गोंडा : जिले में घाघरा और सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ ने दस्तक दे दी है. पहाड़ों में लगातार बारिश और बैराजों से लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने के चलते घाघरा नदी खतरे के निशान से 78 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. शारदा, गिरिजा और सरयू बैराजों से लगभग 4 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के चलते जिले के दो तहसील करनैलगंज व तरबगंज के 18 गावों के 110 मजरे टापू में तब्दील हो गए हैं, जिससे चलते जिले में लगभग 10 हजार की आबादी प्रभावित हो गई है. आने जाने के लिए लोग ग्रामीण नाव का सहारा ले रहे हैं. जलमग्न सड़कों पर जहां अब नाव दौड़ रही हैं, वहीं लोग घर छोड़कर पलायन को मजबूर हैं. ग्रामीण बांध व सुरक्षित स्थानों पर शरण ले रहे हैं. वहीं प्रशासन राहत बचाव के दावे कर रहा है.
दअरसल, तरबगंज व कर्नलगंज तहसील क्षेत्र के गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है. नवाबगंज के साकीपुर, दत्तनगर, माझाराठ, तुलसीपुरमाझा, ब्योंदामाझा, बहादुरपुर गांव में बाढ़ का पानी लोगों के घरों में भर गया है. वहीं करनैलगंज तहसील के नकहरा ग्राम पंचायत के नौ मजरों सहित सरहदी इलाकों के बेहटा, माझा, रायपुर व नैपूरा तथा परसावल आदि गांवों की स्थिति खराब हो चुकी है. ग्रामीण अब सुरक्षित स्थान बांध शरण ले रहे हैं. कहने को तो नदी के किनारे तटबंध बना है, लेकिन वह बाढ़ खंड और जिला प्रशासन के अफसरों की कमाई का जरिया मात्र बन गया है. कर्नलगंज क्षेत्र में घाघरा नदी के पानी में नकहरा, एली परसौली सहित कई गांवों को अपनी आगोश में ले लिया है तो वहीं तरबगंज का इलाका भी बाढ़ से बेहाल है. हालांकि बाढ़ को लेकर जिला प्रशासन चाक चौबंद व्यवस्था की बात कर रहा है, लेकिन गांव में पानी के आने के बाद उन तैयारियों की पोल खुलती नजर आ रही है. वहीं अगर तहसील प्रशासन की बात करें तो कर्नलगंज क्षेत्र में अभी तक बाढ़ में 200 हेक्टेयर भूमि जिसमें 110 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि बाढ़ की चपेट में आई है इसे लगभग 10 हजार की आबादी 1500 पशु इस बाढ़ की जद में आए हैं. वही तरबगंज का इलाका भी बेहाल है और राहत एवं बचाव की बाट जोह रहा है.
वहीं जब इस बारे में अपर जिलाधिकारी सुरेश कुमार सोनी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि गोंडा जिले में घाघरा नदी खतरे के निशान से 78 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. जिसके चलते जिले के करनैलगंज बाद तरबगंज तहसील के 18 गांव के 110 मजरे प्रभावित हैं, जिसमें 10 हजार की आबादी प्रभावित हुई है. प्रशासन की टीम बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत बचाव का कार्य कर रही है, वहीं बाढ़ ग्रस्त इलाकों में 24 बार चौकियां हैं जो अलर्ट मोड पर काम कर रही हैं. वहीं राजस्व की टीम भी राहत बचाव कार्य में जुटी है. प्रशासन किसी भी आपदा से निपटने के लिए तैयार है.
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वहीं जिले में बाढ़ के दस्तक देने से करनैलगंज व तरबगंज दो तहसीलों में दर्जनों स्कूल पानी से घिर गए हैं और कुछ स्कूलों में पानी भर गया है. जिस बारे में बीएसए अखिलेश सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बाढ़ के वजह से कुछ स्कूल में पानी भरा है. वहां पर पढ़ाई प्रभावित हो रही है. फिलहाल स्कूल बंद करने के कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं, लेकिन जिन स्कूलों में पानी भरा है उनमें छूट दी गई है.
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