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गाजीपुर: विभिन्न मांगों को लेकर राजभर समाज के लोगों ने दिया धरना - गाजीपुर की खबर

गाजीपुर में राजभर समुदाय के लोगों ने 27 फीसदी आरक्षण के सरकार के वादे को दोबारा याद दिलाते हुए धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री को नामित ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा.

धरना प्रदर्शन करते राजभर समुदाय के लोग.
धरना प्रदर्शन करते राजभर समुदाय के लोग.
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Published : Sep 30, 2020, 3:13 AM IST

गाजीपुर: राजभर समुदाय के लोगों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर गाजीपुर केशरी पांडे पार्क पर धरना दिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि राजभर जाति की आर्थिक, सामाजिक, शैक्षिक स्थिति काफी दयनीय है. यदि सरकार ने आरक्षण और उनकी स्थिति पर ध्यान नहीं दिया तो यह धरना लगातार जारी रहेगा. अपनी मांगों से जुड़ा मुख्यमंत्री को नामित ज्ञापन उन्होंने तहसीलदार को सौंपा.

राजभर समुदाय के लोगों ने 27 फीसदी आरक्षण के सरकार के वादे को दोबारा याद दिलाते हुए उसे पूरा करने की मांग की. उन्होंने कहा कि विसंगतियों की वजह से उन्हें 27 प्रतिशत आरक्षण का पूरा फायदा नहीं मिल पाता. बता दें कि पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर भी लगातार 27 फीसदी आरक्षण की मांग करते रहे हैं. इसके लिए उन्होंने बाकायदा शासनादेश का भी हवाला दिया.

पूर्व मंत्री के मुताबिक शासनादेश सं.-899(ए)-26-700(5)-1959 तथा 12 मई 1951 द्वारा नियुक्त जाति की मान्यता दी गई है. शासनादेश सं.-899(5)-26-700 तथा 12 मई 1961 द्वारा अनुसूचित जाति के रूप में मान्यता दी गई. शासनादेश सं.-1432/26-3-86-11 (वि.सं.) 86 दिनांक 10 जुलाई 1986 द्वारा अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता प्राप्त है. इसको विमुक्त जाति का प्रमाणपत्र जारी किया जाता, लेकिन नौकरी में एवं अन्य सुविधाएं जो एसटी जातियों को मिलती हैं, वह राजभर समुदाय को नहीं मिलती.

राजभर समुदाय ने कहा कि इस भेदभाव और अन्याय को लेकर वह लगातार प्रदर्शन करते रहेंगे. वह बार-बार लोकतांत्रिक तरीके से धरना के माध्यम से शासन-प्रशासन से अपनी मांग करते रहेंगे. लेकिन अफसोस है कि सरकार द्वारा इस तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा. अंत में उन्होंने मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा.

गाजीपुर: राजभर समुदाय के लोगों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर गाजीपुर केशरी पांडे पार्क पर धरना दिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि राजभर जाति की आर्थिक, सामाजिक, शैक्षिक स्थिति काफी दयनीय है. यदि सरकार ने आरक्षण और उनकी स्थिति पर ध्यान नहीं दिया तो यह धरना लगातार जारी रहेगा. अपनी मांगों से जुड़ा मुख्यमंत्री को नामित ज्ञापन उन्होंने तहसीलदार को सौंपा.

राजभर समुदाय के लोगों ने 27 फीसदी आरक्षण के सरकार के वादे को दोबारा याद दिलाते हुए उसे पूरा करने की मांग की. उन्होंने कहा कि विसंगतियों की वजह से उन्हें 27 प्रतिशत आरक्षण का पूरा फायदा नहीं मिल पाता. बता दें कि पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर भी लगातार 27 फीसदी आरक्षण की मांग करते रहे हैं. इसके लिए उन्होंने बाकायदा शासनादेश का भी हवाला दिया.

पूर्व मंत्री के मुताबिक शासनादेश सं.-899(ए)-26-700(5)-1959 तथा 12 मई 1951 द्वारा नियुक्त जाति की मान्यता दी गई है. शासनादेश सं.-899(5)-26-700 तथा 12 मई 1961 द्वारा अनुसूचित जाति के रूप में मान्यता दी गई. शासनादेश सं.-1432/26-3-86-11 (वि.सं.) 86 दिनांक 10 जुलाई 1986 द्वारा अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता प्राप्त है. इसको विमुक्त जाति का प्रमाणपत्र जारी किया जाता, लेकिन नौकरी में एवं अन्य सुविधाएं जो एसटी जातियों को मिलती हैं, वह राजभर समुदाय को नहीं मिलती.

राजभर समुदाय ने कहा कि इस भेदभाव और अन्याय को लेकर वह लगातार प्रदर्शन करते रहेंगे. वह बार-बार लोकतांत्रिक तरीके से धरना के माध्यम से शासन-प्रशासन से अपनी मांग करते रहेंगे. लेकिन अफसोस है कि सरकार द्वारा इस तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा. अंत में उन्होंने मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा.

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