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गोण्डा: परेशान किसानों ने खण्ड विकास कार्यालय में बांधे अन्ना जानवर, मचा हड़कंप

उत्तर प्रदेश के गोण्डा में अन्ना जानवरों से परेशान किसानों ने रुपईडीह विकास खंड कार्यालय पर करीब 3 दर्जन जानवरों को लाकर बांध दिया. इससे कार्यालय में मौजूद कर्मचारियों में हड़कंप मच गया. इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी गयी.

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खण्ड विकास कार्यालय में अन्ना जानवर को किसानों ने बाधा
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Published : Jan 14, 2020, 7:54 PM IST

गोण्डा: प्रदेश सरकार के लाख प्रयास के बावजूद भी किसानों को छुट्टा जानवरों से निजात नहीं मिल रही है. शासन ने समस्त जिलाधिकारियों को निर्देशित किया था कि 10 जनवरी तक छुट्टा जानवर सड़कों या किसानों के खेत में दिखे तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.

खण्ड विकास कार्यालय में अन्ना जानवर को किसानों ने बांधा

डेटलाइन पार होने के बाद भी नाराज किसानों ने रुपईडीह विकास खंड कार्यालय पर करीब 3 दर्जन जानवरों को लाकर बांध दिया. कार्यालय और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया. इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी गयी. मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार और पशु चिकित्साधिकारी ने किसानों को समझाते हुए पशुओं को कार्यालय से बाहर कराकर फिर खुले में छोड़ दिया.

किसानों ने अन्ना जानवरों को खंड विकास कार्यालय में बांधा
जहां किसान पशुओं को पकड़कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और पंचायत भवन में कैद कर रहे हैं. तो दूसरी तरफ इतनी कड़ाके की ठंड और कोहरे में किसान अपने खेत की रखवाली करने को मजबूर हैं. खंड विकास कार्यालय रुपईडीह से सटे छितौनी गांव में कई किसान अन्ना जानवरों को लेकर काफी आक्रोशित दिखाई दिए. इन किसानों ने जिन जानवरों को अपने गांव में बांध रखा था. उन्हें खोला और सुबह लेकर रुपईडीह ब्लॉक पहुंचे. जहां इन्होंने जानवरों को खंड विकास कार्यालय में ही बांध दिया. विकास खंड कार्यालय में जानवरों के बांधे जाते ही यहां के कार्यरत कर्मचारी कार्यालय छोड़ भाग खड़े हुए.

अन्ना जानवरों को नहीं भेजा गया गोशाला
जिस कार्यालय में खंड विकास अधिकारी बैठते हैं वहीं पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और पंचायत भवन भी है. जहां जानवरों के बांधे जाने से लोगों को काफी दिक्कतें उठानी पड़ी. गांव के किसानों का आरोप है कि मुख्यमंत्री कार्यालय से जब उन्होंने पत्राचार किया तो उन्होंने उनकी शिकायत को संबंधित अधिकारी के सुपुर्द किया और इसके निस्तारण के निर्देश दिए. जहां से शिकायत की सुनवाई करते हुए इन जानवरों को गोशाला में रखे जाने के निर्देश भी अफसरों को दिए गए, लेकिन इसके बाद भी अन्ना जानवरों को गोशाला नहीं भेजा गया. वह लगातार उनकी खेतों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. उन्होंने इन जानवरों को पकड़कर कार्यालय में बांधा है. अब आगे अधिकारी जानें कि जानवरों का उन्हें करना क्या है.

