गोंडाः जिलाधिकारी डॉ. नितिन बंसल के निर्देशन और सीडीओ शशांक त्रिपाठी की सघन मानीटरिंग के चलते जिले में मनरेगा के तहत हजारों प्रवासियों को रोजगार दिया गया. लॉकडाउन के दरम्यान मनरेगा योजना के तहत जनपद में अब तक 31 लाख मानव दिवसों का सृजन किया जा चुका है. वहीं मनरेगा के तहत जिले 2900 से अधिक कार्य कराए जा चुके हैं.
मुख्य विकास अधिकारी शशांक त्रिपाठी ने बताया कि मनरेगा के तहत अब तक 84 करोड़ 50 लाख से अधिक लागत के कार्य कराए जा चुके हैं, जिसमें प्रमुख रूप से तालाबों का निर्माण, नदियों का पुनर्रूद्धार, पशु शेड का निर्माण, गोट शेड, गौ आश्रय केन्द्र का निर्माण, वर्मी कम्पोस्ट, सोेक पिट, इन्टर लाकिंग, नाली निर्माण, सीसी रोड निर्माण, बाउन्ड्री वाॅल का निर्माण, आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण, नाली निर्माण तथा मेड़ बंदी आदि का कार्य कराया गया.
सीडीओ ने बताया कि सीएम योगी की घोषणा से आच्छादित मनवर नदी का जीर्णोद्धार भी मनरेगा योजना से कराया जा रहा है, जिसका कार्य जल्द ही पूर्ण करा लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि 46 गावों से होकर जाने वाली 82 किलोमीटर लम्बी मनवर नदी के पुनरूद्धार कार्य पर 8.7 करोड़ रूपये का अनुमानित व्यय होगा, जिसमें लक्ष्य के सापेक्ष 65 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है. उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में मनरेगा योजना के अन्तर्गत 61 लाख 93 हजार मानव दिवस सृजित किए जाने का लक्ष्य निर्धारित है.
कोरोना संकट के बीच लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 31 लाख मानव दिवसों का सृजन किया जा चुका है. सीडीओ ने बताया कि कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण जनपद में आए प्रवासी श्रमिकों को बड़े पैमाने पर रोजगार मुहैया कराने का भी कार्य किया जा रहा है. जिले के 12 हजार 124 प्रवासी श्रमिक परिवारों को मनरेगा जाॅब कार्ड निर्गत करने के साथ ही 8549 प्रवासी श्रमिकों को नियोजित भी करने का काम हुआ. उन्होंने बताया कि अब तक प्रवासी श्रमिकों को 65 करोड़ 29 लाख रूपये का भुगतान मनरेगा मजदूरी के रूप में किया जा चुका है.