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मुफलिसी में गोण्डा के किशोर कुमार, आवाज सुनकर कहेंगे वाह भाई वाह

यूपी के गोंडा के रहने वाले संत कुमार पांडेय का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. दरअसल संत कुमार की आवाज हूबहू मशहूर गायक किशोर दा से मिलती है, लेकिन इसके बावजूद सुरों का ये कलाकार अपनी जिन्दगी अभाव में गुजारने को मजबूर है.

शोसल मीडिया पर वायरल हो रहे संत कुमार पांडेय
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Published : Sep 16, 2019, 12:46 PM IST

Updated : Sep 16, 2019, 1:41 PM IST

गोंडा: कहते हैं कि प्रतिभा उम्र या गरीबी की मोहताज नहीं होती, कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है जिले में भी, जहां इन दिनों सोशल मीडिया पर किशोर दा की आवाज से मेल खाते इस युवक संत कुमार पांडेय का गाना काफी जमकर वायरल हो रहा है. इनकी गायन कला को सुनकर लोग आश्चर्य चकित हो रहे हैं. यह अलग बात है कि अपनी गायन प्रतिभा को बिखेरने के लिए अब तक सही मंच न मिलने के कारण ये विलक्षण प्रतिभा का धनी शख्स आज भी दिहाड़ी मजदूरी कर अपना जीवनयापन कर रहा है.

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे संत कुमार पांडेय.

अभावों के साये में पल रही गायन कला
मूलत: बिहार के जमशेदपुर में जन्मे संत कुमार पांडेय के माता-पिता का बचपन में ही निधन हो गया. गरीबी के कारण संत कुमार महज इंटरमीडिएट तक ही शिक्षा ग्रहण कर पाए. गरीबी इस कदर हावी हुई की शाम तक दो वक्त की रोटी के भी लाले पड़ गए. काफी दिनों तक रेलवे प्लेटफार्म पर अपनी जिंदगी गुजारने के बाद वह गोण्डा स्थित सेमरा दम्मन में अपने मामा के घर आकर रहने लगे. यहां पर रेलवे ठेकेदार के पास दिहाड़ी मजदूरी कर किसी तरह अपना जीवन यापन कर रहे हैं. दरअसल संत कुमार जहां भी रहते हैं, आस पास के लोग इनकी गायन कला का लोहा मानते हैं.

इसे भी पढ़ें- सैकड़ों परिवार रहते हैं मौत की गोद में, घरों के ऊपर से गुजरी हाईटेंशन लाइन

इसी बीच मोहल्ले के कुछ युवकों ने इनके गाने का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया. सोशल मीडिया पर वीडियो पड़ते ही लोगों ने इसे खूब सराहा. गायक कलाकार किशोर दा की आवाज से मिलती जुलती इस युवक की आवाज अब बुलंदियों को छूने लगी है. ईटीवी भारत से मुखातिब होते हुए संत कुमार कहते हैं कि बचपन से ही वह किशोर कुमार की आवाज के मुरीद थे और उन्होंने उन्हीं की आवाज में गाने की कला को सीखना प्रारंभ कर दिया. बिहार के तमाम स्टेज शो में उन्हे अपनी आवाज का जलवा बिखेरने का मौका मिला, जिसमें जमशेदपुर के श्रुति कंपटीशन में यह विनर की भूमिका में रहे, इसके लिए इन्हें बाकायदा अवार्ड भी मिला था.

गोंडा: कहते हैं कि प्रतिभा उम्र या गरीबी की मोहताज नहीं होती, कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है जिले में भी, जहां इन दिनों सोशल मीडिया पर किशोर दा की आवाज से मेल खाते इस युवक संत कुमार पांडेय का गाना काफी जमकर वायरल हो रहा है. इनकी गायन कला को सुनकर लोग आश्चर्य चकित हो रहे हैं. यह अलग बात है कि अपनी गायन प्रतिभा को बिखेरने के लिए अब तक सही मंच न मिलने के कारण ये विलक्षण प्रतिभा का धनी शख्स आज भी दिहाड़ी मजदूरी कर अपना जीवनयापन कर रहा है.

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे संत कुमार पांडेय.

