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गोण्डा: फाइलों में उलझ कर रह गई 149 गांवों को पंचायत का दर्जा देने की पहल

उत्तर प्रदेश में गोण्डा जिले के 149 गांवों को पंचायत का दर्जा देने के प्रस्ताव अफसरों की अलमारी में कैद हैं. वर्ष 2014-15 में 149 गांवों को ग्राम पंचायत का दर्जा देने का प्रस्ताव तैयार हुआ था, लेकिन यह प्रस्ताव राजनीतिक दखलअंदाजी व अफसरों की बेरुखी का शिकार हो गया.

149 गांवों को पंचायत का दर्जा देने की फाइल अटकी
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Published : Oct 23, 2019, 2:46 PM IST

गोण्डा: राजनीतिक दखलअंदाजी व अफसरों की बेरुखी से जिले के 149 गांवों को पंचायत का दर्जा नहीं मिल सका. पिछले पंचायत चुनाव के दौरान शासन की ओर से जिले में बड़ी ग्राम पंचायतों को तोड़कर नई ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन के प्रस्ताव मांगे गये थे. वर्ष 2014-15 में शासन के निर्देश पर बड़ी ग्राम पंचायतों के कुछ भाग को काटकर नई पंचायतों के गठन का प्रस्ताव तैयार किया गया था. परंतु यह प्रस्ताव अफसरों व राजनेताओं के रार की भेंट चढ़ गया. 25 दिसंबर 2020 को पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो रहा है. वहीं परिसीमन व नए ग्राम पंचायतों के गठन को लेकर गांव में चर्चा जोरों पर है.

149 गांवों को पंचायत का दर्जा देने की फाइल अटकी.

प्रत्याशियों के चेहरे पर है मायूसी
वर्ष 2014-15 में पंचायत चुनाव के पूर्व परिसीमन की प्रकिया शुरू हुई. इसके पीछे परिकल्पना थी कि बड़ी ग्राम पंचायतें होने के कारण उनका समुचित विकास नहीं हो पाता है. ऐसे में छोटी ग्राम पंचायतों का गठन कर उनका समुचित विकास किया जाएगा. पिछले चुनाव में प्रकाशन प्रक्रिया में देरी होने से परिसीमन पर रोक लगा दी गई थी. चुनाव पुरानी व्यवस्था पर कराया गया था, जिससे इन गांव में पंचायत चुनाव लड़ने का ताल ठोक रहे प्रत्याशियों के चेहरे पर मायूसी छा गई. फिर भी पंचायतों में चुनाव को लेकर संभावित प्रत्याशियों द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.

इसे भी पढ़ें - कमलेश तिवारी हत्याकांड: साजिशकर्ताओं की जज के आवास पर हुई पेशी

परिसीमन लागू होने के बाद बदल जाएंगे समीकरण
परिसीमन व नये ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन के बाद जिले के ग्राम पंचायतों के आंकड़े ब्लॉक वार बदल जाएंगे. जिले में मौजूदा समय में कुल 1,054 ग्राम पंचायतें हैं. शासन की ओर से इन ग्राम पंचायतों के अस्तित्व में आ जाने पर जिले में कुल ग्राम पंचायतों की संख्या बढ़कर 1,203 हो जाएगी. बताया जा रहा है कि शासन में नए परिसीमन नव गठन को लेकर कवायद शुरू हो गई है. हालांकि परिसीमन लागू होगा या नहीं इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पा रही है. 25 दिसंबर 2020 को पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो रहा है. ऐसे में पंचायतों में चुनाव को लेकर संभावित प्रत्याशियों द्वारा तैयारी शुरू कर दी गई है.

अभी तक निदेशालय से परिसीमन के संबंध में कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है. पिछली बार विलंब होने के कारण परिसीमन लागू नहीं हो सका था. शासन का जो भी निर्देश मिलेगा उसका पालन कराया जाएगा.
- घनश्याम सागर, डीपीआरओ, गोण्डा

गोण्डा: राजनीतिक दखलअंदाजी व अफसरों की बेरुखी से जिले के 149 गांवों को पंचायत का दर्जा नहीं मिल सका. पिछले पंचायत चुनाव के दौरान शासन की ओर से जिले में बड़ी ग्राम पंचायतों को तोड़कर नई ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन के प्रस्ताव मांगे गये थे. वर्ष 2014-15 में शासन के निर्देश पर बड़ी ग्राम पंचायतों के कुछ भाग को काटकर नई पंचायतों के गठन का प्रस्ताव तैयार किया गया था. परंतु यह प्रस्ताव अफसरों व राजनेताओं के रार की भेंट चढ़ गया. 25 दिसंबर 2020 को पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो रहा है. वहीं परिसीमन व नए ग्राम पंचायतों के गठन को लेकर गांव में चर्चा जोरों पर है.

149 गांवों को पंचायत का दर्जा देने की फाइल अटकी.

