गाजीपुर : देश के सबसे लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 नवंबर को करेंगे. इसको लेकर शासन-प्रशासन स्तर पर तैयारियां शुरू हो गई हैं. 340.824 किमी लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे में उत्तर प्रदेश के 9 जिले लखनऊ, सुल्तानपुर, फैजाबाद, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, बाराबंकी, अमेठी, मऊ और गाजीपुर से होकर गुजरेगा.
अगर हम जनपद गाजीपुर की बात करें तो, जिले के ग्रामीण क्षेत्र में यह सड़क जाकर खत्म होती है. इस सड़क के बन जाने से यहां के किसानों को सबसे अधिक फायदा होने वाला है. क्योंकि यह इलाका सब्जी उगाने में सबसे आगे रहा है, लेकिन इनकी सब्जियों का उचित मूल्य नहीं मिलने के कारण इन्हें औने-पौने दाम पर बेचना पड़ता था. वहीं, यहां के लोगों को अपने गांव से गोरखपुर या फिर आजमगढ़ की मंडी में सब्जी ले जाने में पूरी रात का समय लगाता है. लेकिन अब अपने गांव से बैठकर सीधे राजधानी लखनऊ या फिर उसके आसपास के मंडियों में अपनी सब्जी बेच सकते हैं.
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को लेकर ग्रामीणों ने बताया कि इसके बन जाने से बेरोजगारी भी खत्म होगी. साथ ही साथ स्वास्थ्य को लेकर एक बड़ी राहत मिलेगी. क्योंकि अब गंभीर मरीज 4 घंटे में लखनऊ भी पहुंच सकते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे योगी सरकार की तरफ से ग्रामीणों के लिए बहुत बड़ा तोहफा है. इस तोहफे को पाने के बाद उनकी आने वाली पीढियां भी योगी सरकार का धन्यवाद करेंगी.
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तकरीबन 340.82 किलोमीटर लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का 16 नवंबर को सुलतानपुर में लोकार्पण कर सूबे को तोहफा देंगे. यह एक्सप्रेस-वे लखनऊ को पूर्वी उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले से जोड़ेगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में करीब 42 हजार करोड़ रुपए की लागत से तैयार कराया गया 340.82 किमी लंबा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे प्रधानमंत्री जनता को सौंपेंगे.
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट कहे जाने वाले पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास जुलाई 2018 में आजमगढ़ में प्रधानमंत्री मोदी ने किया था. इस एक्सप्रेस-वे को पूर्वी यूपी के लिए लाइफ लाइन कहा जा रहा है. लखनऊ से आजमगढ़ और मऊ होते हुए गाजीपुर तक 340.824 किमी लंबे इस एक्सप्रेस-वे पर वाहनों के फर्राटा भरने से जहां समय के लिहाज से पूर्वी और पश्चिमी यूपी के बीच की दूरी कम हो जाएगी, वहीं व्यापार और वाणिज्य को पंख लगेंगे.
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