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गाजीपुरः प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत, अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप

यूपी के गाजीपुर जिले में प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत का मामला सामने आया है. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल की लापरवाही से प्रसूता की जान गई है. वहीं एसीएमओ ने बताया की अस्पताल पंजीकृत नहीं था. इस पर एसीएमओ डॉक्टर प्रगति कुमार ने कार्रवाई करते हुए अस्पताल को सीज कर दिया.

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प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत.
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Published : Apr 16, 2020, 8:04 PM IST

गाजीपुरः पूरे देश में लॉकडाउन के बावजूद फर्जी अस्पतालों का संचालन लगातार जारी है. बृहस्पतिवार को जिले में एक झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से बच्चे की डिलीवरी के दौरान प्रसूता की जान चली गई. पूरा मामला जंगीपुर के नागतारा का है. जहां गणपति हॉस्पिटल में डिलीवरी के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत हो गई. इसके बाद गुस्साए परिजनों ने हंगामा खड़ा कर दिया. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने संबंधित के खिलाफ मामला दर्ज कर अस्पताल सीज कर दिया.

प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत.

मृतका के पति ने बताया कि डिलीवरी कराने के नाम पर अस्पताल ने 22 हजार रुपये लिए. डिलीवरी के दौरान महिला की हालत खराब हो गई. जिसके बाद अस्पताल ने उसे रेफर करने की बात कही. पति ने बताया कि मृतिका को सांस लेने में समस्या हो रही थी. परिजनों ने ऑक्सीजन लगाकर रेफर करने की गुजारिश की, लेकिन डॉक्टरों ने ऐसा नहीं किया.

इसे भी पढ़ें- गाजीपुर: लॉकडाउन के कारण काम न मिलने से भुखमरी की कगार पर दिहाड़ी मजदूर

सूचना पाकर मौके पर पहुंचे एसीएमओ डॉक्टर प्रगति कुमार ने बताया कि जानकारी मिली कि अंधऊ के नागतारा के पास गणपति नाम का एक अस्पताल चल रहा है. जहां डिलीवरी के दौरान प्रसूता की मौत हो गई. उन्होंने बताया कि जांच में यह अस्पताल पंजीकृत नहीं पाया गया है. फर्जी तरीके से यह अस्पताल चल रहा था. अस्पताला के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जा रहा है.

गाजीपुरः पूरे देश में लॉकडाउन के बावजूद फर्जी अस्पतालों का संचालन लगातार जारी है. बृहस्पतिवार को जिले में एक झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से बच्चे की डिलीवरी के दौरान प्रसूता की जान चली गई. पूरा मामला जंगीपुर के नागतारा का है. जहां गणपति हॉस्पिटल में डिलीवरी के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत हो गई. इसके बाद गुस्साए परिजनों ने हंगामा खड़ा कर दिया. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने संबंधित के खिलाफ मामला दर्ज कर अस्पताल सीज कर दिया.

प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत.

मृतका के पति ने बताया कि डिलीवरी कराने के नाम पर अस्पताल ने 22 हजार रुपये लिए. डिलीवरी के दौरान महिला की हालत खराब हो गई. जिसके बाद अस्पताल ने उसे रेफर करने की बात कही. पति ने बताया कि मृतिका को सांस लेने में समस्या हो रही थी. परिजनों ने ऑक्सीजन लगाकर रेफर करने की गुजारिश की, लेकिन डॉक्टरों ने ऐसा नहीं किया.

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सूचना पाकर मौके पर पहुंचे एसीएमओ डॉक्टर प्रगति कुमार ने बताया कि जानकारी मिली कि अंधऊ के नागतारा के पास गणपति नाम का एक अस्पताल चल रहा है. जहां डिलीवरी के दौरान प्रसूता की मौत हो गई. उन्होंने बताया कि जांच में यह अस्पताल पंजीकृत नहीं पाया गया है. फर्जी तरीके से यह अस्पताल चल रहा था. अस्पताला के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जा रहा है.

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