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गोंडा में मनरेगा घोटालाः लाखों रुपये गबन करने पर  ग्राम प्रधान, विकास अधिकारी समेत 5 के खिलाफ FIR - कुन्दुरखी ग्राम पंचायत में घोटाला

यूपी के गोंडा में मनरेगा में घोटाले(Scam in MNREGA) के मामले में ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी समेत 5 के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है. डीएम के आदेश पर यह कार्रवाई हुई है.

गोंडा में मनरेगा में घोटाला
गोंडा में मनरेगा में घोटाला
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 17, 2023, 10:53 PM IST

गोंडा: जिले झंझरी ब्लॉक की ग्राम पंचायत कुन्दुरखी में मनरेगा योजना पैसों का गबन सामने आया है. ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी सहित पांच लोगों द्वारा घोटाला करने का आरोप लगा है. डीएम नेहा शर्मा के आदेश पर पांचों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है. वहीं, जांच में शासकीय धनराशि के गबन के आरोपों की पुष्टि हुई है.

मनरेगा में घोटाले में ग्राम प्रधान, विकास अधिकारी पर कार्रवाई
मनरेगा में घोटाले में ग्राम प्रधान, विकास अधिकारी पर कार्रवाई

विकासखण्ड झंझरी की कुन्दुरखी में वित्तीय वर्ष 2022- 23 में मनरोगा योजनान्तर्गत पुलिस चौकी कहोबा से शोभा राम के खेत तक नाले की मिट्टी खुदाई कार्य कराया गया. जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने संबंधित कार्य में गड़बड़ी की शिकायत पर जांच के आदेश देते हुए एक समिति गठित की थी. इस समिति ने संयुक्त जांच रिपोर्ट 13 अक्टूबर 2023 को दी.

जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने दिए कार्रवाई के आदेश
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने दिए कार्रवाई के आदेश

जांच में खुलासा हुआ कि प्रस्तावित कार्य की अनुमानित लागत 18.35 लाख रुपये है. पत्रावली के अनुसार 17.31 लाख रुपये का श्रमिकों को देने के लिए आवंटित किए गए., एमआईएस रिपोर्ट के मुताबिक परियोजना पर 16.75 लाख रुपये व्यय मजदूरी के रूप में किया गया और सामग्री में भुगतान शून्य है.

जांच रिपोर्ट के अनुसार परियोजना स्थल पर कुल धनराशि 8,69,441 रुपये का काम हुआ है. इस प्रकार भुगतान की गई धनराशि के सापेक्ष कार्य पर कुल 8,06,392 रुपये का अधिक भुगतान किया गया. वहीं, मौके पर कम काम किया गया. जांच में खुलासे के बाद डीएम नेहा शर्मा के आदेश पर परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण चन्द्रशेखर द्वारा कोतवाली नगर में FIR दर्ज कराई गई है. जिसमें ग्राम प्रधान रेखा देवी, ग्राम विकास अधिकारी प्रसून श्रीवास्तव, ग्राम रोजगार सेवक किशोरी लाल, तत्कालीन तकनीकी सहायक प्रदीप कुमार और तत्कालीन अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी शामिल है.


जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने साफ किया है कि भ्रष्टाचार को किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं किया जाएगा. प्रदेश सरकार की भ्रष्ट के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है. जनपद में किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचार करने वालों को माफ नहीं किया जाएगा.

यह भी पढ़ें: महराजगंज में 37.70 लाख रुपये का मनरेगा घोटाला, बीडीओ ने दर्ज कराया मुकदमा

यह भी पढ़ें: मनरेगा घोटाले को लेकर दाखिल याचिका पर राज्य सरकार से जवाब तलब

गोंडा: जिले झंझरी ब्लॉक की ग्राम पंचायत कुन्दुरखी में मनरेगा योजना पैसों का गबन सामने आया है. ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी सहित पांच लोगों द्वारा घोटाला करने का आरोप लगा है. डीएम नेहा शर्मा के आदेश पर पांचों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है. वहीं, जांच में शासकीय धनराशि के गबन के आरोपों की पुष्टि हुई है.

मनरेगा में घोटाले में ग्राम प्रधान, विकास अधिकारी पर कार्रवाई
मनरेगा में घोटाले में ग्राम प्रधान, विकास अधिकारी पर कार्रवाई

विकासखण्ड झंझरी की कुन्दुरखी में वित्तीय वर्ष 2022- 23 में मनरोगा योजनान्तर्गत पुलिस चौकी कहोबा से शोभा राम के खेत तक नाले की मिट्टी खुदाई कार्य कराया गया. जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने संबंधित कार्य में गड़बड़ी की शिकायत पर जांच के आदेश देते हुए एक समिति गठित की थी. इस समिति ने संयुक्त जांच रिपोर्ट 13 अक्टूबर 2023 को दी.

जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने दिए कार्रवाई के आदेश
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने दिए कार्रवाई के आदेश

जांच में खुलासा हुआ कि प्रस्तावित कार्य की अनुमानित लागत 18.35 लाख रुपये है. पत्रावली के अनुसार 17.31 लाख रुपये का श्रमिकों को देने के लिए आवंटित किए गए., एमआईएस रिपोर्ट के मुताबिक परियोजना पर 16.75 लाख रुपये व्यय मजदूरी के रूप में किया गया और सामग्री में भुगतान शून्य है.

जांच रिपोर्ट के अनुसार परियोजना स्थल पर कुल धनराशि 8,69,441 रुपये का काम हुआ है. इस प्रकार भुगतान की गई धनराशि के सापेक्ष कार्य पर कुल 8,06,392 रुपये का अधिक भुगतान किया गया. वहीं, मौके पर कम काम किया गया. जांच में खुलासे के बाद डीएम नेहा शर्मा के आदेश पर परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण चन्द्रशेखर द्वारा कोतवाली नगर में FIR दर्ज कराई गई है. जिसमें ग्राम प्रधान रेखा देवी, ग्राम विकास अधिकारी प्रसून श्रीवास्तव, ग्राम रोजगार सेवक किशोरी लाल, तत्कालीन तकनीकी सहायक प्रदीप कुमार और तत्कालीन अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी शामिल है.


जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने साफ किया है कि भ्रष्टाचार को किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं किया जाएगा. प्रदेश सरकार की भ्रष्ट के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है. जनपद में किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचार करने वालों को माफ नहीं किया जाएगा.

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