प्रत्याशियों के चेहरे पर है मायूसी
वर्ष 2014-15 में पंचायत चुनाव के पूर्व परिसीमन की प्रकिया शुरू हुई. इसके पीछे परिकल्पना थी कि बड़ी ग्राम पंचायतें होने के कारण उनका समुचित विकास नहीं हो पाता है. ऐसे में छोटी ग्राम पंचायतों का गठन कर उनका समुचित विकास किया जाएगा. पिछले चुनाव में प्रकाशन प्रक्रिया में देरी होने से परिसीमन पर रोक लगा दी गई थी. चुनाव पुरानी व्यवस्था पर कराया गया था, जिससे इन गांव में पंचायत चुनाव लड़ने का ताल ठोक रहे प्रत्याशियों के चेहरे पर मायूसी छा गई. फिर भी पंचायतों में चुनाव को लेकर संभावित प्रत्याशियों द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.

इसे भी पढ़ें - कमलेश तिवारी हत्याकांड: साजिशकर्ताओं की जज के आवास पर हुई पेशी

परिसीमन लागू होने के बाद बदल जाएंगे समीकरण
परिसीमन व नये ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन के बाद जिले के ग्राम पंचायतों के आंकड़े ब्लॉक वार बदल जाएंगे. जिले में मौजूदा समय में कुल 1,054 ग्राम पंचायतें हैं. शासन की ओर से इन ग्राम पंचायतों के अस्तित्व में आ जाने पर जिले में कुल ग्राम पंचायतों की संख्या बढ़कर 1,203 हो जाएगी. बताया जा रहा है कि शासन में नए परिसीमन नव गठन को लेकर कवायद शुरू हो गई है. हालांकि परिसीमन लागू होगा या नहीं इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पा रही है. 25 दिसंबर 2020 को पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो रहा है. ऐसे में पंचायतों में चुनाव को लेकर संभावित प्रत्याशियों द्वारा तैयारी शुरू कर दी गई है.

अभी तक निदेशालय से परिसीमन के संबंध में कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है. पिछली बार विलंब होने के कारण परिसीमन लागू नहीं हो सका था. शासन का जो भी निर्देश मिलेगा उसका पालन कराया जाएगा.
- घनश्याम सागर, डीपीआरओ, गोण्डा

Intro:राजनीतिक दखलअंदाजी व अफसरों की बेरुखी से जिले की 149 गांव को पंचायत का दर्जा नहीं मिल सका। इन गांवों के परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी शासन को समय से प्रस्ताव न जाने के कारण जिले में परिसीमन की व्यवस्था नहीं लागू हो सकी l वर्ष 2014-15 में शासन के निर्देश पर बड़ी ग्राम पंचायतों के कुछ भाग को काटकर नई पंचायतों के गठन का प्रस्ताव तैयार किया गया था । परंतु यह प्रस्ताव अफसरो व राजनेताओ के रार की भेंट चढ़ गया। 25 दिसंबर 2020 को पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो रहा है। ऐसे में पंचायतों में चुनाव को लेकर संभावित प्रत्याशियों द्वारा तैयारी शुरू कर दी गई है। अब देखना ये है कि इन गांवों पंचायत का दर्जा कब मिलेगा।




Body:वर्ष 2014 15 में पंचायत चुनाव के पूर्व परिसीमन की कार्यवाही शुरू हुई इसके पीछे परिकल्पना थी बड़ी ग्राम पंचायतों होने के कारण उनका समुचित विकास नहीं हो पाता है। ऐसे में छोटी ग्राम पंचायतों का गठन कर उनका समुचित विकास किया जाएगा। परंतु प्रशासन द्वारा समझ से प्रस्ताव शासन को ना भेजे जाने के कारण यहां का परिसीमन निरस्त कर दिया गया और वर्ष 2015 में संपन्न हुए पंचायत चुनाव में निर्वाचन आयोग को पुराने परिसीमन से ही चुनाव कराना पड़ा l जिससे इन गांव में पंचायत चुनाव लड़ने का ताल ठोक रहे प्रत्याशियों के चेहरे पर मायूसी छा गई l बता दें कि परिसीमन लागू होने के बाद विकासखंड वार पंचायतों के स्थित बदल जाती वर्तमान समय में जिले में 1054 ग्राम पंचायतें हैं l नया परिसीमन लागू होने के बाद जिले में पंचायतों की संख्या 1203 हो जाती l बताया जाता है कि शासन में नए परिसीमन नव गठन को लेकर कवायद शुरू हो गई है। परिसीमन लागू होने की आहट की चर्चा इन ग्राम पंचायतों में आम हो गई है। हालांकि परिसीमन लागू होगा या नहीं इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पा रही है l 25 दिसंबर 2020 को पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो रहा है। ऐसे में पंचायतों में चुनाव को लेकर संभावित प्रत्याशियों द्वारा तैयारी शुरू कर दी गई है।


Conclusion:इस संबंध में जिला पंचायत राज अधिकारी घनश्याम सागर ने बताया कि अभी तक निदेशालय से परिसीमन के संबंध में कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है पिछली बार विलंब होने के कारण परिसीमन लागू नहीं हो सका था। शासन का जो भी निर्देश मिलेगा उसका पालन कराया जाएगा।

बाईट- घनश्याम सागर(डीपीआरओ गोण्डा)
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