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खुद को जिंदा साबित करने के लिए दर-दर भटक रहा बुजुर्ग - no old age pension in gonda

गोंडा में 85 साल के बुजुर्ग की सरकारी लापरवाही के चलते वृद्धा पेंशन रोक दी गई है. बुजुर्ग को सरकारी फाइलों में मृत घोषित कर दिया गया है. जिसे सुधरवाने के लिए बुजुर्ग को समाज कल्याण विभाग के दफ्तर का चक्कर काटना पड़ रहा है. यही नहीं वृद्धा पेंशन रोके जाने से बुजुर्ग को जीवन-यापन करने में भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

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वृद्धा पेंशन के लिए भटक रहा बुजुर्ग
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Published : Jan 19, 2021, 5:55 PM IST

गोंडाः ग्राम पंचायत अधिकारी की लापरवाही के चलते 85 साल का बुजुर्ग दर-दर ठोकर खाने को मजबूर है. आलम ये है कि सरकारी कागजों में खुद को जिंदा साबित करने के लिए बुजुर्ग को आए दिन समाज कल्याण विभाग का चक्कर काटना पड़ रहा है. यही नहीं सरकारी कागजों में मृत घोषित किए जाने से गरीब बुजुर्ग का वृद्धा पेंशन भी रोक दिया गया है. जिसके चलते उसे जीवन यापन करने में भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

वृद्धा पेंशन के लिए भटक रहा बुजुर्ग

क्या है पूरा मामला
पूरा मामला गोंडा जिले के पंडरी कृपाल ब्लॉक के मुंडेरवा कला गांव का है. जहां 85 साल के बुजुर्ग श्याम बिहारी को सरकारी कागजों में मृत घोषित कर दिया गया है. बुजुर्ग श्याम बिहारी ने खुद को सरकारी कागजों में जिंदा करने की गुहार लगाई है. इसके लिए उन्होंने कई प्रार्थन पत्र भी दिए. लेकिन अभी तक बुजुर्ग की कोई सुनवाई नहीं हुई है.

बुजुर्ग के सामने जीवन-यापन का संकट
श्याम बिहारी के मुताबिक समाज कल्याण विभाग उनके खाते में हर तीसरे महीने 1500 रुपये भेज देता था. जिससे वह अपना जीवन यापन करते थे. जब कई महीने बीत जाने के बाद भी श्याम बिहारी की पेंशन नहीं आई, तो उन्होंने विभाग से पता किया. तब जाकर बुजुर्ग को पता चला कि वो कागज में मृत घोषित हो चुके हैं. ये जानकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. फिर भी चलने में असमर्थ बुजुर्ग लगातार विभाग में जाकर अपने जिंदा होने की एप्लीकेशन देते रहे. बुजुर्ग के मुताबिक, उनके कई जतन के बावजूद भी कहीं सुनवाई नहीं हुई.

ग्राम विकास अधिकारी की लापरवाही
इस संबंध में समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि ग्राम विकास अधिकारी से गलती हुई है. दूसरी तरफ बुजुर्ग के दिखाए गए परिवार रजिस्टर की कॉपी में भी श्याम बिहारी का नाम दर्ज नहीं है. जिसको सेक्रेटरी ने मई 2020 में जारी किया है. वहीं बुजुर्ग से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बृद्धा पेंशन मिलती थी, लेकिन कागजों में मृत घोषित किये जाने के बाद वो भी बंद कर दिया गया.

जांच के बाद फिर से दी जाएगी पेंशन
वहीं समाज कल्याण अधिकारी मोती लाल ने बताया कि 6 जुलाई 2019 से पहले श्याम बिहारी को वृद्ध पेंशन दी जा रही थी. लेकिन ग्राम पंचायत अधिकारी ने सत्यापन सूची भेजी, जिसमें इन्हें मृतक घोषित कर दिया गया है. जिसके चलते पेंशन रोक दी गई थी. अब इसकी जांच कराई जाएगी, उसके बाद बुजुर्ग को उसी डेट से पेंशन भी दी जाएगी.

गोंडाः ग्राम पंचायत अधिकारी की लापरवाही के चलते 85 साल का बुजुर्ग दर-दर ठोकर खाने को मजबूर है. आलम ये है कि सरकारी कागजों में खुद को जिंदा साबित करने के लिए बुजुर्ग को आए दिन समाज कल्याण विभाग का चक्कर काटना पड़ रहा है. यही नहीं सरकारी कागजों में मृत घोषित किए जाने से गरीब बुजुर्ग का वृद्धा पेंशन भी रोक दिया गया है. जिसके चलते उसे जीवन यापन करने में भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

वृद्धा पेंशन के लिए भटक रहा बुजुर्ग

क्या है पूरा मामला
पूरा मामला गोंडा जिले के पंडरी कृपाल ब्लॉक के मुंडेरवा कला गांव का है. जहां 85 साल के बुजुर्ग श्याम बिहारी को सरकारी कागजों में मृत घोषित कर दिया गया है. बुजुर्ग श्याम बिहारी ने खुद को सरकारी कागजों में जिंदा करने की गुहार लगाई है. इसके लिए उन्होंने कई प्रार्थन पत्र भी दिए. लेकिन अभी तक बुजुर्ग की कोई सुनवाई नहीं हुई है.

बुजुर्ग के सामने जीवन-यापन का संकट
श्याम बिहारी के मुताबिक समाज कल्याण विभाग उनके खाते में हर तीसरे महीने 1500 रुपये भेज देता था. जिससे वह अपना जीवन यापन करते थे. जब कई महीने बीत जाने के बाद भी श्याम बिहारी की पेंशन नहीं आई, तो उन्होंने विभाग से पता किया. तब जाकर बुजुर्ग को पता चला कि वो कागज में मृत घोषित हो चुके हैं. ये जानकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. फिर भी चलने में असमर्थ बुजुर्ग लगातार विभाग में जाकर अपने जिंदा होने की एप्लीकेशन देते रहे. बुजुर्ग के मुताबिक, उनके कई जतन के बावजूद भी कहीं सुनवाई नहीं हुई.

ग्राम विकास अधिकारी की लापरवाही
इस संबंध में समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि ग्राम विकास अधिकारी से गलती हुई है. दूसरी तरफ बुजुर्ग के दिखाए गए परिवार रजिस्टर की कॉपी में भी श्याम बिहारी का नाम दर्ज नहीं है. जिसको सेक्रेटरी ने मई 2020 में जारी किया है. वहीं बुजुर्ग से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बृद्धा पेंशन मिलती थी, लेकिन कागजों में मृत घोषित किये जाने के बाद वो भी बंद कर दिया गया.

जांच के बाद फिर से दी जाएगी पेंशन
वहीं समाज कल्याण अधिकारी मोती लाल ने बताया कि 6 जुलाई 2019 से पहले श्याम बिहारी को वृद्ध पेंशन दी जा रही थी. लेकिन ग्राम पंचायत अधिकारी ने सत्यापन सूची भेजी, जिसमें इन्हें मृतक घोषित कर दिया गया है. जिसके चलते पेंशन रोक दी गई थी. अब इसकी जांच कराई जाएगी, उसके बाद बुजुर्ग को उसी डेट से पेंशन भी दी जाएगी.

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