गोण्डा: आजादी के बाद से ही सरकारों ने गरीब नागरिकों के लिए कई योजनाएं बनाई ताकि उनको गरीबी से मुक्ति मिल सके, लेकिन भ्रष्टाचार ने सरकार की योजनाओं पर पलीता लगा दिया है. जिले के नवाबगंज ब्लॉक के महंगूपुर गांव का मामला है. साल 2007 में राजेश्वरी देवी को इंदिरा आवास आवंटित किया गया और कागजों में उनको पैसे का भुगतान भी किया गया, लेकिन ब्लॉक के बाबू की मिलीभगत से पैसा राजेश्वरी देवी के खाते में न जाकर किसी अन्य राजेश्वरी के खाते में भेज दिया गया.
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पैसा राजेश्वरी के खाते में न जाकर किसी अन्य राजेश्वरी के खाते में जाता था
- जिले के नवाबगंज ब्लॉक के महंगूपुर गांव का मामला है.
- गरीबी का दंश झेल रही राजेश्वरी अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ गुजर-बसर कर रही हैं.
- इनको जरूरत है एक छोटे से घर की ताकि सर्दी, गर्मी और बरसात में सहारा मिल सके.
- सन 2007 में इंदिरा आवास योजना के तहत कागजों की खानापूर्ति के बाद आवास आवंटन के लिए बताया गया था.
- राजेश्वरी पढ़ी-लिखी नहीं थी, जिसका फायदा तत्कालीन सेक्रेटरी और ब्लॉक के कर्मचारियों ने उठाया.
- राजेश्वरी को आवास का पैसा उसके खाते में न भेज कर किसी दूसरी राजेश्वरी के खाते में भेजा गया.
पीड़ित महिला के देवर संदीप पांडे ने बताया
गांव के प्रधान से प्रधानमंत्री आवास के लिए गुहार लगाई तो उन्हें बताया गया कि आपकी भाभी को आवास बहुत पहले ही मिल चुका है और अब नहीं मिल सकता. इसके बाद संदीप ब्लॉक पर गए और जब जांच पड़ताल की तो पता चला कि पैसा खाते में भेज दिया गया था. 2007-08 में हमारी भाभी को इंदिरा आवास मिला था, जिसे सेक्रेटरी जगदंबा प्रसाद पांडे ने मिलीभगत करके हमारे गांव में ही दूसरे लोगों को दे दिया था. हम ब्लॉक पर गए, सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत की, लेकिन मेरी सुनवाई नहीं हुई. इंदिरा आवास का पैसा खाते में ही जाता है. जब हमारी भाभी का खाता था ही नहीं तो फिर पैसा कहां चला गया.
एक प्रार्थी आए और उन्होंने शिकायत की है. वीडियो को लेटर लिखा गया है. मामला काफी पुराना है, इसलिए पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी. पैसा किसके खाते में गया है या इसमें कौन दोषी है. जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.
-आशीष कुमार,सीडीओ