इसे भी पढ़ें-CAA के खिलाफ फैली भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास कर रही भाजपा सरकार

सुबह ऐसा मामला सामने आया था कि कुछ जानवर गांव वाले लाकर सार्वजनिक भवन में कैद कर रहे हैं. रुपईडीह ब्लॉक के सामने परिसर में छोड़ रहे हैं, जिस पर नायब तहसीलदार को मौके पर भेजकर उसको शॉट आउट करा लिया है. उन जानवरों को एक अस्थाई गोशाला के रूप में स्थापित करके शिफ्ट कराया गया है.
- वीर बहादुर यादव, उप जिला अधिकारी

गोण्डा: प्रदेश सरकार के लाख प्रयास के बावजूद भी किसानों को छुट्टा जानवरों से निजात नहीं मिल रही है. शासन ने समस्त जिलाधिकारियों को निर्देशित किया था कि 10 जनवरी तक छुट्टा जानवर सड़कों या किसानों के खेत में दिखे तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.

खण्ड विकास कार्यालय में अन्ना जानवर को किसानों ने बांधा

डेटलाइन पार होने के बाद भी नाराज किसानों ने रुपईडीह विकास खंड कार्यालय पर करीब 3 दर्जन जानवरों को लाकर बांध दिया. कार्यालय और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया. इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी गयी. मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार और पशु चिकित्साधिकारी ने किसानों को समझाते हुए पशुओं को कार्यालय से बाहर कराकर फिर खुले में छोड़ दिया.

किसानों ने अन्ना जानवरों को खंड विकास कार्यालय में बांधा
जहां किसान पशुओं को पकड़कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और पंचायत भवन में कैद कर रहे हैं. तो दूसरी तरफ इतनी कड़ाके की ठंड और कोहरे में किसान अपने खेत की रखवाली करने को मजबूर हैं. खंड विकास कार्यालय रुपईडीह से सटे छितौनी गांव में कई किसान अन्ना जानवरों को लेकर काफी आक्रोशित दिखाई दिए. इन किसानों ने जिन जानवरों को अपने गांव में बांध रखा था. उन्हें खोला और सुबह लेकर रुपईडीह ब्लॉक पहुंचे. जहां इन्होंने जानवरों को खंड विकास कार्यालय में ही बांध दिया. विकास खंड कार्यालय में जानवरों के बांधे जाते ही यहां के कार्यरत कर्मचारी कार्यालय छोड़ भाग खड़े हुए.

अन्ना जानवरों को नहीं भेजा गया गोशाला
जिस कार्यालय में खंड विकास अधिकारी बैठते हैं वहीं पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और पंचायत भवन भी है. जहां जानवरों के बांधे जाने से लोगों को काफी दिक्कतें उठानी पड़ी. गांव के किसानों का आरोप है कि मुख्यमंत्री कार्यालय से जब उन्होंने पत्राचार किया तो उन्होंने उनकी शिकायत को संबंधित अधिकारी के सुपुर्द किया और इसके निस्तारण के निर्देश दिए. जहां से शिकायत की सुनवाई करते हुए इन जानवरों को गोशाला में रखे जाने के निर्देश भी अफसरों को दिए गए, लेकिन इसके बाद भी अन्ना जानवरों को गोशाला नहीं भेजा गया. वह लगातार उनकी खेतों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. उन्होंने इन जानवरों को पकड़कर कार्यालय में बांधा है. अब आगे अधिकारी जानें कि जानवरों का उन्हें करना क्या है.

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सुबह ऐसा मामला सामने आया था कि कुछ जानवर गांव वाले लाकर सार्वजनिक भवन में कैद कर रहे हैं. रुपईडीह ब्लॉक के सामने परिसर में छोड़ रहे हैं, जिस पर नायब तहसीलदार को मौके पर भेजकर उसको शॉट आउट करा लिया है. उन जानवरों को एक अस्थाई गोशाला के रूप में स्थापित करके शिफ्ट कराया गया है.
- वीर बहादुर यादव, उप जिला अधिकारी

