गाजीपुर: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर शुक्रवार को गाजीपुर के जहुराबाद विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ताओं और समर्थकों के कार्यक्रम में पहुंचे. यहां उन्होंने नए संसद भवन के उद्घाटन का विरोध करने वाले नेताओं को मीडिया के सामने करारा जवाब दिया. कहा कि विपक्षी नेताओं का दलित प्रेम उछल-उछल कर सामने आ रहा है, जबकि यही नेता राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को जब हमने वोट किया था तो हमसे सवाल पूछ रहे थे. आज दलित प्रेम बढ़ रहा है.
उन्होंने कहा कि तब दलित प्रेम कहां था, जब एक दलित महिला को राष्ट्रपति बनाना था, तब तो सामान्य वर्ग की बात हो रही थी. यह सिर्फ विरोध करने के लिए हो रहा है. अगर विरोध करना ही है तो यह सारा विपक्ष एक क्यों नहीं हो जाता. उन्होंने कहा कि जिसकी सत्ता है, उसको अधिकार है वह चाहे जो करे. संसद का उद्घाटन करे या कुछ और. उन्होंने विपक्ष के विरोध को कटघरे में खड़ा करते हुऐ कहा कि अखिलेश अलग चिल्ला रहे हैं.
मायावती अलग बोल रही हैं, सोनिया भी अलग हैं, लालू-नीतीश, ममता और केसीआर भी अलग विरोध कर रहे हैं. इस तरह के विरोध से क्या होगा. सब लोग एक क्यों नहीं हो जाते. उन्होंने 2000 के नोट की बंदी पर कहा कि सरकार को 500 के भी नोट बंद कर देने चाहिए, जिससे भ्रष्टाचार पर लगाम लग सके. सबसे बड़ा नोट ₹100 का ही होना चाहिए.
राजभर ने कहा कि विपक्ष नए संसद भवन के नाम पर दलित वोट कार्ड खेलने का काम कर रहा है. विपक्ष का मांग है कि सर्वोच्च पद राष्ट्रपति का होता है. इसलिए वह उद्घाटन करें. इस पर उन्होंने कहा कि विपक्ष इस बात को कह रहा है तो वे एक साथ होकर सत्ता क्यों नहीं ले ले रहे. यह विपक्ष सिर्फ विरोध करने के लिए है. सत्ता उनकी है और उसके वह मालिक हैं तो वह चाहे जो बनाएं उसको लेकर क्या मतलब है. उनकी जो मर्जी है, वह करें, आपके चिल्लाने से क्या होगा. यदि आप लोगों को तकलीफ है तो आप लोग एकजुटता क्यों नहीं बनाते. मायावती अलग, अखिलेश अलग, ममता अलग चिल्ला रही हैं. सभी एक क्यों नहीं हो जाते. पहले वह खुद एक हों तब आगे की लड़ाई लड़ें.