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कोरोना इफेक्ट: 79 बंदियों को मिली पैरोल, 60 दिन में करेंगे आत्मसमर्पण - parole

कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए गोंडा में 79 बंदियों को 60 दिन की पैरोल पर रिहा कर दिया गया है. इसके लिए जिला कारागार से 104 प्रार्थना प्राधिकरण को मिले थे.

गोंडा में 79 बन्दियों को मिली अंतरिम जमानत.
गोंडा में 79 बन्दियों को मिली अंतरिम जमानत.
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Published : May 12, 2021, 5:54 AM IST

गोंडा: जिले में कोविड-19 संक्रमण के कारण सात वर्ष तक की सजा योग्य मामलों में निरुद्ध 79 विचाराधीन बंदियों को अंतरिम जमानत(पैरोल) पर रिहा किया गया है. ये रिहायी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, उच्च न्यायालय इलाहाबाद की हाई पावर कमेटी एवं यूपी राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशानुसार की गई है.

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सुषमा ने बताया कि जिला कारागार गोंडा से प्राप्त 104 अन्तरिम जमानत संबंधी प्रार्थना पत्र मिले थे. इनमें से अधिकतम 07 वर्ष सजा योग्य सजा तक बन्दियों की रिहायी पर विचार किया गया. 104 प्रार्थना पत्रों में विचार करने के बाद कुल 79 का निस्तारण कर 60 दिन के अन्तरिम जमानत पर रिहा किया गया.

इसे भी पढ़ें-यूपी के जेलों से जल्द पैरोल पर रिहा होंगे 10 हजार से अधिक कैदी

60 दिन की दी गई अंतरिम जमानत पर रिहा हुए बंदी
कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करते हुए 06 मई को अनुपम शौर्य, प्रथम अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, गोण्डा एवं अभिषेक कुमार सिंह, पंचम अपर सिविल जज गोण्डा ने विचाराधीन कुल 46 बन्दियों को रिहा किया था. वहीं 08 मई को विवेक कुमार सिंह, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (पूर्वोत्तर रेलवे), गोण्डा एवं स्वप्निल पाण्डेय, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम, गोण्डा द्वारा ने 29 विचाराधीन बन्दियों को रिहा किया गया. 10 मई को शालीन मिश्रा, न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय गोण्डा द्वारा कुल 04 विचाराधीन बन्दियों के अन्तरिम जमानत के प्रार्थना पत्रों का निस्तारण कर रिहा किया गया. पैरोल पर छोड़े गए सभी बंदियों को निर्धारित समयावधि पूर्ण होने पर सक्षम न्यायालय में आत्म समर्पण करने का निर्देश दिया गया है. ऐसा न करने पर विधिक कार्रवाई की जाएगी.

गोंडा: जिले में कोविड-19 संक्रमण के कारण सात वर्ष तक की सजा योग्य मामलों में निरुद्ध 79 विचाराधीन बंदियों को अंतरिम जमानत(पैरोल) पर रिहा किया गया है. ये रिहायी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, उच्च न्यायालय इलाहाबाद की हाई पावर कमेटी एवं यूपी राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशानुसार की गई है.

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सुषमा ने बताया कि जिला कारागार गोंडा से प्राप्त 104 अन्तरिम जमानत संबंधी प्रार्थना पत्र मिले थे. इनमें से अधिकतम 07 वर्ष सजा योग्य सजा तक बन्दियों की रिहायी पर विचार किया गया. 104 प्रार्थना पत्रों में विचार करने के बाद कुल 79 का निस्तारण कर 60 दिन के अन्तरिम जमानत पर रिहा किया गया.

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