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गोंडा: एक साल के अंदर रिहा होने वाले 200 बंदियों को मिलेगा रोजगार - गोंडा समाचार

जिला कारागार में बंद कैदियों को केंद्र सरकार की योजना कौशल विकास से जोड़ा जा रहा है. यहां बंद 200 बंदियों को कौशल विकास मिशन के तहत ट्रेनिंग देकर स्वावलंबी बनाया जाएगा. इस योजना में उन्हीं बंदियों को शामिल किया जा रहा है जिनकी रिहाई में मात्र एक साल बचा है.

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200 बंदियों को दिया जाएगा रोजगार
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Published : Feb 12, 2020, 2:03 AM IST

गोंडा: जिला कारागार में बंद 200 बंदियों को जल्द ही रोजगार प्रदान किया जाएगा. सजा काट रहे ऐसे बंदी जिनकी रिहाई में मात्र 1 साल का समय बचा है, उन्हें कौशल विकास मिशन की ओर से कई तरह की ट्रेनिंग देकर स्वावलंबी बनाने में मदद की जाएगी. जो भी बंदी प्रशिक्षण पूरा करेंगे उन्हें 7 हजार रुपये वजीफा और रोजगार भी दिया जाएगा.

200 बंदियों को दिया जाएगा रोजगार.


प्रशिक्षण पूर्ण करने पर मिलेंगे रुपये

जिला कारागार में सजा काट रहे बंदियों को कौशल विकास मिशन से जोड़ा जा रहा है. इसके लिए उन बंदियों को चुना गया है, जिनकी सजा को पूर्ण होने में मात्र एक वर्ष का समय शेष बचा है. इन बंदियों को विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षित किया जाएगा. हर ट्रेड के लिए अलग समय सीमा बनाई गई है, जिसमें 3 महीने से लेकर 4 महीने तक का प्रशिक्षण दिया जाएगा.

कैदियों की यह ट्रेनिंग जेल के अंदर ही दी जाएगी. इसमें कारपेंटर, इलेक्ट्रिशियन, टेलर, मेकअप आर्टिस्ट, गार्डनर, प्लम्बर आदि की ट्रेनिंग कैदियों को मुहैया कराई जाएंगी. प्रशिक्षण के दौरान उन्हें किताबें, डायरी, बैग प्रशिक्षण को पूर्ण करने पर 7 हजार रुपये भी दिए जाएंगे. इस प्रशिक्षण के उपरांत इन 200 बंदियों को आईटीआई के समकक्ष प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा. बता दें कि रिहाई के उपरान्त इन्हें रोजगार के लिए बैंक से ऋण की भी व्यवस्था की गई है. इसके लिए राष्ट्रीयकृत बैंकों में इनका खाता भी खोला जाएगा.

इसे भी पढ़ें- गोंडा: मंदिर से अष्टधातु की चार मूर्तियां चोरी

इसमें विभिन्न कोर्स में प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें महिलाओं के लिए अलग और पुरुषों के लिए अलग ट्रेड्स हैं. इससे उन्हें रोजगार से जोड़ने में मदद मिलेगी. यह पूरा प्रशिक्षण जेल के अंदर ही दिया जाएगा.

गोंडा: जिला कारागार में बंद 200 बंदियों को जल्द ही रोजगार प्रदान किया जाएगा. सजा काट रहे ऐसे बंदी जिनकी रिहाई में मात्र 1 साल का समय बचा है, उन्हें कौशल विकास मिशन की ओर से कई तरह की ट्रेनिंग देकर स्वावलंबी बनाने में मदद की जाएगी. जो भी बंदी प्रशिक्षण पूरा करेंगे उन्हें 7 हजार रुपये वजीफा और रोजगार भी दिया जाएगा.

200 बंदियों को दिया जाएगा रोजगार.


प्रशिक्षण पूर्ण करने पर मिलेंगे रुपये

जिला कारागार में सजा काट रहे बंदियों को कौशल विकास मिशन से जोड़ा जा रहा है. इसके लिए उन बंदियों को चुना गया है, जिनकी सजा को पूर्ण होने में मात्र एक वर्ष का समय शेष बचा है. इन बंदियों को विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षित किया जाएगा. हर ट्रेड के लिए अलग समय सीमा बनाई गई है, जिसमें 3 महीने से लेकर 4 महीने तक का प्रशिक्षण दिया जाएगा.

कैदियों की यह ट्रेनिंग जेल के अंदर ही दी जाएगी. इसमें कारपेंटर, इलेक्ट्रिशियन, टेलर, मेकअप आर्टिस्ट, गार्डनर, प्लम्बर आदि की ट्रेनिंग कैदियों को मुहैया कराई जाएंगी. प्रशिक्षण के दौरान उन्हें किताबें, डायरी, बैग प्रशिक्षण को पूर्ण करने पर 7 हजार रुपये भी दिए जाएंगे. इस प्रशिक्षण के उपरांत इन 200 बंदियों को आईटीआई के समकक्ष प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा. बता दें कि रिहाई के उपरान्त इन्हें रोजगार के लिए बैंक से ऋण की भी व्यवस्था की गई है. इसके लिए राष्ट्रीयकृत बैंकों में इनका खाता भी खोला जाएगा.

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इसमें विभिन्न कोर्स में प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें महिलाओं के लिए अलग और पुरुषों के लिए अलग ट्रेड्स हैं. इससे उन्हें रोजगार से जोड़ने में मदद मिलेगी. यह पूरा प्रशिक्षण जेल के अंदर ही दिया जाएगा.

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