गाजीपुर: जनपद के राजापुर ग्रामसभा में ग्राम प्रधान अश्वनी कुमार राय ने स्वच्छता मिशन को बढ़ावा दिया है. उन्होंने नई सोच से ट्रेन के डिब्बे की तरह शौचालय का निर्माण करवाया है. इसको स्वच्छता एक्सप्रेस राजापुर का नाम दिया गया है. यात्रियों के लिए एक खुशखबरी है कि अब स्वच्छता एक्सप्रेस राजापुर से चलकर लखनऊ जंक्शन तक पहुंचेगी.
स्वच्छता एक्सप्रेस राजापुर शौचालय की खासियत
2 लाख की लागत से बने स्वच्छता एक्सप्रेस राजापुर शौचालय जिले में चर्चा का विषय बन गया है. ग्राम प्रधान अश्वनी कुमार राय ने इसके जरिए लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक रहने का संदेश दिया है. केंद्र सरकार स्वच्छता मिशन को गांव-गांव तक पहुंचाना चाहती है. वहीं, इसी कड़ी में ग्राम प्रधान अश्वनी ने भी तीन डिब्बे के आकार का शौचालय बनाकर समाज में लोगों को मैसेज देने की कोशिश की और सरकार की मनसा अनुरूप विकास और योजनाओं को गांवों में पहुंचाने का एक प्रयास किया है. राजापुर ग्रामसभा का पंचायत सचिवालय भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है. इसके निर्माण में करीब 19 लाख रुपये की लागत लगी है.
स्वच्छता मिशन को नई दिशा
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रत्येक ग्राम सभा में सामुदायिक शौचालयों और पंचायत सचिवालय के निर्माण के लिए बजट भेजा था. लेकिन, सरकार का पिछला अंतिम कार्यकाल और ग्राम प्रधानों का भी अंतिम कार्यकाल होने की वजह से इन दोनों योजनाओं में घोटाला किया गया. उसकी वजह गाजीपुर जिले के कई गांव में अभी तक सामुदायिक शौचालय और पंचायत सचिवालय बनकर तैयार नहीं हुए हैं. अगर कहीं बन भी गए हैं तो उसमें ताले लगे हुए हैं. लेकिन, राजापुर ग्राम सभा के ग्राम प्रधान अश्वनी कुमार ने पंचायत सचिवालय का निर्माण कुछ इस तरह कराया है, जिसमें गांव के युवाओं के लिए आय, जाति निवास प्रमाण पत्र निशुल्क रूप से 10 दिन के अंदर उपलब्ध कराए जाते हैं. वहीं, अधिकारियों के लिए मीटिंग हॉल और कर्मचारियों की उपस्थिति के लिए थम्ब स्कैनिंग अनिवार्य कर दिया गया है.
ग्राम प्रधान ने स्वच्छता एक्सप्रेस राजापुर शौचालय का निमार्ण करवाकर राजापुर जंक्शन से लखनऊ जंक्शन पहुंचने का संदेश दिया है. ग्राम प्रधान अश्वनी राय ने बताया कि हमारी सोच थी कि कुछ ऐसा किया जाए, जो सबसे अलग हो और इसी सोच के चलते मैंने इन कामों को कराया है, जिसको लेकर जनपद के स्वच्छ और सुंदर ग्राम सभा के मामले में मुख्यमंत्री द्वारा भी सम्मानित किए जा चुके हैं.
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ग्राम प्रधान अश्वनी कुमार ने स्वच्छता एक्सप्रेस की देखभाल के लिए दो महिलाओं को भी नियुक्त कर दिया है, जो सामुदायिक शौचालय की देख-रेख करती हैं. ग्रामीणों ने बताया कि इनके सचिवालय बन जाने से अब इन लोगों को ब्लॉक, तहसील और जिला मुख्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ते हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि गांव के छोटे-मोटे झगड़े को भी इसी सचिवालय पर निपटा दिया जाता है, जिससे कि गांव के मामले थाने तक कम पहुंचते हैं.
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