गाजीपुर: जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में आतंकी हमले में गाजीपुर के लाल महेश कुशवाहा शहीद हो गये. देर रात 1 बजे उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव जैतपुरा पहुंचा. भारी संख्या में लोग शहीद के अंतिम दर्शन करने पहुंचे. वहीं, यूपी सरकार के राज्यमंत्री नीलकंठ तिवारी मुख्यमंत्री की तरफ से परिजनों से मिलने पहुंचे. लेकिन मंत्री के सामने परिजनों ने कहा कि जब तक योगी नहीं आएंगे तब तक शहीद को अंतिम विदाई नहीं देंगे.शहीद के घर तक पहुंचने के लिए सड़क तक नहीं है, जिसको लेकर परिजनों ने शिकायत की. तब मंत्री नीलकंठ तिवारी ने शहीद के घर तक सड़क बनाने की बात कही. उन्होंने कहा कि सड़क का नाम शहीद के नाम पर रखा जाएगा. इस बाबत उन्होंने जिलाधिकारी के बालाजी के निर्देश भी दिए है.
गाजीपुर का लाल शहीद:
- शहीद महेश कुशवाहा जैतपुरा के रहने वाले थे.
- 2010 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे.
- शहीद के पिता को बुधवार हार्ट अटैक आया था,जो अस्पताल में भर्ती हैं.
- शहीद महेश अपने पीछे दो मासूम बच्चों को छोड़ गए हैं
- शहीद की पहली पोस्टिंग 2010 में छत्तीसगढ़ में हुई थी.
- उनकी पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में सीआरपीएफ की 116वीं बटालियन में थी.
पत्नी को अस्पताल में कराना पड़ा भर्ती
- पति के शहीद होने की खबर के बाद पत्नी की तबीयत खराब हो गई और उन्हें भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
मुख्यमंत्री योगी ने मुझे यह भेजा है.जल्द ही परिजनों के खातों में आर्थिक सहायता पहुंच जाएगी. परिवार के एक सदस्य जिसको पात्रता के अनुरूप नौकरी भी दी जाएगी. हमारी सरकार लगातार आतंकवाद से निपटने का काम कर रही है. आगे भी करती रहेगी. पूरा देश इस दुख की घड़ी में शहीद परिवार के साथ है.
नीलकंठ तिवारी ,राज्यमंत्री ,यूपी सरकार