Intro:प्रदेश सरकार के लाखों प्रयास के बावजूद भी किसानों को छुट्टा जानवरो से निजात नहीं मिल रही है। शासन द्वारा समस्त जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया था कि 10 जनवरी तक छुट्टा जानवर सड़को या किसानों के खेत में दिखे तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। डेटलाइन पार होने के बाद भी कल नाराज किसानों ने रुपईडीह विकास खंड कार्यालय पर करीब 3 दर्जन जानवरो को लाकर बांध दिया। जिससे कार्यालय व कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी गयी मौके पर पहुँचे नायाब तहसीलदार व पशु चिकित्साधिकारी ने किसानों को समझाते हुए पशुओं को कार्यालय से बाहर कराकर फिर खुले में छोड़ दिया।


Body:जहां किसान पशुओं को पकड़कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और पंचायत भवन में कैद कर रहे हैं तो दूसरी तरफ इतनी कड़ाके की ठंड और कोहरे में किसान अपने खेत की रखवाली करने को मजबूर हैं। खंड विकास कार्यालय रुपईडीह से सटे छितौनी गांव में बीती सुबह दर्जनो किसान अन्ना जानवरों को लेकर काफी आक्रोशित दिखाई दिए। इन किसानों ने जिन जानवरों को अपने गांव में बांध रखा था उन्हें खोला और सुबह सवेरे लेकर रुपईडीह ब्लॉक पहुंचे। जहां इन्होंने जानवरों को खंड विकास कार्यालय में ही बांध दिया। विकास खंड कार्यालय में जानवरों के बांधे जाते हैं यहां कार्यरत कर्मचारी कार्यालय छोड़ भाग खड़े हुए। आपको बता दें कि जिस कार्यालय में खंड विकास अधिकारी बैठते हैं वहीं पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व पंचायत भवन भी है। जहां जानवरों के बांधे जाने से लोगों को काफी दिक्कतें उठानी पड़ी। गांव के किसानों का आरोप है कि मुख्यमंत्री कार्यालय से जब उन्होंने पत्राचार किया तो उन्होंने उनकी शिकायत को संबंधित अधिकारी के सुपुर्द करते हुए इसके निस्तारण के निर्देश दिए। जहां से शिकायत की सुनवाई करते हुए इन जानवरों को गौशाला में रखे जाने के निर्देश भी अफसरों को दिए गए लेकिन इसके बाद भी अन्ना जानवरों को गौशाला नहीं भेजा गया और वह लगातार उनकी खेतों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। जिस पर उन्होंने इन जानवरों को पकड़कर वीडियो कार्यालय में बांधा है अब आगे अधिकारी जाने की जानवरों का उन्हें करना क्या है।
Conclusion:वहीं इस पूरे मामले पर उप जिलाधिकारी वीर बहादुर का कहना है कि आज सुबह ऐसा मामला सामने आया था कि कुछ जानवर गांव वाले लाकर सार्वजनिक भवन में कैद कर रहे हैं रुपए डी ब्लॉक के सामने परिसर में छोड़ रहे हैं जिस पर नायब तहसीलदार को मौके पर भेजकर उसको शॉट आउट करा लिया है उस जानवरों को एक अस्थाई गौशाला के रूप में स्थापित करके शिफ्ट कराया गया है जैसे ही और गौशाला जो हमारे अगल-बगल चल रही है उसमें स्थान खाली पाए जाने पर तो हम उस पर उनको स्विफ्ट कराएंगे किसानों का यह कहना है वह जानवर खेतों में घूमकर फसल को तबाह कर रहे थे इसीलिए उन लोगों ने पकड़कर एक जगह सार्वजनिक लाकर उनको बांध रहे थे और इस मामले पर पूरा प्रशासन सतर्क हैं मुख्य विकास अधिकारी के साथ हम लोग भी लगे हुए हैं कहीं भी ऐसी कोई शिकायत है तो तुरंत उसको दिखाया जाता है।

बाइट:- रामखेलावन मिश्रा, पीड़ित किसान
बाइट:- वीर बहादुर यादव उप जिला अधिकारी तहसील सदर गोंडा ।

प्रांजल पांडेय
8604534148
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