गोंडा: कहते हैं कि प्रतिभा उम्र या गरीबी की मोहताज नहीं होती, कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है जिले में भी, जहां इन दिनों सोशल मीडिया पर किशोर दा की आवाज से मेल खाते इस युवक संत कुमार पांडेय का गाना काफी जमकर वायरल हो रहा है. इनकी गायन कला को सुनकर लोग आश्चर्य चकित हो रहे हैं. यह अलग बात है कि अपनी गायन प्रतिभा को बिखेरने के लिए अब तक सही मंच न मिलने के कारण ये विलक्षण प्रतिभा का धनी शख्स आज भी दिहाड़ी मजदूरी कर अपना जीवनयापन कर रहा है.
अभावों के साये में पल रही गायन कला
मूलत: बिहार के जमशेदपुर में जन्मे संत कुमार पांडेय के माता-पिता का बचपन में ही निधन हो गया. गरीबी के कारण संत कुमार महज इंटरमीडिएट तक ही शिक्षा ग्रहण कर पाए. गरीबी इस कदर हावी हुई की शाम तक दो वक्त की रोटी के भी लाले पड़ गए. काफी दिनों तक रेलवे प्लेटफार्म पर अपनी जिंदगी गुजारने के बाद वह गोण्डा स्थित सेमरा दम्मन में अपने मामा के घर आकर रहने लगे. यहां पर रेलवे ठेकेदार के पास दिहाड़ी मजदूरी कर किसी तरह अपना जीवन यापन कर रहे हैं. दरअसल संत कुमार जहां भी रहते हैं, आस पास के लोग इनकी गायन कला का लोहा मानते हैं.
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इसी बीच मोहल्ले के कुछ युवकों ने इनके गाने का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया. सोशल मीडिया पर वीडियो पड़ते ही लोगों ने इसे खूब सराहा. गायक कलाकार किशोर दा की आवाज से मिलती जुलती इस युवक की आवाज अब बुलंदियों को छूने लगी है. ईटीवी भारत से मुखातिब होते हुए संत कुमार कहते हैं कि बचपन से ही वह किशोर कुमार की आवाज के मुरीद थे और उन्होंने उन्हीं की आवाज में गाने की कला को सीखना प्रारंभ कर दिया. बिहार के तमाम स्टेज शो में उन्हे अपनी आवाज का जलवा बिखेरने का मौका मिला, जिसमें जमशेदपुर के श्रुति कंपटीशन में यह विनर की भूमिका में रहे, इसके लिए इन्हें बाकायदा अवार्ड भी मिला था.