अभावों के साये में पल रही गायन कला
मूलत: बिहार के जमशेदपुर में जन्मे संत कुमार पांडेय के माता-पिता का बचपन में ही निधन हो गया. गरीबी के कारण संत कुमार महज इंटरमीडिएट तक ही शिक्षा ग्रहण कर पाए. गरीबी इस कदर हावी हुई की शाम तक दो वक्त की रोटी के भी लाले पड़ गए. काफी दिनों तक रेलवे प्लेटफार्म पर अपनी जिंदगी गुजारने के बाद वह गोण्डा स्थित सेमरा दम्मन में अपने मामा के घर आकर रहने लगे. यहां पर रेलवे ठेकेदार के पास दिहाड़ी मजदूरी कर किसी तरह अपना जीवन यापन कर रहे हैं. दरअसल संत कुमार जहां भी रहते हैं, आस पास के लोग इनकी गायन कला का लोहा मानते हैं.

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इसी बीच मोहल्ले के कुछ युवकों ने इनके गाने का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया. सोशल मीडिया पर वीडियो पड़ते ही लोगों ने इसे खूब सराहा. गायक कलाकार किशोर दा की आवाज से मिलती जुलती इस युवक की आवाज अब बुलंदियों को छूने लगी है. ईटीवी भारत से मुखातिब होते हुए संत कुमार कहते हैं कि बचपन से ही वह किशोर कुमार की आवाज के मुरीद थे और उन्होंने उन्हीं की आवाज में गाने की कला को सीखना प्रारंभ कर दिया. बिहार के तमाम स्टेज शो में उन्हे अपनी आवाज का जलवा बिखेरने का मौका मिला, जिसमें जमशेदपुर के श्रुति कंपटीशन में यह विनर की भूमिका में रहे, इसके लिए इन्हें बाकायदा अवार्ड भी मिला था.

Intro:प्रतिभा उम्र या गरीबी की मोहताज नहीं होती सोशल मीडिया किशोर कुमार आवाज मेल खाते इस युवक संत कुमार पांडेय की आवाज को सुनकर आश्चर्य में पड़ जाएंगे। यह अलग बात है कि इस युवक को अपने गायन प्रतिभा को बिखेरने के लिए अब तक उचित मंच न मिलने के कारण दिहाड़ी की मजदूरी अपना जीवन यापन कर रहा है फिर भी सोशल मीडिया पर इसकी गायन कला को सुनकर लोग इसकी गायकी का लोहा मानने को मजबूर हो गए। इसके वीडियो को खूब लाइक व वायरल किया जा रहा है।




Body:मूलतः बिहार प्रदेश के जमशेदपुर जनपद में जन्मे संत कुमार पांडेय के माता पिता का बचपन में ही निधन हो गया। गरीबी के कारण संत कुमार महज इंटरमीडिएट तक ही शिक्षा ग्रहण कर पाए। गरीबी इस कदर हावी हो गयी की शाम तक दो वक्त रोटी के भी लाले पड़ गए काफी दिनों तक रेलवे प्लेटफार्म पर अपनी जिंदगी गुजारने के बाद वह गोण्डा स्थित सेमरा दम्मन में अपने मामा के घर आ कर रहने लगा । यहाँ पर रेलवे ठेकेदार के यहाँ दिहाड़ी की मजदूरी कर किसी तरह अपना जीवन यापन कर रहा है। अपनी प्रतिभा के बल पर यह युवक जहाँ भी रहता है आस पास के लोग इसकी गायन कला का लोहा मान रहे हैं। इसी बीच मुहल्ले के कुछ युवकों ने इसके गाने का वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर डाल दिया। सोशल मीडिया पर वीडियो पड़ते ही लोगों ने इसे खूब सराहा। गायक कलाकार किशोर कुमार की आवाज से मिलती जुलती इस युवक की आवाज अब बुलंदियों को छूने लगी है। ईटीवी से मुखातिब होते हुए संत कुमार कहते है कि बचपन से ही किशोर कुमार की आवाज के वह मुरीद हो गए और उन्होंने उन्ही की आवाज में गाने की कला को सीखना प्रारंभ कर दिया। उस दौरान उन्होंने बिहार प्रदेश के तमाम स्टेज शो में अपनी आवाज का जलवा बिखेरने का मौका मिला यहाँ तक कि इनको प्रशस्ति पत्र भी दिए गए।


Conclusion:जमशेदपुर के श्रुति कंपटीशन में यह विनर की भूमिका में रहे इसके लिए इन्हें अवार्ड भी मिला था। इन दिनों सोशल मीडिया पर नमक हलाल फ़िल्म का पग घुघरू बांध व महबूबा फ़िल्म का मेरे नैना सावन भादो खूब वायरल हो रहा है। सुनकर यह कहना मुश्किल होगा कि यह गाना किशोर कुमार नहीं गा रहे हैं।

बाईट- संत कुमार पांडेय( मजदूर)
Last Updated : Sep 16, 2019, 1:41 PM IST
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