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सिद्धपीठ हथियाराम में मां वृद्धा अंबिका बुढ़िया माई के दरबार में मनोज सिन्हा ने टेका मत्था

गाजीपुर में जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा जिले के पश्चिमी छोर पर स्थित सिद्धपीठ हथियाराम में मां वृद्धा अंबिका बुढ़िया माई के दरबार में पहुंचे. यहां की गुरु परंपरा दत्तात्रेय, सुखदेव शंकराचार्य से प्रारंभ होती है.

उप राज्यपाल मनोज सिंहा
उप राज्यपाल मनोज सिंहा
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Published : Dec 25, 2021, 10:52 PM IST

गाजीपुर: जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने अपने गृह जनपद के तीन दिवसीय प्रवास के क्रम में शनिवार को पश्चिमी छोर पर स्थित सिद्धपीठ हथियाराम में मां वृद्धा अंबिका बुढ़िया माई के दरबार में शीश नवा कर देश और जम्मू कश्मीर की खुशहाली की कामना की.

मठ के महंत और जूना अखाड़ा के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी भवानी नंदन यति जी महाराज से मिलकर चरणों में प्रणाम निवेदित कर आशीष प्राप्त किया.

सिद्ध पीठ हथियाराम मठ जनपद गाजीपुर में लोक आस्था का केंद्र है. अगर इसे एक लोक तीर्थ की संज्ञा दी जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी. सिद्ध पीठ हथियाराम मठ गाजीपुर जनपद के पश्चिमी सिरे पर बेसो तट पर स्थित एक लोक तीर्थ है.

जन श्र्खिरुतियों, पत्र-पत्रिकाओं और हस्तलखित साक्ष्य के अनुसार यह स्थल विगत 800 सालों से सांस्कृतिक आध्यात्मिक प्रेरणा स्थल के रूप में लोक आस्था का केंद्र बना हुआ है.

इसे भी पढ़ेंः भाजपा कार्यकर्ताओं के ऊपर उठने वाली उंगली नहीं बचेगी सलामत: मनोज सिन्हा

यहां की गुरु परंपरा दत्तात्रेय, सुखदेव शंकराचार्य से प्रारंभ होती है. सिद्ध योगी श्री श्याम नाथ यति जी महाराज के नाम का उल्लेख हथियाराम मठ के संस्थापक महंत के रूप में मिलता है.

मठ परिसर में लकवा ग्रस्त असाध्य रोग भी प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से उपचार कराकर मां का आशीर्वाद प्राप्त करके चल कर वापस जाते देखे गए हैं.

भगवान भास्कर की किरणों को लकवा ग्रस्त अंग पर 'दिव्य दर्पण' द्वारा परिवर्तित किया जाता है. ये पद्धति सैकड़ों साल से चली आ रही है, इसके चमत्कारिक परिणाम मिलते हैं.

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गाजीपुर: जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने अपने गृह जनपद के तीन दिवसीय प्रवास के क्रम में शनिवार को पश्चिमी छोर पर स्थित सिद्धपीठ हथियाराम में मां वृद्धा अंबिका बुढ़िया माई के दरबार में शीश नवा कर देश और जम्मू कश्मीर की खुशहाली की कामना की.

मठ के महंत और जूना अखाड़ा के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी भवानी नंदन यति जी महाराज से मिलकर चरणों में प्रणाम निवेदित कर आशीष प्राप्त किया.

सिद्ध पीठ हथियाराम मठ जनपद गाजीपुर में लोक आस्था का केंद्र है. अगर इसे एक लोक तीर्थ की संज्ञा दी जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी. सिद्ध पीठ हथियाराम मठ गाजीपुर जनपद के पश्चिमी सिरे पर बेसो तट पर स्थित एक लोक तीर्थ है.

जन श्र्खिरुतियों, पत्र-पत्रिकाओं और हस्तलखित साक्ष्य के अनुसार यह स्थल विगत 800 सालों से सांस्कृतिक आध्यात्मिक प्रेरणा स्थल के रूप में लोक आस्था का केंद्र बना हुआ है.

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यहां की गुरु परंपरा दत्तात्रेय, सुखदेव शंकराचार्य से प्रारंभ होती है. सिद्ध योगी श्री श्याम नाथ यति जी महाराज के नाम का उल्लेख हथियाराम मठ के संस्थापक महंत के रूप में मिलता है.

मठ परिसर में लकवा ग्रस्त असाध्य रोग भी प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से उपचार कराकर मां का आशीर्वाद प्राप्त करके चल कर वापस जाते देखे गए हैं.

भगवान भास्कर की किरणों को लकवा ग्रस्त अंग पर 'दिव्य दर्पण' द्वारा परिवर्तित किया जाता है. ये पद्धति सैकड़ों साल से चली आ रही है, इसके चमत्कारिक परिणाम मिलते हैं.

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