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विश्व जल दिवस :कई सवाल खड़े करती हैं पानी की यह बर्बादी - जल दिवस खबर

आज विश्व जल दिवस है. यह दिन स्वच्छ जल के संरक्षण और पानी की बर्बादी रोकने के लिए मनाया जाता है. 1993 में संयुक्त राष्ट्र संघ की सभा ने यह दिन मनाने के बारे में निर्णय लिया था, लेकिन गोंडा जिलें में इसको लेकर कोई जागरूकता नहीं दिखाई दी.

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Published : Mar 22, 2019, 3:33 PM IST

गोंडा : आज विश्व जल दिवस है, लेकिन पानी की बर्बादी को लेकर लापरवाही सरेआम दिख रही है. चाहे वह नगर पालिका की पानी टैंकर या रोड पर हजारों लीटर पानी फैला रही हो या अन्य जगहों पर बदस्तूर पानी की बर्बादी का नजारा हो. जल संरक्षण के महत्व को लेकर लोगों में उसकी जागरूकता की पोल खोलती है.

देखें रिपोर्ट.


विश्व जल दिवस पर पानी की हकीकत जानने निकले तो रोड पर हजारों लीटर पानी जमा दिख गया, मालूम हुआ कि पाइपलाइन फट गई है जिसके कारण रोड पर पानी जमा हो गया है. ये एक ही बात नहीं है लापरवाही का आलम ये की टाउन हॉल के पास खड़ी नगरपालिका की पानी वाली गाड़ियों की टोंटियां टूटी हुई हैं.

आपको बता दें कि गाड़ियों की धुलाई में ही सबसे ज्यादा पानी खर्च होता है जो कि गोण्डा जिले में काफी संख्या में होता हैं. रोज हजारों लीटर पानी तो गाड़ी की धुलाइयों पर खर्च हो जाता है. फिर भी किसी को जल की कोई परवाह नहीं. बता दें कि देश मे गाड़ियों के धोने में ही हम हजारों लीटर पानी बहा देते हैं.


वहीं पानी जमा होने पर वहां के स्थानीय लोगों को परेशानी तो है ही साथ ही साथ यह चिंता भी है कि अगर जल का इसी तरह दुरुपयोग होता रहा तो एक दिन ऐसा भी आएगा, जब पीने को पानी न मिले. आंकड़े भी यही बताते हैं देश मे 1170 मिमी औसत बारिश होती है जिसका छह फीसदी पानी ही सुरक्षित रख पाते हैं.


आज विश्व जल दिवस पर गोंडा में कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया जिससे एक बात तो साफ है कि प्रशासनिक स्तर से भी जनता को जागरूक करने हेतु कोई कार्य नहीं हो रहा है. दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या वाले देश में जल का इस तरह दोहन होना और जल संरक्षण के लिए कोई ठोस नीति का न बनाना अपने आप में सरकार पर बड़े सवाल खड़ी करताहै.

गोंडा : आज विश्व जल दिवस है, लेकिन पानी की बर्बादी को लेकर लापरवाही सरेआम दिख रही है. चाहे वह नगर पालिका की पानी टैंकर या रोड पर हजारों लीटर पानी फैला रही हो या अन्य जगहों पर बदस्तूर पानी की बर्बादी का नजारा हो. जल संरक्षण के महत्व को लेकर लोगों में उसकी जागरूकता की पोल खोलती है.

देखें रिपोर्ट.


विश्व जल दिवस पर पानी की हकीकत जानने निकले तो रोड पर हजारों लीटर पानी जमा दिख गया, मालूम हुआ कि पाइपलाइन फट गई है जिसके कारण रोड पर पानी जमा हो गया है. ये एक ही बात नहीं है लापरवाही का आलम ये की टाउन हॉल के पास खड़ी नगरपालिका की पानी वाली गाड़ियों की टोंटियां टूटी हुई हैं.

