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गाजीपुर में शिक्षकों ने जलाया शासनादेश, नये शासनादेश की मांग - गाजीपुर में शिक्षकों ने जलाया शासनादेश

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में शिक्षकों ने मिनिमम पे स्केल नई सेवा नियमावली से जुड़ी शासनादेश की प्रतियों को जलाया. शिक्षकों की मांग है कि हाईकोर्ट के आदेश के अनुरूप नया शासनादेश जारी किया जाए.

शिक्षकों ने जलाया शासनादेश
गाजीपुर में शिक्षकों ने जलाया शासनादेश
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Published : Mar 19, 2020, 11:13 AM IST

Updated : Mar 19, 2020, 3:27 PM IST

गाजीपुर: जिला मुख्यालय पर शिक्षकों ने मिनिमम पे स्केल नई सेवा नियमावली से जुड़ी शासनादेश की प्रतियों को जलाकर अपना विरोध जताया. शिक्षकों ने कहा कि शासनादेश में कुछ भी स्पष्ट नहीं है. यह शासनादेश शिक्षा को ठेकेदारी व्यवस्था पर चलाने की एक प्रक्रिया है. सरकार हाईकोर्ट के मंशा के अनुरूप नया शासनादेश जारी करे.

गाजीपुर में शिक्षकों ने जलाया शासनादेश
शिक्षक संघ पदाधिकारी विनय कुमार मालवीय ने बताया कि शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. कोर्ट के आदेश के कॉम्पलाइन्स के संदर्भ में डॉ नीरज श्रीवास्तव ने याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि शिक्षकों को मिनिमम पे स्केल का भुगतान हो. नई सेवा नियमावली बनाई जाए, साथ ही नियमित शिक्षक का दर्जा प्रदान किया जाए.इसे भी पढ़ें:-कोरोना संकट पर आज पीएम मोदी का संबोधन, अब तक 150 से ज्यादा लोग संक्रमित

यूपी सरकार ने 13 मार्च 2020 को एक शासनादेश जारी किया. शासनादेश में सभी बातें गोल मटोल है, जिसमें कुछ भी स्पष्ट नहीं हो पा रहा है. यह शासनादेश शिक्षा को ठेकेदारी व्यवस्था पर चलाने की एक प्रक्रिया है, जिसमें शिक्षकों और छात्रों का शोषण हो रहा है.
विनय कुमार मालवीय,महामंत्री , शिक्षक संघ

गाजीपुर: जिला मुख्यालय पर शिक्षकों ने मिनिमम पे स्केल नई सेवा नियमावली से जुड़ी शासनादेश की प्रतियों को जलाकर अपना विरोध जताया. शिक्षकों ने कहा कि शासनादेश में कुछ भी स्पष्ट नहीं है. यह शासनादेश शिक्षा को ठेकेदारी व्यवस्था पर चलाने की एक प्रक्रिया है. सरकार हाईकोर्ट के मंशा के अनुरूप नया शासनादेश जारी करे.

गाजीपुर में शिक्षकों ने जलाया शासनादेश
शिक्षक संघ पदाधिकारी विनय कुमार मालवीय ने बताया कि शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. कोर्ट के आदेश के कॉम्पलाइन्स के संदर्भ में डॉ नीरज श्रीवास्तव ने याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि शिक्षकों को मिनिमम पे स्केल का भुगतान हो. नई सेवा नियमावली बनाई जाए, साथ ही नियमित शिक्षक का दर्जा प्रदान किया जाए.इसे भी पढ़ें:-कोरोना संकट पर आज पीएम मोदी का संबोधन, अब तक 150 से ज्यादा लोग संक्रमित

यूपी सरकार ने 13 मार्च 2020 को एक शासनादेश जारी किया. शासनादेश में सभी बातें गोल मटोल है, जिसमें कुछ भी स्पष्ट नहीं हो पा रहा है. यह शासनादेश शिक्षा को ठेकेदारी व्यवस्था पर चलाने की एक प्रक्रिया है, जिसमें शिक्षकों और छात्रों का शोषण हो रहा है.
विनय कुमार मालवीय,महामंत्री , शिक्षक संघ

Last Updated : Mar 19, 2020, 3:27 PM IST
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