गोण्डा: प्रदेश सरकार के लाख प्रयास के बावजूद भी किसानों को छुट्टा जानवरों से निजात नहीं मिल रही है. शासन ने समस्त जिलाधिकारियों को निर्देशित किया था कि 10 जनवरी तक छुट्टा जानवर सड़कों या किसानों के खेत में दिखे तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.
डेटलाइन पार होने के बाद भी नाराज किसानों ने रुपईडीह विकास खंड कार्यालय पर करीब 3 दर्जन जानवरों को लाकर बांध दिया. कार्यालय और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया. इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी गयी. मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार और पशु चिकित्साधिकारी ने किसानों को समझाते हुए पशुओं को कार्यालय से बाहर कराकर फिर खुले में छोड़ दिया.
किसानों ने अन्ना जानवरों को खंड विकास कार्यालय में बांधा
जहां किसान पशुओं को पकड़कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और पंचायत भवन में कैद कर रहे हैं. तो दूसरी तरफ इतनी कड़ाके की ठंड और कोहरे में किसान अपने खेत की रखवाली करने को मजबूर हैं. खंड विकास कार्यालय रुपईडीह से सटे छितौनी गांव में कई किसान अन्ना जानवरों को लेकर काफी आक्रोशित दिखाई दिए. इन किसानों ने जिन जानवरों को अपने गांव में बांध रखा था. उन्हें खोला और सुबह लेकर रुपईडीह ब्लॉक पहुंचे. जहां इन्होंने जानवरों को खंड विकास कार्यालय में ही बांध दिया. विकास खंड कार्यालय में जानवरों के बांधे जाते ही यहां के कार्यरत कर्मचारी कार्यालय छोड़ भाग खड़े हुए.
अन्ना जानवरों को नहीं भेजा गया गोशाला
जिस कार्यालय में खंड विकास अधिकारी बैठते हैं वहीं पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और पंचायत भवन भी है. जहां जानवरों के बांधे जाने से लोगों को काफी दिक्कतें उठानी पड़ी. गांव के किसानों का आरोप है कि मुख्यमंत्री कार्यालय से जब उन्होंने पत्राचार किया तो उन्होंने उनकी शिकायत को संबंधित अधिकारी के सुपुर्द किया और इसके निस्तारण के निर्देश दिए. जहां से शिकायत की सुनवाई करते हुए इन जानवरों को गोशाला में रखे जाने के निर्देश भी अफसरों को दिए गए, लेकिन इसके बाद भी अन्ना जानवरों को गोशाला नहीं भेजा गया. वह लगातार उनकी खेतों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. उन्होंने इन जानवरों को पकड़कर कार्यालय में बांधा है. अब आगे अधिकारी जानें कि जानवरों का उन्हें करना क्या है.
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सुबह ऐसा मामला सामने आया था कि कुछ जानवर गांव वाले लाकर सार्वजनिक भवन में कैद कर रहे हैं. रुपईडीह ब्लॉक के सामने परिसर में छोड़ रहे हैं, जिस पर नायब तहसीलदार को मौके पर भेजकर उसको शॉट आउट करा लिया है. उन जानवरों को एक अस्थाई गोशाला के रूप में स्थापित करके शिफ्ट कराया गया है.
- वीर बहादुर यादव, उप जिला अधिकारी