आपको बता दें कि गाड़ियों की धुलाई में ही सबसे ज्यादा पानी खर्च होता है जो कि गोण्डा जिले में काफी संख्या में होता हैं. रोज हजारों लीटर पानी तो गाड़ी की धुलाइयों पर खर्च हो जाता है. फिर भी किसी को जल की कोई परवाह नहीं. बता दें कि देश मे गाड़ियों के धोने में ही हम हजारों लीटर पानी बहा देते हैं.


वहीं पानी जमा होने पर वहां के स्थानीय लोगों को परेशानी तो है ही साथ ही साथ यह चिंता भी है कि अगर जल का इसी तरह दुरुपयोग होता रहा तो एक दिन ऐसा भी आएगा, जब पीने को पानी न मिले. आंकड़े भी यही बताते हैं देश मे 1170 मिमी औसत बारिश होती है जिसका छह फीसदी पानी ही सुरक्षित रख पाते हैं.


आज विश्व जल दिवस पर गोंडा में कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया जिससे एक बात तो साफ है कि प्रशासनिक स्तर से भी जनता को जागरूक करने हेतु कोई कार्य नहीं हो रहा है. दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या वाले देश में जल का इस तरह दोहन होना और जल संरक्षण के लिए कोई ठोस नीति का न बनाना अपने आप में सरकार पर बड़े सवाल खड़ी करताहै.

Intro:जिले में पानी की बर्बादी चरम पर है। होली के त्योहार के एक दिन बाद आज विश्व जल दिवस है। लेकिन जिले में ही जल के बर्बादियों को लेकर लापरवाही सरे आम दिख जाएगी। चाहे वह नगर पालिका की पानी टैंकर, या रोड पर हजारों लीटर फैला पानी जो जल के लिए गंभीरता की पोल खोलती है।








Body:होली का त्योहार बीत गया सबने होली मनाई, लेकिन यहाँ एक बात सबके जहन में नहीं आई वो है पानी की बर्बादी! आज विश्व जल दिवस है लेकिन किसी को पानी की चिंता नहीं आज हम पानी की हकीकत जानने निकले तो रोड पर हजारों लीटर पानी जमा दिख गया, मालूम हुआ कि पाइपलाइन फट गई है जिसके कारण रोड पर पानी जमा हो गया है। ये एक ही बात नहीं है लापरवाही का आलम ये की टाउन हॉल के पास खड़ी नगरपालिका की पानी वाली गाड़ियों की टोटियां खुली हुई हैं जिससे पानी अनवरत बह रहा है। आपको बता दें कि गाड़ियों की धुलाई में ही सबसे ज्यादा पानी खर्च होता है जो कि गोण्डा जिले में काफी संख्या में फैले हुए हैं। रोज हजारों लीटर पानी तो गाड़ी की धुलाइयों पर खर्च हो जाता है। फिर भी किसी को जल की कोई परवाह नहीं। बता दें कि देश मे गाड़ीयो के धोने में ही हम हजारों लीटर पानी बहा देते हैं। जिलासप्ताल के समीप रोड पे पानी जमा होने पर वहाँ के स्थानीय लोगों को परेशानी तो है ही साथ ही साथ यह चिंता भी है कि अगर जल का इसी तरह दरुपयोग होता रहा तो एक दिन ऐसा भी आएगा जब पीने को पानी न मिले। आंकड़े भी यही बताते हैं देश मे 1170 मिमी औसत बारिश होती है जिसका 6 फीसदी पानी ही सुरक्षित रख पाते हैं। आज विश्व जल दिवस पर गोण्डा में कोई कार्यक्रम आयोजित नही किया गया जिससे एक बात तो साफ है कि प्रशासनिक स्तर से भी जनता को जागरूक करने हेतु कोई कार्य नही हो रहा है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या का जल का इस तरह दोहन करना व जल संरक्षण के लिए कोई ठोस नीति का न बनाना अपने आप में सरकार पर बड़े सवाल खड़ी करती है।




Conclusion:बाईट- स्थानीय
बाईट- उमेश साहू(स्थानीय)
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