुओ की तादात बढ़ती ही जा रही है। पशुपालन विभाग के मुर्गी फार्म में पशुओ के लिए अस्थाई गौ आश्रय केंद्र का निर्माण किया गया है लेकिन जब वहाँ पड़ताल की गई तो मात्र वहाँ दो पशु ही मिले। इस पूरे मामले पर पशु पालन विभाग का कहना है कि जल्द ही पास के गांवों के अस्थाई गौ आश्रय केंद्रों पर इनको स्थानांतरित करने की कार्रवाई की जा रही है।




Body:गोण्डा जिले के गांवों की बात क्या की जाए अब शहर में छुट्टा पशुओ का आतंक काफी बढ़ गया है। जिला मुख्यालय के मुख्य सड़क पर ही सैकड़ो के संख्या में आवारा पशु घूमते नजर आ रहे हैं लेकिन इनको गौ आश्रयो में स्थानांतरित करने में प्रशासन पूरी तरह से असफल रहा है। जहाँ एक तरफ योगी सरकार ने गौ आश्रय स्थलों के लिए करोड़ो रूपये पानी की तरह बहा दिए, और सख्त निर्देश दिए कि कोई भी छुट्टा पशु बाहर घूमता न पाया जाए एवं उन आश्रयो में उनकी दवाई, खाने पीने की समचित्त व्यवस्था भी की गई। गोण्डा जिला मुख्यालय पर भी पशुपालन विभाग के मुर्गी फॉर्म में आवारा पशुओं के लिए अस्थाई केंद्र का निर्माण किया गया है। साथ ही चारो तरफ से बैरिकेडिंग कर उन्हें रोकने के उपाय भी किये गए है। वहाँ भूसे पानी की भी व्यवस्था है। लेकिन स्थिति यह है कि शहर के बाहर सैकड़ो की संख्या में पशु है और आश्रय केंद्र पर गिने चुने दो पशु। इससे यही लगता है कि प्रशासन योगी सरकार के आदेशों को पूरा करने में असफल रहा है।


Conclusion:इस पूरे मामले पर मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी आर.पी यादव ने बताया कि शहर के पास जितने भी गौ आश्रय केंद्र बने हैं उनमें इन पशुओ को शीघ्र ही स्थानांतरित करने की कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई शुरू की गई थी लेकिन ग्रामीणों के विरोध के चलते यह हो नहीं पाया अब ग्रामीणों को समझाया गया है कि गौ आश्रय केंद्र इसी अभिप्राय से बनवाये गये है। अब हम अधिशासी अधिकारी के सहयोग से इन्हें जल्द स्थान्तरित करवाएंगे।

बाईट- रामानंद( गौ आश्रय रक्षक)
बाईट- आर.पी यादव( मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी)
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