गोंडा: जिले के मुख्य विकास अधिकारी शशांक त्रिपाठी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत लाभ ले रहे अपात्र लाभाार्थियों से अपील की है कि वे योजना के अन्तर्गत प्राप्त की गई धनराशि को भारत सरकार के पोर्टल के माध्यम से वापस कर दें. अन्यथा भू-राजस्व नियमों के तहत वसूली की जाएगी. उन्होंने कहा कि जिले में 1200 अपात्र किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहे हैं, जिसमेें से 626 किसानों को चिह्नित किया है.
सीडीओ ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के सम्बंध में बताया कि भारत सरकार द्वारा जारी योजना की गाइडलाइन्स के अनुसार भूमिहीन, संस्थागत भूस्वामी, ऐसे परिवार जिनका कोई सदस्य वर्तमान और भूतपूर्व संवैधानिक पदधारक है, ऐसे लोग पात्र नहीं हैं. पूर्व अथवा वर्तमान मंत्री, राज्य मंत्री, लोकसभा एवं राज्यसभा सदस्य, विधानसभा एवं विधान परिषद सदस्य, नगर निगमों के पूर्व एवं वर्तमान नगर प्रमुख, जिला पंचायतों के पूर्व अथवा वर्तमान अध्यक्ष भी इस योजना के पात्र नहीं हैं. केंद्र सरकार, राज्य सरकार एवं सरकार के अधीन स्वायत्तशासी संस्थाओं में सेवारत अथवा सेवा निवृत्त अधिकारी एवं कर्मचारी (चतुर्थ श्रेणी को छोड़कर) ऐसे सेवानिवृत्त कर्मी जिनकी मासिक पेंशन 10 हजार से अधिक है (चतुर्थ श्रेणी को छोड़कर) पात्र नहीं हैं. ऐसे व्यक्ति जिन्होंने विगत वित्तीय वर्ष में आयकर अदा किया हो, रजिस्टर्ड डॉक्टर, इंजिनियर, वकील, चार्टर्ड एकाउंटेंट, आर्किटेक्ट आदि व्यक्ति योजना के लाभ के लिए अपात्र घोषित हैं.
साथ ही साथ योजना में पात्रता हेतु ऐसे परिवार जिसमें पति-पत्नी तथा दो नाबालिग बच्चे हों, को एक यूनिट माना गया है. यदि ऐसे परिवारों में त्रुटिवश एक से अधिक व्यक्तियों को योजना का लाभ मिल रहा हो, तो अब तक प्राप्त हो चुकी धनराशि को नियमानुसार वापस किया जाना अनिवार्य है. उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि गाइडलाइन के अनुसार जारी श्रेणियों के अंतर्गत आने वाले अपात्र व्यक्ति यदि त्रुटिवश योजना का लाभ ले रहे हैं तो वे अब तक प्राप्त हुई किश्तों की धनराशि निम्नानुसार भारत सरकार के पोर्टल 'भारतकोष डाॅट जीओवी डाट इन' पर ऑनलाइन जमाकर उसकी एक प्रति उप कृषि निदेशक कार्यालय गोण्डा में जमा कर दें. अपात्र कृषकों द्वारा त्रुटिवश प्राप्त की गई धनराशि वापस न करने की स्थिति में भू-राजस्व नियमों के अनुसार वसूली की जाएगी.