गाजीपुरः जिले के नोनाहरा के बाद सैदपुर भीतरी गांव में तेंदुए का बच्चा देखे जाने की सूचना मिली थी. खेतों में पंजे के निशान के आधार पर वन रेंजर उसकी तलाश में जुटे हुए थे. पिछले 2 दिनों से तेंदुए के बच्चे की खोजबीन जारी थी. संभावित स्थानों पर जाल लगाए गए थे. रविवार सुबह तेंदुआ तो नहीं बल्कि लकड़बग्घा देखा गया.
डीएफओ गिरीश चंद्र ने बताया कि टीम तेंदुए के बच्चे की तलाश कर रही थी, लेकिन रविवार को एक लकड़बग्घा गांव में देखा गया. यह लकड़बग्घा मरे हुए जानवरों को अपना शिकार बनाते है, लेकिन मांस की कमी होने पर छोटे जानवरों पर भी हमला कर देते हैं. संभावित स्थलों पर 2 दिनों से खोजबीन की जा रही थी. फिलहाल तेंदुए की दहशत से गुजर रहे ग्रामीणों ने लकड़बग्घा मिलने पर थोड़ी राहत की सांस ली.
कुछ दिनों पूर्व नोनहरा के सुसुंडी गांव में एक तेंदुए की मौत हो गई. वहीं दूसरे तेंदुए को वन विभाग की टीम ने शक्करपुर गांव से कांबिंग कर जिंदा पकड़ने में कामयाबी हासिल की थी. सुसुंडी गांव में तीसरे तेंदुए के देखे जाने की खबर भी मिली थी. प्रशासन खोजबीन में जुटा रहा, वहीं सैदपुर भीतरी में भी तेंदुए के बच्चे के होने की सूचना से लोग आतंकित थे.