गोंडा : आज विश्व जल दिवस है, लेकिन पानी की बर्बादी को लेकर लापरवाही सरेआम दिख रही है. चाहे वह नगर पालिका की पानी टैंकर या रोड पर हजारों लीटर पानी फैला रही हो या अन्य जगहों पर बदस्तूर पानी की बर्बादी का नजारा हो. जल संरक्षण के महत्व को लेकर लोगों में उसकी जागरूकता की पोल खोलती है.
विश्व जल दिवस पर पानी की हकीकत जानने निकले तो रोड पर हजारों लीटर पानी जमा दिख गया, मालूम हुआ कि पाइपलाइन फट गई है जिसके कारण रोड पर पानी जमा हो गया है. ये एक ही बात नहीं है लापरवाही का आलम ये की टाउन हॉल के पास खड़ी नगरपालिका की पानी वाली गाड़ियों की टोंटियां टूटी हुई हैं.
आपको बता दें कि गाड़ियों की धुलाई में ही सबसे ज्यादा पानी खर्च होता है जो कि गोण्डा जिले में काफी संख्या में होता हैं. रोज हजारों लीटर पानी तो गाड़ी की धुलाइयों पर खर्च हो जाता है. फिर भी किसी को जल की कोई परवाह नहीं. बता दें कि देश मे गाड़ियों के धोने में ही हम हजारों लीटर पानी बहा देते हैं.
वहीं पानी जमा होने पर वहां के स्थानीय लोगों को परेशानी तो है ही साथ ही साथ यह चिंता भी है कि अगर जल का इसी तरह दुरुपयोग होता रहा तो एक दिन ऐसा भी आएगा, जब पीने को पानी न मिले. आंकड़े भी यही बताते हैं देश मे 1170 मिमी औसत बारिश होती है जिसका छह फीसदी पानी ही सुरक्षित रख पाते हैं.
आज विश्व जल दिवस पर गोंडा में कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया जिससे एक बात तो साफ है कि प्रशासनिक स्तर से भी जनता को जागरूक करने हेतु कोई कार्य नहीं हो रहा है. दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या वाले देश में जल का इस तरह दोहन होना और जल संरक्षण के लिए कोई ठोस नीति का न बनाना अपने आप में सरकार पर बड़े सवाल खड़ी करताहै.