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लेखपाल सीख रहे आपदा प्रबन्धन के गुर, तीन दिवसीय प्रशिक्षण शुरु

गोंडा में आपदा से बचने के लिए अब लेखपालों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में लेखपाल आपदा प्रबन्धन के गुर सीख रहे हैं.

लेखपाल सीख रहे आपदा प्रबन्धन के गुर.
लेखपाल सीख रहे आपदा प्रबन्धन के गुर.
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Published : Feb 10, 2021, 6:59 AM IST

गोण्डा : जिले में आपदा प्रबन्ध प्राधिकरण के तत्वाधान में तीन दिवसीय ट्रेनिंग का शुभारम्भ ग्राम ट्रेनिंग संस्थान झंझरी में हुआ. प्रशिक्षण का शुभारम्भ एसडीएम सदर कुुलदीप सिंह ने किया. दरअसल जिलाधिकारी मार्कंडेय शाही के निर्देश पर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने आपदा के दौरान राहत कार्य बेहतर तरीके से कराने के लिए ठोस पहल की है. इस क्रम में जिले के लेखपालों को पूरी तरह से दक्ष बनाया जा रहा है ताकि आपदा के दौरान यह बिना डर-भय के प्रभावित लोगों की हर संभव मदद कर सकें.

आपदा को रोका नहीं जा सकता मगर नुकसान कम किया जा सकता है : एसडीएम
एसडीएम कुलदीप सिंह ने कहा कि आपदाएं कभी भी आ सकती हैं, जिनके आने पर बड़े पैमाने पर जन धन की हानि हो जाती है. कोई भी प्रकोप जो व्यापक स्तर पर जन-धन की हानि करते हुए समुदाय को प्रभावित करता है, वही आपदा की श्रेणी में आता है. उन्होंने कहा कि आपदा को रोका तो नहीं जा सकता, मगर सतर्कता बरते जाने पर उससे होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है. उन्होंने निर्देश दिए कि लेखपाल अब अधिकारियों और ग्रामीणों से समन्वय बनाएंगे और आपदाओं से कम से कम नुकसान हो, इसकी पूरी तैयारी रखेंगे.

चारों तहसीलों के लेखपालों को आपदा प्रबन्धन का प्रशिक्षण
जिला आपदा विशेषज्ञ राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि लेखपालों को ग्राम आपदा प्रबंधन योजना तथा आपदा की दृष्टि से गांवों के मानचित्र के बारे में भी पूरी जानकारी दी जा रही है. इसके साथ ही आपदा से जनसामान्य को बचाने के लिए जिले की चारों तहसीलों के लेखपालों को आपदा प्रबन्धन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. हर तहसील से 08-08 लेखपालों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जिसमें लेखपालों को आपदा प्रबंधन ट्रेनिंग, जागरूकता, योजना से न्यूनीकरण के बारे में जानकारी दी जा रही है. प्रशिक्षण का काम जिला ट्रेनिंग अधिकारी अनिल कुमार सिंह कर रहे हैं.

गोण्डा : जिले में आपदा प्रबन्ध प्राधिकरण के तत्वाधान में तीन दिवसीय ट्रेनिंग का शुभारम्भ ग्राम ट्रेनिंग संस्थान झंझरी में हुआ. प्रशिक्षण का शुभारम्भ एसडीएम सदर कुुलदीप सिंह ने किया. दरअसल जिलाधिकारी मार्कंडेय शाही के निर्देश पर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने आपदा के दौरान राहत कार्य बेहतर तरीके से कराने के लिए ठोस पहल की है. इस क्रम में जिले के लेखपालों को पूरी तरह से दक्ष बनाया जा रहा है ताकि आपदा के दौरान यह बिना डर-भय के प्रभावित लोगों की हर संभव मदद कर सकें.

आपदा को रोका नहीं जा सकता मगर नुकसान कम किया जा सकता है : एसडीएम
एसडीएम कुलदीप सिंह ने कहा कि आपदाएं कभी भी आ सकती हैं, जिनके आने पर बड़े पैमाने पर जन धन की हानि हो जाती है. कोई भी प्रकोप जो व्यापक स्तर पर जन-धन की हानि करते हुए समुदाय को प्रभावित करता है, वही आपदा की श्रेणी में आता है. उन्होंने कहा कि आपदा को रोका तो नहीं जा सकता, मगर सतर्कता बरते जाने पर उससे होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है. उन्होंने निर्देश दिए कि लेखपाल अब अधिकारियों और ग्रामीणों से समन्वय बनाएंगे और आपदाओं से कम से कम नुकसान हो, इसकी पूरी तैयारी रखेंगे.

चारों तहसीलों के लेखपालों को आपदा प्रबन्धन का प्रशिक्षण
जिला आपदा विशेषज्ञ राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि लेखपालों को ग्राम आपदा प्रबंधन योजना तथा आपदा की दृष्टि से गांवों के मानचित्र के बारे में भी पूरी जानकारी दी जा रही है. इसके साथ ही आपदा से जनसामान्य को बचाने के लिए जिले की चारों तहसीलों के लेखपालों को आपदा प्रबन्धन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. हर तहसील से 08-08 लेखपालों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जिसमें लेखपालों को आपदा प्रबंधन ट्रेनिंग, जागरूकता, योजना से न्यूनीकरण के बारे में जानकारी दी जा रही है. प्रशिक्षण का काम जिला ट्रेनिंग अधिकारी अनिल कुमार सिंह कर रहे हैं.

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